Saturday, November 23, 2024
Homeराजनीतिसनी देओल की दो टूक- यह हमारी सरकार और किसान के बीच का मसला,...

सनी देओल की दो टूक- यह हमारी सरकार और किसान के बीच का मसला, बीच में न आए कोई; उधर सिद्धू की जुबानी फैज की बोली

"मेरी पूरी दुनिया से विनती है कि यह किसान और हमारी सरकार का मामला है, इसके बीच में कोई ना आए क्योंकि दोनों आपस में बातचीत कर इसका हल निकालेंगे। मैं जानता हूँ कि कई लोग इसका फायदा उठाना चाहते हैं और वो लोग अड़चन डाल रहे हैं। वह किसानों के बारे में बिल्कुल नहीं सोच रहे उनका अपना ही खुद का कोई स्वार्थ हो सकता है।"

नए कृषि संबंधी कानूनों के विरोध में चल रहे किसानों के प्रदर्शन के बीच गुरदासपुर से भारतीय जनता पार्टी के सांसद और बॉलीवुड एक्टर सनी देओल ने रविवार ( 6 दिसंबर, 2020) को कहा कि वह अपनी पार्टी और किसान दोनों के साथ खड़े हैं। सरकार पर भरोसा जताते हुए उन्होंने मामले में दखल देने वाले को इससे दूर रहने के लिए भी कहा है।

बीजेपी सांसद सनी देओल ने ट्वीट के सहारे अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा, “मेरी पूरी दुनिया से विनती है कि यह किसान और हमारी सरकार का मामला है, इसके बीच में कोई ना आए क्योंकि दोनों आपस में बातचीत कर इसका हल निकालेंगे। मैं जानता हूँ कि कई लोग इसका फायदा उठाना चाहते हैं और वो लोग अड़चन डाल रहे हैं। वह किसानों के बारे में बिल्कुल नहीं सोच रहे उनका अपना ही खुद का कोई स्वार्थ हो सकता है।”

सनी देओल ने बयान में कहा है, “दीप सिद्धू, जो चुनाव के वक्त मेरे साथ था, लंबे समय से मेरे साथ नहीं है। वो जो कुछ कह रहा है और कर रहा है वो खुद अपनी इच्छा अनुसार कर रहा है। मेरा उसकी किसी भी गतिविधि से कोई संबंध नहीं है। मैं अपनी पार्टी और किसानों के साथ हूँ और हमेशा किसानों के साथ रहूँगा। हमारी सरकार ने हमेशा किसानों के भले के बारे में ही सोचा है और मुझे यकीन है कि सरकार उनके साथ बातचीत करके सही नतीजे पर पहुँचेगी।”

वहीं दूसरी और कॉन्ग्रेस नेता नवजोत सिंह ने पंजाब-हरियाणा के किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए फ़ैज़ अहमद की उस इस्लामवादी कविता का आह्वान किया जो सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान काफ़ी प्रचलित हुआ था। उन्होंने विरोध प्रदर्शनों के दृश्य के साथ एक वीडियो क्लिप ट्वीट किया है। इस वीडियो में फैज की कविता की लाइन ‘सब तख्त गिराए जाएँगे, सब ताज उछाले जाएँगे’ को सुना जा सकता है।

वहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) ने भी किसान विरोध के लिए अपने समर्थन की पुष्टि करने के लिए उसी कविता का आह्वान किया। जिनमें आगे की पंक्तियों के बोल है “बस नाम रहेगा अल्लाह का।”

बता दें इससे पहले शाहीन बाग ‘बिलकिस बानो‘ दादी को भी इन विरोध प्रदर्शनों में देखा गया था और वह इन विरोधों के बारे में बेहद मुखर रही हैं। पहले सिर्फ यह चिंता थी कि कहीं शाहीन बाग की तरह किसान विरोध-प्रदर्शन के दौरान भी दिल्ली की सड़कों को ब्लॉक न किया जाएँ। लेकिन अब तो इस विरोध प्रदर्शन में सीएए विरोध के दौरान लगाए गए नारे भी लगाए जाने लगे हैं।

गौरतलब है कि नए कृषि कानून के खिलाफ पंजाब से शुरू हुआ किसान विरोध-प्रदर्शन राजनीति के एक अलग पड़ाव का केंद्र बिंदु बन गया है। जिसमें विपक्षी पार्टियों के साथ-साथ खालिस्तानियों ने भी अपना कब्जा जमाना शुरू कर दिया है। इस प्रदर्शन की आड़ में विपक्षी राजनीतिक दल एक बेहद खतरनाक खेल खेलने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं किसान संगठनों ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ 8 दिसंबर को भारत बंद बुलाया है, जिसका अधिकतर विपक्षी समर्थन भी कर रहे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऋचा सोनी
ऋचा सोनी
No right No left to the point... “I still believe that if your aim is to change the world, journalism is a more immediate short-term weapon.”

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

शेख हसीना के तख्ता पलट के बाद बांग्लादेश का इस्लामीकरण: सरकार बनाएगी मदीना की तरह मस्जिद, इस्लाम और पैगंबर मुहम्मद की निंदा पर सजा-ए-मौत...

बांग्लादेश में इस्लामीकरण में अब युनुस सरकार के अलावा न्यायपालिका भी शामिल हो गई है। हाई कोर्ट ने ईशनिंदा पर मौत की सजा की सिफारिश की है।

संभल में मस्जिद का हुआ सर्वे तो जुमे पर उमड़ आई मुस्लिम भीड़, 4 गुना पहुँचे नमाजी: सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, ड्रोन निगरानी

संभल में विवादित जामा मस्जिद में जुमे की नमाज पर सामान्य दिनों के मुकाबले 4 गुना मुस्लिम आए। यह बदलाव मंदिर के दावे के बाद हुआ।
- विज्ञापन -