गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर जहाँ पूरे देश में 26 जनवरी को लेकर खुशी का माहौल था, उस समय जयपुर-भोपाल ट्रेन में पाकिस्तान जिंदाबाद और कश्मीर वापस लेंगे जैसे नारे लगाए गए। इस घटना के बाद पुलिस ने 4 युवकों को गिरफ्तार किया। पकड़े गए चारों युवक उज्जैन से अजमेर जा रहे थे।
आरोपितों के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 153(ख)(1)(क) के अंतर्गत कार्रवाई हुई है। इसके तहत 3 साल की सजा का प्रावधान है। चारों आरोपितों की ट्रेन के अंदर बैठे एक वीडियो भी सामने आई है। हालाँकि इसमें वह नारे लगाते नहीं दिखाई दे रहे।
दैनिक भास्कर के अनुसार, सोमवार रात जयपुर-भोपाल एक्सप्रेस उज्जैन जंक्शन से 8.20 पर छूटी थी। इसके बाद कोच नंबर डी-2 में कुछ युवकों को राष्ट्रविरोधी बातें करते सुना गया। जब अन्य यात्रियों ने इस पर आपत्ति जताई, तो चारों युवक व उनके साथ के लोग मारपीट पर आमादा हो गए।
गणतंत्र दिवस पर एक तरफ शांतिदूतों द्वारा ये भी चला रहे हैं
— Gaurav Tiwari (@adolitics) January 26, 2021
जयपुर-भोपाल एक्सप्रेस में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले चार युवक गिरफ्तार, केस दर्जhttps://t.co/ybtvSyzDju
बात बढ़ी तो अन्य यात्रियों ने पुलिस को इसकी सूचना दे दी। लेकिन तब तक सभी आरोपित फरार होने की कोशिश करने लगे। जब ट्रेन रात 9:20 पर नागदा जंक्शन पहुँची, तो वहाँ जीआरपी ने चार युवकों को हिरासत में ले लिया। वहीं इनके कुछ साथी फरार हो गए।
टीआई ने घटना के संबंध में बताया कि पकड़े गए युवकों में शाजापुर का अरशद और इमरान खान और उज्जैन के आगर रोड सम्राट नगर निवासी जैदखान व खंदार मोहल्ला निवासी साहेबुद्दीन हैं। चारों और फरार हुए उनके साथी अजमेर जा रहे थे।
बता दें कि इस पूरे मामले में उज्जैन के अंकपात मार्ग निवासी सूरज सेन ने शिकायत करवाई है। सूरज ने आरोपितों पर इल्जाम लगाया कि वह, देश विरोधी बातें कर रहे थे, इसलिए पहले उन्होंने उन सबको ऐसा करने से मना किया। लेकिन बात मानने की बजाय युवकों ने उन्हीं के साथ मारपीट शुरू कर दी।
गौरतलब है कि इससे पहले पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने का मामला दिल्ली के खान मार्केट से सामने आया था। स्थानीय लोगों की शिकायत पर पुलिस ने मौके पर पहुँच कर घटना में शामिल दो पुरुषों, एक नाबालिग और तीन महिलाओं को पकड़ा था। पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि इन लोगों ने यहाँ किराए पर बाइक्स लीं और एक-दूसरे से रेस लगाने लगे। इस दौरान उन्होंने एक-दूसरे का नाम देशों के नाम पर रखा, जिनमें पाकिस्तान भी शामिल था।