Sunday, September 8, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयसीमा पर लगा रहे थे बाड़, तालिबान ने खदेड़ा तो सामान छोड़कर भागी पाकिस्तानी...

सीमा पर लगा रहे थे बाड़, तालिबान ने खदेड़ा तो सामान छोड़कर भागी पाकिस्तानी आर्मी: वीडियो वायरल

इससे पहले 25 दिसंबर 2021 को तालिबान और पाकिस्तानी सेना के बीच डूरंड लाइन पर बाड़बंदी को लेकर झड़प भी हुई थी। इसमें तालिबान के स्नाइपर ने पाकिस्तान के दो जवानों को मार गिराया था। हालाँकि, बाद में दावा किया गया कि दोनों देशों के बीच विवाद सुलझ गया है। दोनों में यह तय हुआ था कि बाड़ लगाने का काम अब आपसी सहमति से होगा।

पाकिस्तान (Pakistan) और अफगानिस्तान (Afghanistan) के बीच की सीमा रेखा को डूरंड लाइन (Doorand line) माना जाता है, लेकिन तालिबान (Taliban) इसे स्वीकार नहीं करता। तालिबान ने पाकिस्तान द्वारा सीमा पर कंटीले तारों से की जा रही बाड़बंदी का विरोध किया है। बाड़बंदी कर रहे पाकिस्तानी सैनिकों को तालिबानी लड़ाकों ने खदेड़ दिया। इसका एक वीडियो सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है।

रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के सैनिक अफगानिस्तान के निमरोज प्रांत के चार बोरजाक जिले से लगती सीमा पर बाड़ लगा रहे थे। इसकी खबर लगते ही बड़ी संख्या में तालिबानी लड़ाके वहाँ पहुँच गए और पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ दिया। अफगानिस्तान के पत्रकार बिलाल सरवरी ने इस घटना को लेकर ट्वीट किया, “तालिबान के अधिकारियों ने मुझे बताया कि पाकिस्तानी सेना पश्चिमी अफगानिस्तान के निमरोज प्रांत के चार बोरजाक जिले में बाड़ लगाना चाहती थी। तालिबान वहाँ पहुँचे और पाकिस्तानी सेना अपने सारे उपकरण छोड़कर वहाँ से भाग गई।”

बिलाल ने अगले ट्वीट में कहा, “बड़ी संख्या में तालिबान लड़ाके वहाँ पहुँचे। वे हाई अलर्ट पर हैं।” उल्लेखनीय है कि बिलाल द्वारा शेयर किए गए वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता है कि वहाँ पर कारों में लदकर बड़ी संख्या में तालिबानी लड़ाके पहुँचे। वहीं एक अन्य इमेज से पता चलता है कि घटनास्थल पर बड़ी संख्या में बाड़ लगाने के लिए लोहे के खंबे और तार पड़े हुए हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले 25 दिसंबर 2021 को तालिबान और पाकिस्तानी सेना के बीच डूरंड लाइन पर बाड़बंदी को लेकर झड़प भी हुई थी। इसमें तालिबान के स्नाइपर ने पाकिस्तान के दो जवानों को मार गिराया था। हालाँकि, बाद में दावा किया गया कि दोनों देशों के बीच विवाद सुलझ गया है। दोनों में यह तय हुआ था कि बाड़ लगाने का काम अब आपसी सहमति से किया जाएगा।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

असम के मुस्लिम बहुल इलाकों में जनसंख्या से अधिक आधार कार्ड: CM सरमा का ऐलान- जिसका NRC का आवेदन नहीं, उसे AADHAAR नहीं

असम के सीएम सरमा ने कहा है कि जिन लोगों ने NRC के लिए आवेदन नहीं किया है, उन्हें आधार कार्ड नहीं जारी किया जाएगा।

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -