Sunday, September 8, 2024
Homeदेश-समाज'जमातियों के खिलाफ भौंक रहा था, अल्लाह ने जहन्नुम में सड़ने भेजा' - रोहित...

‘जमातियों के खिलाफ भौंक रहा था, अल्लाह ने जहन्नुम में सड़ने भेजा’ – रोहित सरदाना के निधन पर कट्टरपंथियों का जश्न

"वाह! ये एक बहुत ही अच्छी खबर है। रोहित सरदाना मर गया। गंदे लोगों की दुनिया को ज़रूरत नहीं है... मनोरोगी। मनोविकारी झूठा। नरसंहार को बढ़ावा देने वाला। उसे कभी भी एक पत्रकार के रूप में याद नहीं रखा जा सकता।"

‘आज तक’ के वरिष्ठ पत्रकार रोहित सरदाना का हृदयाघात के कारण निधन हो गया। वो कोरोना वायरस से संक्रमित थे। उनकी उम्र लगभग 40 वर्ष थी। उन्होंने ‘ज़ी न्यूज़’ पर ‘ताल ठोक के’ और ‘आज तक’ पर ‘दंगल’ जैसे डिबेट शो से ख्याति पाई थी। अब उनके निधन के बाद सोशल मीडिया में कुछ लोगों ने अनाप-शनाप बकना शुरू कर दिया है। ये लोग रोहित सरदाना के निधन पर जश्न मना रहे हैं।

‘इंडिया टुडे’ के पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने रोहित सरदाना के निधन को एक बुरी खबर बताते हुए ट्विटर पर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। इस ट्वीट को कोट करते हुए खुद को मुस्लिम और एक्टिविस्ट बताने वाले शरजील उस्मानी ने लिखा, “मनोरोगी। मनोविकारी झूठा। नरसंहार को बढ़ावा देने वाला। उसे कभी भी एक पत्रकार के रूप में याद नहीं रखा जा सकता।” कई लोगों ने शरजील को सोच-समझ कर लिखने को कहा।

वहीं ‘अली मौला’ नामक एक ट्विटर हैंडल ने लिखा, “वाह! ये एक बहुत ही अच्छी खबर है। रोहित सरदाना मर गया। गंदे लोगों की दुनिया को ज़रूरत नहीं है।”

इरफ़ान बसीर वानी ने फेसबुक पर लिखा, “वो मुस्लिमों के प्रति घृणा फैला रहे थे। पिछले साल वो तबलीगी जमातियों के खिलाफ भौंक रहे थे। बंगाल की रैली और कुंभ ज़रूरी नहीं थी, जो कोरोना फैला रहे थे। इसीलिए, अल्लाह ने योजना बनाई और उन्हें नरक के लिए चुना।”

एक वसीम ने लिखा, “एक घृणा फैलाने वाले का चैप्टर क्लोज हो गया।” अक्स नामक के हैंडल ने लिखा, “मुस्लिमों को पाकिस्तान भेजते-भेजते खुद जहन्नुम चले गए। वो ज़रूर नरक में खास जगह पर मजे कर रहे होंगे।” तारिक इदरसी ने लिखा, “मुझ पर यकीन कीजिए मैं ये सुन कर जरा भी दुःखी नहीं हूँ। कोई सहानुभूति नहीं।” इरम खान ने लिखा, “इसमें दिल टूटने की क्या बात है? वो सांप्रदायिक घृणा फैलाते हुए दिल तोड़ रहे थे।”

आरिफ नक्शबंदी ने लिखा, “अगर ये खबर सही है तो मुझे कोई सहानुभूति नहीं है। वो एक घृणा फैलाने वाले व्यक्ति थे, जो झूठ परोस रहे थे।” ओपुस ऑफ अली ने लिखा, “रोहित सरदाना का निधन हो गया। हाहा! जहन्नुम में सड़ो।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -