Saturday, May 4, 2024
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रतन टाटा की दरियादिली: कोविड से टाटा स्टील के कर्मचारी की मौत पर परिवार को रिटायरमेंट तक सैलरी

यदि कंपनी का कोई फ्रंटलाइन कर्मचारी काम के दौरान कोरोना संक्रमित हो जाता है और उसकी मृत्यु हो जाती है, तो कंपनी उसके बच्चों के ग्रैजुएट होने तक उनकी पढ़ाई का सारा खर्च वहन करेगी।

कोरोना से देश में लाखों की संख्या में लोगों की मौत हुई है और इससे तमाम परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूटा है। कोरोना से जान गँवाने वाले लोगों के पति या पत्नी अकेले हो गए हैं और बच्चे बेसहारा हो गए हैं। ऐसे में उनको राहत देने के लिए कॉरपोरेट कंपनियाँ तरह-तरह के प्रयास कर रही हैं। इसी कड़ी में टाटा स्टील ने एक बड़ा ऐलान किया है। 

टाटा स्टील ने कोविड-19 से प्रभावित अपने कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना की घोषणा की है। कंपनी ने घोषणा की कि यदि किसी कर्मचारी की कोविड से मृत्यु हो जाती है तो उनके परिवार को कर्मचारी के रिटायरमेंट की उम्र (60 साल) तक उस कर्मचारी का पूरा वेतन देती रहेगी। यह सैलरी उस कर्मचारी की आखिरी सैलरी के बराबर होगी। 

कंपनी ने सोशल मीडिया पर जारी एक बयान में कहा, कि कोविड से मरने वाले कर्मचारियों को हर संभव लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत परिवार को मृतक कर्मचारी द्वारा नामांकित व्यक्ति को 60 वर्ष की आयु तक वेतन मिलेगा। इसके साथ ही मेडिकल लाभ और आवासीय सुविधाओं का लाभ भी उठाया जा सकेगा।

बयान में आगे कहा गया, “कंपनी हमेशा स्टील की ढाल रही है, हर समय अपने हितधारकों का समर्थन करती है। यह समय अलग नहीं है। टाटा स्टील परिवार अपने सभी लोगों के साथ खड़ा है, उनकी सुरक्षा और भलाई के लिए प्रतिबद्ध है।”

यदि कंपनी का कोई फ्रंटलाइन कर्मचारी काम के दौरान कोरोना संक्रमित हो जाता है और उसकी मृत्यु हो जाती है, तो कंपनी उसके बच्चों के ग्रैजुएट होने तक उनकी पढ़ाई का सारा खर्च वहन करेगी। कंपनी ने योजनाओं की घोषणा करते हुए ट्विटर पर लिखा, “टाटा स्टील ने कोविड-19 से प्रभावित कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का विस्तार कर के #AgilityWithCare का रास्ता अपनाया है। हम सभी से आग्रह करते हैं कि वे इन कठिन परिस्थितियों से निपटने के लिए अपने आसपास के लोगों की हर संभव मदद करें।”

कोविड के दौरान और उसके बाद टाटा की परोपकारी परियोजनाएँ

कोविड महामारी के दौरान, टाटा समूह कई अन्य कॉरपोरेट घरानों के साथ जरूरतमंद लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए आगे आया। मार्च 2020 में, समूह ने कोविड -19 महामारी से लड़ने के लिए 500 करोड़ रुपए का योगदान दिया। अप्रैल 2021 में, जब देश गंभीर चिकित्सा ऑक्सीजन की कमी का सामना कर रहा था, स्टील इंडस्ट्री ने अस्पतालों को ऑक्सीजन प्रदान करने के लिए कदम बढ़ाया। 1 अप्रैल से 18 मई के बीच कंपनी ने 30,000 टन से अधिक मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की।

अप्रैल में, कंपनी ने ऑक्सीजन परिवहन में सहायता के लिए 14 क्रायोजेनिक कंटेनरों का आयात किया।

26/11 हमले के दो हफ्ते बाद रतन टाटा ने आतंकी हमले से प्रभावित परिवारों को राहत देने के लिए ताज पब्लिक सर्विस वेलफेयर ट्रस्ट बनाया था। ट्रस्ट का काम 26/11 हमले तक ही सीमित नहीं है बल्कि युद्ध, आतंकवादी हमले, बम विस्फोट या प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसी भी भारतीय की सहायता तक है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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