उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार कोरोना के खिलाफ लड़ाई में लगातार जोर-शोर से लगी हुई है। बेड उपलब्ध होने पर कोई भी सरकारी या निजी अस्पताल संक्रमित को भर्ती करने से मना करे यह सुनिश्चित करने को मुख्यमंत्री ने कहा है। साथ ही सरकारी अस्पताल में बेड उपलब्ध नहीं होने पर संबंधित अस्पताल मरीज को निजी चिकित्सालय में भेजे, ऐसी व्यवस्था को भी कहा है।
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, प्राइवेट हॉस्पिटल में मरीज भुगतान के आधार पर उपचार कराने में यदि सक्षम नहीं होगा, तो उस दशा में राज्य सरकार ‘आयुष्मान भारत योजना’ के तहत कम से कम दर पर वहाँ उसके इलाज का भुगतान करेगी। सीएम योगी ने स्पष्ट किया कि उपचार के अभाव में किसी भी मरीज का कोई नुकसान नहीं होना चाहिए। अगर दुर्भाग्य से मरीज की मौत होती है तो सरकार अपने खर्च से उसके धर्म के हिसाब से अंतिम संस्कार कराएगी।
यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी सरकारी अथवा निजी अस्पताल, बेड उपलब्ध होने पर कोविड पॉजिटिव मरीज को भर्ती के लिए मना न करे। यदि सरकारी अस्पताल में बेड उपलब्ध नहीं है तो संबंधित अस्पताल उसे निजी चिकित्सालय में संदर्भित करेगा: मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी महाराज
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) April 25, 2021
यूपी सरकार ने कहा है कि राज्य में ऑक्सीजन की कमी नहीं है। कई अख़बारों के संपादकों के साथ हुए वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि राज्य के किसी भी सरकारी या निजी कोविड अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी नहीं है। उन्होंने ब्लैक मार्केटिंग और होर्डिंग को ज़रूर समस्या बताया, साथ इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही। ऑक्सीजन की डिमांड, सप्लाई और डिस्ट्रीब्यूशन की लाइव ट्रैकिंग और ऑडिट के लिए IIT कानपुर, IIT BHU और IIM लखनऊ के साथ मिल कर काम किया जा रहा है।
खबर ये भी है कि सनसनी पैदा करने के लिए नोएडा के कुछ निजी अस्पतालों ने ऑक्सीजन व मेडिकल उपकरणों की कमी की बात फैलाई थी, जबकि ऐसी बात नहीं थी। उन्होंने कई ऐसे मरीजों को भर्ती कर रखा था, जिन्हें हॉस्पिटल में रहने की ज़रूरत ही नहीं। ऐसे कई अस्पतालों का निरीक्षण कर DM ने उनकी खिंचाई की और करीब 200 ऐसे बेड्स खाली कराने को कहा। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बिना ज़रूरत के ही कई लोग अस्पताल के बेड्स पर कब्ज़ा कर के बैठे हुए थे।
प्राइवेट हॉस्पिटल में मरीज भुगतान के आधार पर उपचार कराने में यदि सक्षम नहीं होगा, तो ऐसी दशा में राज्य सरकार आयुष्मान भारत योजना के तहत अनुमन्य दर पर वहां उसके इलाज का भुगतान करेगी। उपचार के अभाव में किसी भी मरीज का कोई नुकसान नहीं होना चाहिए: CM श्री @myogiadityanath जी महाराज
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) April 25, 2021
जिन अस्पतालों में इस प्रकार की गड़बड़ी पाई गई, वे हैं – GIMS यथार्थ, कैलाश, शारदा, जेपी, फोर्टिस, प्रकाश, सेक्टर 39 कोविड अस्पताल, इण्डोगल्फ, JR हॉस्पिटल, SRS, सूर्या और मेट्रो हॉस्पिटल शामिल हैं। ऐसे अस्पतालों पर कार्रवाई होगी जो बिना ज़रूरत के मरीजों को बेड्स दे रहे हैं। साथ ही कोविड मरीजों को लौटाने पर भी कार्रवाई होगी।