Friday, November 22, 2024
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‘धर्मदंड चलेगा तो बचने की जगह नहीं मिलेगी’: गोमांस पर ‘मेन्टल’ दिग्विजय सिंह के बयान से साधु-संत नाराज़, कहा – इसीलिए कॉन्ग्रेस गर्त में

तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने उदाहरण गिनाया कि स्त्रीत्व के बिना स्त्री नहीं हो सकती, पुरुषत्व के बिना पुरुष नहीं हो सकता और मनुष्यत्व के बिना मनुष्य नहीं हो सकता, वैसे ही हिंदुत्व के बिना हिन्दू नहीं हो सकता।

कॉन्ग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने हिंदुत्व और गोमांस को लेकर जो आपत्तिजनक बयान दिए हैं, उसके बाद से साधु-संत उन्हें लेकर आक्रोशित हैं। अयोध्या में हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री का मानसिक संतुलन खराब हो गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे ही नेताओं की वजह से आज कॉन्ग्रेस की स्थिति बदहाल है। राजू दास ने इसे सस्ती लोकप्रियता के लिए दिया गया अनाप-शनाप बयान करार देते हुए कहा कि कॉन्ग्रेस गर्त में चली गई है।

उन्होंने कहा कि हिंदू, सनातन संस्कृति, देवी-देवता, साधु-संतों और हिंदुत्व का अपमान करने वाले इन जैसे नेताओं के कारण कॉन्ग्रेस पार्टी खत्म होने की कगार पर है। उन्होंने हिन्दू व सनातन संस्कृति में गाय को पूजनीय बताते हुए पूछा कि आखिर गाय कैसे हमारी माता नहीं हो सकती है, ये दिग्विजय सिंह से पूछा जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि ठाकुर जी को भोग लगाने से पहले भी गौग्रास खिलाया जाता है। उन्होंने कहा कि हमारे धर्म में गाय हमेशा माता और पूजनीय रहेगी।

वहीं तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने भी कहा कि वेदों में गाय को पूरी विश्व की माँ बताया गया है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक भी गाय के दूध की तुलना माँ के दूध से करते हैं। बकौल महंत परमहंस दास, हिन्दू और हिंदुत्व एक ही है। उन्होंने कहा कि जो हिन्दू है, वो हिंदुत्व भी होगा ही। उन्होंने उदाहरण गिनाया कि स्त्रीत्व के बिना स्त्री नहीं हो सकती, पुरुषत्व के बिना पुरुष नहीं हो सकता और मनुष्यत्व के बिना मनुष्य नहीं हो सकता, वैसे ही हिंदुत्व के बिना हिन्दू नहीं हो सकता।

उन्होंने याद दिलाया कि कॉन्ग्रेस ने तो भगवान श्रीराम को भी काल्पनिक बताया था, ऐसे में ये गाय को भला कैसे मानेंगे। उन्होंने गाय को 100 करोड़ धर्मावलम्बियों की माँ बताते हुए कहा कि वो श्रेष्ठ लोगों की माँ है। कॉन्ग्रेस नेताओं को मानसिक रूप से विचित्र बताते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें मेन्टल हॉस्पिटल में रखना चाहिए। उन्होंने ‘खिसियानी बिल्ली खम्भा निचोड़े’ कहावत की याद दिलाते हुए कहा कि कॉन्ग्रेस का सूपड़ा साफ़ हो गया है। उन्होंने कहा कि ज़हर घोलते ऐसे लोगों के लिए साधु-संत ही काफी हैं।

महंत परमहंस दास ने कहा, “जिस दिन ये धर्मदंड शुरू हो जाएगा, उस दिन पता नहीं लगेगा और भागने का रास्ता भी नहीं बचेगा। अगर ये जहर उगलना बंद नहीं करेंगे, तो वो दिन भी जल्द ही आ जाएगा जब हम कॉन्ग्रेस बीटा जहाँ भी मिलेंगे उन पर लाठीचार्ज शुरू कर देंगे। इसके बाद उन्हें बचने तक की जगह नहीं मिलेगी।” भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने तो दिग्विजय सिंह को कसाइयों का नया वकील बताते हुए कह डाला कि उनके इस बयान से हत्या की घटनाएँ बढ़ सकती हैं।

याद हो कि दिग्विजय सिंह ने सावरकर के हवाले से कहा था कि गोमांस खाने में कोई खराबी नहीं है, ऐसा वो खुद मानते थे। भारत को विविधताओं का देश बताते हुए कॉन्ग्रेस नेता ने कहा कि देश में कई ऐसे हिन्दू हैं जो गोमांस खाते हैं। साथ ही उन्होंने पूछा कि ऐसा कहाँ लिखा है कि गोमांस न खाया जाए? इस दौरान दिग्विजय सिंह ने अधिकतर हिन्दुओं को गोहत्या के खिलाफ बताया। साथ ही उन्होंने लोगों से हाथ उठवा कर पूछा कि सावरकर के इस बयान के बारे में कितने लोगों को मालूम था?

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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