साल 2019 के लोकसभा चुनावों में कॉन्ग्रेस से अमेठी छीनने के बाद अब भाजपा नेत्री स्मृति ईरानी का पूरा ध्यान रायबरेली पर है। पिछले साल दिसंबर में उन्होंने कहा था कि कॉन्ग्रेस से वह रायबरेली को भी छीन लेंगी और अब कुछ माह बाद ही उन्हें इस क्रम में एक बड़ी कामयाबी मिली है। रायबरेली में उन्हें जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा कमेटी) का चेयरपर्सन नियुक्त किया गया है। दिलचस्प बात यह है कि इससे पहले इस सीट पर सोनिया गाँधी का लगातार कब्जा था। लेकिन अब उन्हें इस पद से हटाकर उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं स्मृति ईरानी अमेठी के साथ रायबरेली की भी (दिशा) चेयरपर्सन बन गई हैं।
उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनावों के बाद निर्वाचित सांसदों की अध्यक्षता में दिशा समिति का गठन किया जाता है। इसका काम तीन-तीन माह में केंद्रीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना होता है। इस कमेटी के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का मनोनयन किए जाने के बाद डीएम के स्तर से ‘दिशा’ का गठन किया जाता है। इसमें सभी विधायक, ब्लॉक प्रमुखों और अन्य संसद सदस्यों को शामिल किया जाता है।
हालाँकि, साल 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार बनी और कई संसदीय क्षेत्रों में दिशा का गठन भी हुआ, मगर ग्रामीण विकास मंत्रालय ने रायबरेली के लिए दिशा के अध्यक्ष व सह अध्यक्ष का चयन नहीं किया। बाद में साल 2019 के अक्टूबर माह में तत्कालीन डीएम नेहा शर्मा ने ग्राम्य विकास आयुक्त को पत्र भेजकर दोनों पदों के लिए घोषणा करने का अनुरोध किया, जिसके बाद अब जाकर संसदीय क्षेत्र में दिशा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए नामों की घोषणा हुई। इसमें स्मृति ईरानी को अध्यक्ष पद दिया गया और उपाध्यक्ष पद सोनिया गाँधी को मिला।
मालूम हो कि एक ओर जहाँ सोनिया गाँधी लंबे समय से रायबरेली में दिशा समिति की चेयरपर्सन बनी हुई थीं और अब उन्हें पद से हटाकर उपाध्यक्ष बना दिया गया है। वहीं स्मृति ईरानी अमेठी जिले की जिला विकास एवं समन्वय अनुश्रवण समिति की चेयरपर्सन पहले से ही हैं, लेकिन अब उन्हें रायबरेली में भी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिल गई है। इस संबंध में डीएम वैभव श्रीवास्तव ने बताया कि दिशा का चेयरपर्सन ग्रामीण विकास मंत्रालय से तय हुआ है। अमेठी सांसद व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी दिशा की चयेरपर्सन और जिले की सांसद सोनिया गाँधी को को-चेयरपर्सन बनाया गया है। जल्द ही जिले में दिशा का गठन होगा।
बता दें कि साल 2020 में एक रैली के दौरान स्मृति ईरानी ने कॉन्ग्रेस के लिए खुली चुनौती जारी की थी। उन्होंने रैली में कहा था कि अगर कॉन्ग्रेस ने भाजपा कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने का प्रयास किया तो वह उनसे कॉन्ग्रेस की सीट भी छीन लेंगी। आज उनके दिशा कमेटी के अध्यक्ष बनने के बाद उनका यह बयान प्रासंगिक हो गया है, क्योंकि अभी 2024 के चुनावों को 3 साल शेष हैं, मगर उससे पहले ही सोनिया गाँधी का एक पद उनके नाम हो गया है। नीचे ANI न्यूज के यूट्यूब चैनल पर अपलोड वीडियो में आप अमेठी सांसद की चेतावनी को सुन सकते हैं।