Sunday, May 5, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय'टाइट कपड़े' पहनने पर तालिबान ने लड़की को भूना: इलाके पर कब्जा करते ही...

‘टाइट कपड़े’ पहनने पर तालिबान ने लड़की को भूना: इलाके पर कब्जा करते ही मस्जिदों से ऐलान- ‘सरकारी कर्मचारी अपनी पत्नियों को सौंप दें’

अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से तालिबानी आतंकी बेगुनाह लोगों को जबरन घरों से बाहर निकालकर मार रहे हैं। उन्होंने जिन इलाकों पर कब्जा किया है, वहाँ शरियत कानून लागू करते हुए महिलाओं को अकेले घर से निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

अफगानिस्तान में तालिबानी आतंकियों का आतंक दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। तालिबान के इस्लामी आतंकी क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए निर्दोष लोगों को भी मार रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबान ने एक 21 वर्षीय लड़की की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी, क्योंकि उसने टाइट कपड़े पहने थे और उसके साथ कोई पुरुष रिश्तेदार नहीं था। बताया जा रहा है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से तालिबानी आतंकी बेगुनाह लोगों को जबरन घरों से बाहर निकालकर मार रहे हैं। उन्होंने जिन इलाकों पर कब्जा कर लिया है, वहाँ शरियत कानून लागू करते हुए महिलाओं के अकेले घर से बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना उत्तरी बल्ख प्रांत के समर कांदियान के एक गाँव की है। इस गाँव पर तालिबानी आतंकवादियों का पूरी तरह से कब्जा है। बल्ख के पुलिस प्रवक्ता आदिल शाह आदिल ने रेडियो आज़ादी को बताया कि 3 अगस्त को आतंकियों ने 21 साल की लड़की नाजनीन की गोली मार कर हत्या कर दी थी।

उन्होंने आगे बताया कि लड़की अपने घर से बल्ख की राजधानी मजार-ए-शरीफ जा रही थी। जैसे ही वह घर से निकलकर गाड़ी में बैठने जा रही, तभी आतंकियों ने गोलियों से भूनकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस का कहना है कि लड़की ने उस समय बुर्का पहना हुआ था। वहीं, तालिबानियों ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने इस बात से इनकार किया कि उनकी ओर से किसी भी हमले को अंजाम नहीं दिया गया है।

मालूम हो कि तालिबान ने अपने 1996-2001 के क्रूर शासन के दौरान लड़कियों को स्कूल जाने के अधिकार से वंचित रखा था। साथ ही महिलाओं को घर से बाहर काम करने की अनुमति भी नहीं थी।

उस समय महिलाओं को बुर्का पहनना पड़ता था और बाहर जाते समय उनके साथ पुरुष परिजन या किसी पुरुष रिश्तेदार का साथ होना जरूरी होता था। वहीं, उस समय व्यभिचार (adultery) के आरोपितों को सार्वजनिक रूप से पत्थर मार-मार कर मार डाला जाता था।

जैसे-जैसे तालिबान का कब्जा अफगानिस्तान में बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे उनका लड़कियों और महिलाओं पर अत्याचार भी बढ़ रहा है। तालिबानी आतंकी अफगानिस्तान की लड़कियों और महिलाओं का अपहरण कर रहे हैं और जबरन उनसे निकाह कर रहे हैं।

द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान ने अपने कब्जे वाले अफगानिस्तान के क्षेत्र के नेताओं को 15 वर्ष से अधिक उम्र की लड़कियों और 45 वर्ष से कम उम्र की विधवाओं की लिस्ट जारी करने का आदेश दिया है। एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तालिबान जैसे ही किसी नए इलाके या शहर पर कब्जा करता है, वैसे ही मस्जिदों से पुलिसकर्मियों और सरकारी कर्मचारियों की पत्नियों और विधवाओं को उन्हें सौंपने का ऐलान करता है।

बता दें कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों के वापस लौटने के बावजूद अमेरिका लगातार अफगान सेना की मदद कर रहा है। रविवार को अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता फवाद अमान ने ट्वीट कर जानकारी दी कि उन्होंने पिछले 24 घंटों के दौरान 572 तालिबानी आतंकवादियों को मार गिराया और 309 अन्य को घायल कर दिया है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘400 पार’ और ‘जय श्री राम’ से गूँजी अयोध्या नगरी: रामलला के सामने साष्टांग दण्डवत हुए PM मोदी, फिर किया भव्य रोडशो

पीएम मोदी ने भव्‍य एवं दिव्य राम मंदिर में रामलला के दर्शन के बाद राम जन्‍मभूमि पथ से रोड शो शुरू किया।

नसीरुद्दीन शाह की बीवी ने ‘चिड़िया की आँख’ वाली कथा का बनाया मजाक: हरिद्वार से लेकर मणिपुर और द्वारका तक घूमे थे अर्जुन, फिर...

अर्जुन ने वन, पर्वत और सागर से लेकर एक से एक रमणीय स्थल देखे। हरिद्वार में उलूपी, मणिपुर में चित्रांगदा और द्वारका में सुभद्रा से विवाह किया। श्रीकृष्ण के सबसे प्रिय सखा रहे, गुरु द्रोण के सबसे प्रिय शिष्य रहे। लेकिन, नसीरुद्दीन शाह की बीवी को लगता है कि अर्जुन के जीवन में 'चिड़िया की आँख' के अलावा और कुछ नहीं था।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -