Friday, November 22, 2024
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नया नहीं है लावण्या जैसा मामला: जानिए उन 15+ घटनाओं के बारे में जब छात्रों को करना पड़ा ईसाई धर्मांतरण और यौन शोषण का सामना

आज हम 1-2 नहीं, बल्कि 15 से ज्यादा मामले आपके सामने लेकर आए हैं जब ईसाई मिशनरियों ने हिंदू बच्चों/छात्र-छात्राओं की भावना से न केवल खिलवाड़ किया बल्कि उन्हें प्रताड़ित करके उनका ब्रेनवॉश करके उन पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया या अन्य किसी ढंग से उनका शोषण किया।

तमिलनाडु में हिंदू लड़की लावण्या के आत्महत्या के बाद देश में धर्मांतरण को लेकर लोगों में गुस्सा है। जगह-जगह इस बात पर चर्चा है कि आखिर कैसे ईसाइयत को हिंदू बच्ची पर थोपने की कोशिश हुई और जब वह नहीं मानी तो उसे तरह-तरह से प्रताड़िता किया गया। कुछ लोगों को हैरानी इस बात को लेकर भी है कि आखिर किसी शिक्षण संस्थान में धर्म परिवर्तन का धंधा कैसे चल रहा है, लेकिन आपको ये बात बता दें धर्म परिवर्तन के गंदे खेल में ऐसा पहली बार नहीं है जब शिक्षा के नाम पर इसे अंजाम दिया गया। इससे पहले कई बार ईसाई स्कूलों से हिंदू घृणा की घटनाएँ देखने को मिली हैं।

आज हम ऐसे 1-2 नहीं, बल्कि 15 से ज्यादा मामले आपके सामने लेकर आए हैं जब ईसाई मिशनरियों ने हिंदू बच्चों/छात्र-छात्राओं की भावना से न केवल खिलवाड़ किया बल्कि उन्हें प्रताड़ित करके उनका ब्रेनवॉश करके उन पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया या अन्य किसी ढंग से उनका शोषण किया।

तमिलनाडु की लावण्या

तमिलनाडु के तंजावुर में सेक्रेड हार्ट हायर सेकेंडरी स्कूल, तिरुकट्टुपाली में कक्षा 12 वीं में पढ़ने वाली एम लावण्या नाम की एक छात्रा ने कुछ दिन पहले आत्महत्या की थी। सुसाइड के बाद उसकी एक वीडियो सामने आई थी जिसमें उसने आरोप मढ़ा था कि स्कूल उस पर धर्मांतरण का दबाव बनाता है और मना करने पर उसे घर नहीं जाने दिया जाता। साथ ही प्रताड़ना के तौर पर उससे शौचालय साफ करवाए जाते थे, बर्तन धुलवाए जाते थे। उसकी मृत्यु के बाद माँ ने भी दावा किया था कि उनकी लड़की के ऊपर पिछले 2 साल से धर्म परिवर्तन को दबाव बनाया जा रहा था। 

ईसाई स्कूल के प्रिंसिपल ने छात्रों को किया यौन शोषण

इस माह के शुरुआत में ही द हिंदू में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी जिसमें बताया गया था कि यमनकुलम का 50 वर्षीय क्रिस्टोफर जेबकुमार, जो कि सरकारी सहायता प्राप्त उच्च माध्यमिक विद्यालय का हेडमास्टर था, उसको थिसैयांविलई में छात्राओं का यौन शोषण करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। एक लड़की की शिकायत के बाद हेडमास्टर के विरुद्ध ये कार्रवाई हुई थी।

मध्यप्रदेश में 8 छात्रों का धर्मांतरण

मध्यप्रदेश के विदिशा जिले के एक कस्बे स्थित मिशनरी स्कूल से पिछले माह 8 बच्चों के धर्मांतरण के मामले ने हिंदू संगठनों में गुस्सा भर दिया था। उस समय अहिरवार समाज संघ ने विदिशा के डीएम से शिकायत की थी। इसमें कहा गया था कि 8 हिंदू बच्चों का पानी छिड़क कर ईसाई धर्मांतरण कराया गया। स्कूल की आड़ में धर्मांतरण रैकेट चलाने का आरोप लगाया गया था।

अय्यप्पा दीक्षा के बाद स्कूल छात्र को स्कूल में एंट्री से किया गया मना

22 नवंबर 2021 को तेलंगाना टुडे में एक रिपोर्ट पब्लिश हुई थी। इसमें जानकारी दी गई थी कि सदाशिवपेट शहर के सेंट मेरी पीएसएम हाई स्कूल में पढ़ने वाले दसवीं कक्षा के छात्र जब अय्यप्पा दीक्षा से लौटा तो उसे स्कूल में एंट्री देने से मना कर दिया। हालाँकि हिंदू बच्चे के साथ हुए भेदभाव के बाद जो बवाल हुआ उसके बाद स्कूल ने उसे एंट्री दे दी थी।

क्रिश्चियन मिशनरी गर्ल्स हॉस्टल में चल रहा था ‘धर्मांतरण का धंधा’

मध्यप्रदेश के रायसेन में क्रिश्चियन मिशनरी गर्ल्स हॉस्टल में चल रहे धर्मांतरण के धंधे का राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने पर्दाफाश किया था। आयोग के अध्यक्ष ने हॉस्टल का औचक निरीक्षण करते हुए पता लगाया कि वहाँ आदिवासी हिंदू लड़कियाँ लाकर रखी गई थीं जिन्हें धार्मिक पुस्तकें देकर ईसाई धर्म की ओर आकर्षित करने की कोशिश हो रही थी।

रुद्राक्ष पहनने और चंदन लगाने की सज़ा

तमिलनाडु के कांचीपुरम में ईसाई शिक्षक को छात्रों का रुद्राक्ष पहनना और विभूति लगाना बिल्कुल भी पसंद नहीं आया था। इसकी वजह से उसने छात्रों के साथ न केवल दुर्व्यवहार किया, बल्कि उन्हें पीटा भी। इस मामले में छात्रों के माता-पिता ने सीएम के स्पेशल सेल को पत्र लिखकर स्कूल और शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की थी। आरोप था कि स्कूल ने लड़कों को ये कहकर अपमानित किया कि रुद्राक्ष और विभूति सिर्फ उपद्रवी और मिसफिट लोग ही पहनते हैं।

मुंबई के स्कूल में धर्मांतरण

साल 2019 में अप्रैल में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई के विरार पूर्वी इलाके में क्राइस्ट प्राइमरी स्कूल को निशाना बनाया गया था। स्कूल पर आरोप था कि वो अपने स्कूल के छात्रों का धर्मांतरण करवा रहे थे। इसी स्कूल पर लगे आरोपों पर 24 फरवरी 2019 को विश्व हिंदू परिषद ने भी इसका विरोध किया था।

स्पोर्ट टीचर पर यौन शोषण का आरोप

पिछले साल कुछ ही दिनों में तमिलनाडु से कई ऐसे मामले सामने आए थे जहाँ स्कूलों में शिक्षकों को यौन शोषण का आरोपित पाया गया था। एक मामला पिछले साल का है जब सेंट जॉर्ज एंगलो इंडिया स्कूल को स्कूल शिक्षा मंत्रालय ने नोटिस भी भेजा था। वहाँ स्पोर्ट्स कोच नागर्जुन पर यौन शोषण करने का आरोप लगा था। इस संबंध में हिंदू के स्पोर्ट्स पत्रकार टीएन रघु ने ट्वीट करके बताया था और मामला प्रकाश में आया था।

नाबालिग छात्राओं को गंदे मैसेज भेजने वाला ईसाई उपदेशक

साल 2020 की एक रिपोर्ट के अनुसार स्कूल की बच्चियों को अश्लील मैसेज भेजने वाले ईसाई उपदेशक को कोयंबटूर में गिरफ्तार किया गया था। एक निजी कॉलेज में पढ़ने वाली किशोरी ने जे सैमुअल जयसुंदर नाम के उपदेशक पर केस दर्ज करवाते हुए आरोप लगाए थे कि जयसुंदर ने उसे अश्लील मैसेज भेजे और उससे पूछा कि वो नंगी सोती है क्या?

सेंट मेरी स्कूल में छात्रा की मेहंदी छुड़वाने का मामला

साल 2015 में सेंट मेरी कॉन्वेंट स्कूल का एक मामला कानपुर से आया था। उस समय पता चला था कि स्कूल ने लड़कियों के हाथ से मेहंदी हटवाने के लिए उसे पत्थर से घिसवाया गया और राखी को काटा गया था। इतना ही नहीं जो छात्र राखी मेहंदी के साथ दिखे थे उन्हें स्कूल ने दंडित भी किया था।

गुजरात में भी काटी गई राखी

साल 2018 में गुजरात से भी माउंट कैरमल हाई स्कूल में भी बच्चों के हाथों से कैंची से राखी काटने का एक मामला आया था, तब गुस्सा हुए माता-पिता ने इस संबंध में शिकायत दी थी और सरकार ने इस मामले को दुर्भाग्यपूर्ण कहा था।

माउंट कैरमल स्कूल विवाद

साल 2016 में नई दिल्ली के माउंट कैरमल हाई स्कूल की एक वीडियो सामने आई थी। जहाँ विजय कुमार विलियम्स छात्रों को संबोधित करते हुए धर्मांतरण के लिए दबाव बना रहे थे। साथ ही हिंदुओं के सिद्धांतो को बकवास बता रहे थे।

यौन शोषण करने वाला स्कूल प्रिंसिपल हुआ गिरफ्तार

चेन्नई पुलिस ने 11 साल की बच्ची का यौन शोषण करने के आरोप में पेरुगुडी के मोंटफोर्ट स्कूल के प्रिंसिपल जी जयपॉल को गिरफ्तार किया है। यह मामला तब सामने आया जब लड़की ने करीब दो महीने तक स्कूल जाने से इनकार कर दिया। लड़की ने खुलासा किया कि उसके माता-पिता द्वारा स्कूल से लंबी अनुपस्थिति के लिए उससे पूछताछ करने के बाद क्या हुआ था।

फंड न देने पर लड़कियों को मार

छत्तीसगढ़ के एक ईसाई संगठन द्वारा संचालित छत्तीसगढ़ के कुनकुरी प्रखंड के जीनाबहार मिशन गर्ल्स हाई स्कूल की प्रधानाध्यापक पर प्रेयर असेंबी आयोजित करने के नाम पर जबरन पैसा वसूलने और ऐसा न करने पर छात्राओं को बेरहमी से मारने करने का आरोप लगा था। स्कूल की करतूत का खुलासा उस समय हुआ था जब 450 लड़कियों ने स्कूल का बहिष्कार कर दिया था। बहुत बवाल के बाद पुलिस ने इस मामले में हस्तक्षेप कर बच्चों को शांत कराया था। छात्राओं ने शिकायत की थी कि एक नन ने 200 रुपए प्रेयर असेंबली के लिए न देने पर छात्रा को मारते-मारते उसके कान से खून निकाल दिया था।

अय्यप्पा भक्तों की पोषाक पहनने से स्कूल ने किया मना

रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2019 में तेलंगाना से एक मामला सामने आया था। उस समय एक पाँचवी कक्षा के छात्र को उसके स्कूल ने अंदर आने से मना कर दिया था। 16 दिन बच्चे को क्लास में बैठने से मना किया गया था।

जबरन धर्मांतरण के विरोध पर छात्र की पिटाई, हुई मौत

2019 की खबर के अनुसार, त्रिपुरा में पबियाछारा के कुम्हारघाट होली क्रॉस स्कूल में जबरन धर्म परिवर्तन कराए जाने से नौवीं कक्षा का एक छात्र देबबर्मा परेशान था। इस बात को लेकर स्कूल मैनेजमेंट का उसने विरोध भी किया था। लेकिन उसका विरोध उस पर भारी पड़ा। उसे हॉस्टल में प्रताड़ित किया गया, जिसके कारण जीबीपी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।

ईसाई आश्रम में जबरन गो मांस खिलाया

पिछले साल आई एक रिपोर्ट के अनुसार, ईसाई मिशनरी के सेवाधाम आश्रम में कथिततौर पर बच्चों को बीफ खिलाने का मामला आया था। इस संबंध में राष्ट्रीय बाल आयोग ने नोटिस जारी कर जवाब भी माँगा था। ये मामला एक पिता की शिकायत के बाद उजागर हुआ था और ये भी पता चला था कि सेवाधाम में जबरन बाइबल पढ़ाई जाती है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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