Monday, December 23, 2024
Homeदेश-समाजमहबूबा की 'ट्विटर वाली बिकिनी' पर भड़के देवबंदी उलेमा, बोले- इस्लाम नहीं देता ऐसे...

महबूबा की ‘ट्विटर वाली बिकिनी’ पर भड़के देवबंदी उलेमा, बोले- इस्लाम नहीं देता ऐसे पहनावे की इजाज़त

"फ्रांस में मुस्लिम महिलाओं का एक समूह बुर्कीनी प्रतिबंध का विरोध करता है।' महबूबा ने इसी ट्वीट को रीट्वीट कर लिखा "मुस्लिम महिला बिकिनी पहने या बुर्किनी यह उसकी मर्जी है। यह उन्हें खुद तय करना होगा।"

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के बिकिनी पहनने वाले ट्वीट ने विवाद का रूप ले लिया है। महबूबा के ट्वीट पर अब देवबंद के उलेमा भड़क गए हैं। उनका कहना है कि महबूबा मुफ्ती ने जो कहा वो उनकी अपनी सोच है। हालाँकि, इस्लाम और शरीयत मुस्लिम महिलाओं को इस तरह के पहनावे की इजाजत नहीं देता है।

महबूबा मुफ्ती के मुस्लिम महिलाओं के बिकिनी पहनने वाले ट्वीट पर बहस शुरू हो गई है। उन्होंने ट्वीट किया है कि मुस्लिम महिला बिकिनी पहने या बुर्किनी यह उसकी मर्जी है। यह उन्हें खुद तय करना होगा। महबूबा मुफ्ती के ट्वीट पर दारुल उलूम जकरिया के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती शरीफ कासमी ने कहा कि यह महबूबा की अपनी सोच है। लेकिन मुस्लिम महिलाओं के लिए बुर्का जरूरी है। बिकनी या कोई और पहनावे की इस्लाम और शरीयत कतई इजाजत नहीं देता।

दरअसल, महबूबा मुफ्ती ने रायटर्स का वीडियो पोस्ट रीट्वीट किया जिसका कैप्शन था, “फ्रांस में मुस्लिम महिलाओं का एक समूह बुर्कीनी प्रतिबंध का विरोध करता है।” इस वीडियो में कुछ महिलाएँ बिकनी में थीं तो कुछ ने बुर्किनी पहनी हुई थी। महबूबा ने इसी ट्वीट को रीट्वीट कर लिखा “मुस्लिम महिला बिकिनी पहने या बुर्किनी यह उसकी मर्जी है। यह उन्हें खुद तय करना होगा।”

महबूबा मुफ्ती के ट्वीट पर दारुल उलूम जकरिया के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती शरीफ कासमी ने कहा कि यह महबूबा की अपनी सोच है, लेकिन मुस्लिम महिलाओं के लिए बुर्का जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस्लाम में औरत के लिए लिबास रखा गया है ताकि उससे उसका पूरा शरीर ढका रह सके। शरीयत में बिकिनी पहनना जायज नहीं है और फिर इसी तरह का कोई और पहनावा पहनने की इस्लाम इजाजत नहीं देता।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जनसंख्या 13.8 लाख, आधार कार्ड बने 14.53 लाख… बांग्लादेशियों की घुसपैठ के लिए बदनाम झारखंड में एक और ‘कमाल’, रिपोर्ट में दावा- 5 जिलों...

भाजपा की रिपोर्ट में सामने आया था कि मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में वोटरों की संख्या में अप्रत्याशित बढ़त 20% से 123% तक हुई है।

केरल के सरकारी स्कूल में मन रहा था क्रिसमस, हिंदू कार्यकर्ताओं ने पूछा- जन्माष्टमी क्यों नहीं मनाते: टीचरों ने लगाया अभद्रता का आरोप, पुलिस...

केरल के एक सरकारी स्कूल में क्रिसमस मनाए जाने पर कुछ हिन्दू कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाए। इसके बाद उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
- विज्ञापन -