Wednesday, June 26, 2024
Homeदेश-समाजCM योगी की चेतावनी का इफेक्ट, कैराना दौरे के अगले ही दिन कुख्यात फुरकान...

CM योगी की चेतावनी का इफेक्ट, कैराना दौरे के अगले ही दिन कुख्यात फुरकान ने किया सरेंडर

जेल से निकलने के बाद फुरकान ने फिर से व्यापारियों से रंगदारी माँगनी शुरू कर दी थी। उस पर 50 हजार रुपए का इनाम भी घोषित था।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 8 नवंबर 2021 को शामली के कैराना का दौरा किया था। यहाँ विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के साथ ही खुले मंच से उन्होंने सख्त लहजे में गुंडों को चेताया था। इसका असर भी दिखने लगा है। उनके दौरे के अगले ही दिन ‘कैराना का खौफ’ कहे जाने वाले कुख्यात बदमाश फुरकान ने अपनी जमानत तुड़वाकर कोर्ट में सरेंडर कर दिया।

फुरकान पर लूट, हत्या, रंगदारी के करीब डेढ़ दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगस्त 2014 में दिनदहाड़े स्थानीय व्यापार मंडल के कोषाध्यक्ष विनोद सिंघल की हत्या कर दी गई थी। हत्या का आरोप फुरकान पर लगा था। इस हत्या के बाद उसे ‘कैराना का खौफ’ कहा जाने लगा। 2017 में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लेकिन वह जमानत पर छूटकर जेल से बाहर आ गया था। बताया जाता है कि जेल से निकलने के बाद उसने फिर से व्यापारियों से रंगदारी माँगनी शुरू कर दी थी। उस पर 50 हजार रुपए का इनाम भी घोषित था।

साल 2017 में उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद शामली में हुए पहले एनकाउंटर में फुरकान घायल हो गया था। यह मुठभेड़ तत्कालीन एसपी अजयपाल शर्मा के नेतृत्व में हुई थी। इसमें गुंबद मोहल्ला निवासी कुख्यात फुरकान के अलावा दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे।

बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार (8 नवंबर 2021) को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना में जनसभा को संबोधित करते हुए गुंडों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा था कि जो हमारी बहन-बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ करेगा उसकी पीढ़ियाँ भूल जाएँगी कैसे दंगा होता है। उन्होंने कहा था, “पिछले चार साल में आपने देखा होगा कि कैराना कस्बे में यहाँ के व्यापारी और नागरिकों को पलायन के लिए मजबूर करने वाले अपराधी स्वयं पलायन करने के लिए मजबूर हो गए। किसी अपराधी या किसी माफिया की हैसियत नहीं कि वह सिर उठा कर सड़कों पर चल सके और अगर किसी ने निर्दोष नागरिक और व्यापारी पर गोली मारने का दुस्साहस किया तो वह गोली उस व्यापारी और नागरिक पर तो नहीं लगी, लेकिन उल्टे उसकी ही छाती को भेदते हुए उसको ही दूसरे लोक की यात्रा पर भेज दिया गया।”

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अयोध्या में बनेगा मंदिरों का म्यूजियम, ₹750 करोड़ होगा खर्च: टाटा संस ने ली निर्माण की जिम्मेदारी, योगी सरकार ने लगाई मुहर

टाटा संस ने कहा है कि वह CSR फंड से 650 करोड़ रुपए खर्च कर टेंपल म्‍यूजियम बनाएँगे। साथ ही आसपास इंफ्रा पर 100 करोड़ खर्च करेंगे।

पश्चिम से बन-ठन कर आई रोगग्रस्त वेश्या की हो रही पूजा… आपातकाल के खिलाफ आत्मदाह करने वाले प्रभाकर शर्मा, पत्र में लिखा था –...

जानिए कौन थे सर्वोदय कार्यकर्ता प्रभाकर शर्मा, जिन्होंने इंदिरा गाँधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के विरोध में आत्मदाह कर लिया था। उन्होंने कॉन्ग्रेस सरकार पर पशुबल के इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए कहा था कि ऐसे शासन में ज़िंदा रहने की बजाए वो कीड़ा-मकोड़ा बन कर मल-मूत्र में रेंगना पसंद करेंगे।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -