Sunday, April 28, 2024
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ऑक्सीजन सिलिंडर फटने से कोरोना अस्पताल में भीषण आग, 82 की मौत: बगदाद की घटना

जिस अस्पताल में आग लगी, पिछले साल ही उसका जीर्णोद्धार हुआ था। अस्पताल के डायरेक्टर और इंजीनियरिंग मेंटेनेंस हेड को गिरफ्तार कर लिया गया है। कई परिजन तो मृतकों का चेहरा तक नहीं पहचान पाए।

इराक की राजधानी बगदाद के एक कोरोना अस्पताल में आग लगने के कारण 82 लोगों की मौत हो गई है। इनमें से अधिकतर कोरोना संक्रमित मरीज और उनके परिजन थे। एक ऑक्सीजन सिलिंडर फटने के कारण ये हादसा हुआ। भ्रष्टाचार, कुप्रबंधन और जीर्ण-शीर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर से बेहाल अरब के इस मुल्क में शनिवार (अप्रैल 24, 2021) को हुई इस घटना के बाद शोक का माहौल है। आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि 110 लोग घायल भी हैं।

मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका भी जताई जा रही है। हादसा इब्न-अल-खातिब अस्पताल में हुआ। ये अस्पताल बगदाद से सटे एक पिछड़े इलाके में है, जिसे कोविड डेडिकेटेड अस्पताल बना दिया गया था। इसके पास स्मोक डिटेक्टर, स्प्रिंकलर सिस्टम या फायर होसेस जैसी कोई सुविधा नहीं है।

इराक के सिविल डिफेंस फोर्सेज के मुखिया खादिम बोहान ने कहा कि फॉल्स सीलिंग और ICU में कई ऐसे मेटेरियल्स का प्रयोग किया गया था, जो जल्दी आग पकड़ते हैं। इसी कारण आग काफी तेज़ी से फैली। उन्होंने कहा कि अगर स्मोक डिटेक्टर होता तो काफी लोगों की जान बचाई जा सकती थी। पिछले साल सिविल डिफेंस ने 18,500 इंस्पेक्शन किए थे, जिनमें से एक इस अस्पताल में भी था। लेकिन, सिफारिशों को नज़रअंदाज़ कर दिया गया।

अस्पताल से बचाए गए डॉक्टरों और अन्य लोगों ने कहा कि आग लगने के बाद अराजकता का माहौल हो गया था। अस्पताल में कोविड-19 मरीजों और उनके परिजनों की भीड़ थी। आधिकारिक रूप से परिजनों को कोरोना मरीजों को देखने आने पर प्रतिबंध है। लेकिन, अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ्सस्टफ्स की कमी के कारण परिजन ही देखभाल करते हैं। इराक में रोज 6000 से ज्यादा कोरोना केस आ रहे हैं और 50 लोगों की लगभग रोज मौत हो रही है।

1990 की शुरुआत से ही यहाँ के तानाशाह सद्दाम हुसैन पर कई अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण स्वास्थ्य सेवा को ठीक होने का मौका ही नहीं मिला। 2003 में अमेरिकी हमला और लूटपाट की घटनाओं के बाद मुल्क सिविल वार में फँस गया। इसके बाद खूँखार आतंकी संगठन ISIS ने लगभग एक तिहाई इलाके पर कब्ज़ा जमा लिया। सैकड़ों करोड़ डॉलर्स खर्च किए जाने के बावजूद अब यहाँ हालत ज्यों के त्यों है।

कई ऐसे अस्पताल हैं, जो भ्रष्टाचार के कारण सालों से निर्माणाधीन हैं। ऑक्सीजन का इस्तेमाल दुनिया भर के अस्पतालों में बढ़ रहा है, ऐसे में विशेषज्ञों ने आग से बचाव को लेकर पहले ही चेताया था। इस घटना के जाँच के आदेश दे दिए गए हैं। जिस अस्पताल में आग लगी, पिछले साल ही उसका जीर्णोद्धार हुआ था। अस्पताल के डायरेक्टर और इंजीनियरिंग मेंटेनेंस हेड को गिरफ्तार कर लिया गया है। कई परिजन तो मृतकों का चेहरा तक नहीं पहचान पाए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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