पीलीभीत में समुदाय विशेष के लोगों को भजन-कीर्तन इतना नागवार गुजरा कि उन्होंने मंदिर में पहुँच कर तोड़फोड़ की। घटना उत्तर प्रदेश के पीलीभीत स्थित रौहनिया गाँव की है। मंगलवार को जब वहाँ स्थित एक मंदिर में भजन-कीर्तन चल रहा था, तब समुदाय विशेष के लोग वहाँ पहुँच गए और पूजा में विघ्न डाला। बेख़ौफ़ आरोपितों ने न सिर्फ़ लाउडस्पीकर को तोड़ डाला बल्कि धार्मिक कैलेंडर को भी फाड़ डाला। वहाँ भजन-कीर्तन करते लोग असहाय बने रहे और बदमाश वहाँ से देवी-देवताओं की प्रतिमाएँ उठा कर ले गए। पुलिस ने भी इस बात की पुष्टि की है।
ताज़ा सूचना के अनुसार, किसी भी प्रकार की सांप्रदायिक तनाव की स्थिति से बचने के लिए पुलिस ने मौके पर कैम्प किया हुआ है। लोगों को समझा-बुझा कर स्थिति को शांत कराया गया। ये घटना रौहनिया गाँव के बाहर स्थित एक देवस्थान की है, जहाँ रोज भजन-कीर्तन होता है। ऐसा पहली बार नहीं था, जब लाउडस्पीकर से भजन गया जा रहा हो। शाम के शाम वहाँ लोग धार्मिक कार्यक्रमों में व्यस्त रहते हैं। गाँव में हिन्दू और मुस्लिम, दोनों ही समुदाय के लोग रहते हैं। इसके बावजूद मुस्लिम गुंडों ने पुजारी की पिटाई भी की।
रात के करीब 9 बजे समुदाय विशेष के लोगों ने लाउडस्पीकर से भजन-कीर्तन किए जाने का विरोध शुरू कर दिया। भजन-कीर्तन कर रहे लोगों में कई साधू भी शामिल थे। समुदाय विशेष के लोगों ने ईद होने और नमाज़ का समय हो जाने की बात करते हुए कहा कि अब उनका त्यौहार आ गया है, इसीलिए लाउडस्पीकर पर भजन नहीं होना चाहिए। श्रद्धालुओं का तर्क था कि वे गाँव के बाहर आकर भजन-कीर्तन कर रहे हैं, जबकि नमाज़ गाँव के भीतर पढ़ी जाती है। इसी बात को लेकर कहासुनी हुई और फिर उत्पात मचाया गया।