किशन भरवाड की हत्या के मामले में गुजरात पुलिस और गुजरात ATS को अहम कामयाबी मिली है। गुजरात ATS ने मौलाना कमर गनी उस्मानी को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। उस्मानी पर किशन के हत्यारे शब्बीर को उकसाने का आरोप है। वहीं, गुजरात पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल हथियार को बरामद कर लिया है।
#KishanBharvad हत्या मामला :
— Janak Dave (@dave_janak) January 30, 2022
गुजरात ATS ने मौलाना कमर गनी उस्मानी को दिल्ही से पकड़ा।
भड़काऊ भाषण और किशन के हत्यारे शब्बीर को उकसाने का है आरोप।
उस्मानी TFI (तहरीक ऐ फरोग)से जुड़ा है।
पिछले साल त्रिपुरा में हुए दंगो में भी कमर की गिरफ्तारी हुई थी।
हो सकती है गिरफ्तारी। pic.twitter.com/XBOE0kIuFR
देश गुजरात की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने धंधुका में सर मुबारक बुखारी दादा दरगाह के पीछे एक जगह से किशन भरवाड की हत्या में इस्तेमाल की गई एक पिस्तौल और बाइक बरामद की है। इस मामले की जाँच कर रही पुलिस टीम आरोपित शब्बीर और इम्तियाज को लेकर सर मुबारक के पीछे पहुँची थीं, जहाँ से हत्या में इस्तेमाल की गई बाइक और पिस्तौल बरामद की गई है। दोनों आरोपितों ने 25 जनवरी 2022 को किशन भरवाड को मारने के लिए पहले उसका बाइक से पीछा किया था और फिर धंधुका शहर के मोढवाडा-सुंदकुवा इलाके में शब्बीर ने उस (किशन) पर राउंड फायरिंग करके उसकी हत्या कर दी थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने एक अन्य आरोपित अजीम बचा समा के भाई वसीम समा को भी पूछताछ के लिए मोरबी से गिरफ्तार किया है। अजीम ने अहमदाबाद के मौलवी को हथियार दिए थे और इस मौलवी ने आरोपितों को हथियार मुहैया कराए थे। पुलिस मुख्य आरोपितों के खिलाफ GUCTOC और UAPA के कड़े कानून के तहत मामला दर्ज की है।
किशन भरवाड की हत्या (Kishan Bharwad Murder) के मामले में दो मौलवियों की भूमिका भी सामने आई है, जबकि कई संदेह के दायरे में हैं। इनमें से एक अहमदाबाद का है और दूसरा मुंबई का है। अहमदाबाद के जमालपुर इलाके का मौलवी अय्यूब इन हत्यारों को हथियार मुहैया कराता था। वहीं, मुंबई के मौलवी ने उन्हें किशन की हत्या करने का आदेश दिया था।
मालूम हो कि गुजरात सरकार ने शनिवार (29 जनवरी 2022) को किशन भरवाड की हत्या की जाँच आतंकवाद विरोधी (ATS) दस्ते को सौंप दी है। गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने ट्वीट कर बताया, “धंधुका की हिंसक घटना का मामला एटीएस को सौंप दिया गया है। गुजरात पुलिस पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
बता दें कि किशन ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट अपलोड किया था, जिसके बाद से वह इस्लामी कट्टरपंथी के निशाने पर था। बताया गया था कि किशन ने जो वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया था, वो मुस्लिमों के पैगंबर मुहम्मद से संबंधित था। किशन की पोस्ट पर कई लोगों ने आपत्ति भी जताई थी। पुलिस ने भी किशन के खिलाफ एक्शन लिया था। पोस्ट के बाद से ही किशन को जान से मारने की धमकियाँ मिल रही थीं। इस घटना के बाद से किशन अपने घर से नहीं निकल रहा था। मंगलवार को अचानक ही वो अपनी बाइक से निकला था, लेकिन कुछ ही दूरी पर उसकी हत्या कर दी गई।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया था कि किशन पर गोली चलाने वाले बाइक सवार उसके पीछे चल रहे थे, जैसे ही वो मोढवाड़ा मोड़ के पास पहुँचे तो किशन पर पहली गोली चलाई गई, लेकिन वह बच गया। इसके बाद उस पर दोबारा हमला किया गया और घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद से हिन्दू संगठन बेहद आक्रोशित हैं। उन्होंने बीते दिनों धंधुका में बंद का ऐलान किया था। विश्व हिन्दू परिषद् (VHP) के इस आह्वान को स्थानीय लोगों और अन्य हिन्दू संगठनों का पूरा समर्थन मिला।