लोकसभा में शानदार जीत हासिल करने के बाद अब भाजपा उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव की तैयारियों में जुट गई है। पार्टी की जीत के लिए बीजेपी ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। इसी क्रम में पार्टी ने उपचुनाव के संबंध में एक अहम फैसला लिया है। खबर के मुताबिक, बीजेपी इस बार नए कार्यकर्ताओं को टिकट देने के मूड में है। इसलिए पार्टी ने इन उपचुनावों में जीते हुए सांसदों के बेटे-बेटियों या रिश्तेदारों को टिकट नहीं देने का फैसला किया है। इसका मतलब है कि इस बार उपचुनाव में सभी सीटों पर नए कार्यकर्ताओं को टिकट दिया जाएगा।
. @BJP4India decides to not field relatives of any leaders in the upcoming by-polls in #UttarPradesh, core committee members say that they will not promote nepotism at any cost.https://t.co/wgoBhNKAv8
— The New Indian Express (@NewIndianXpress) June 28, 2019
हाल ही में बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक में ये फैसला लिया गया है। बता दें कि यूपी में कुल 12 सीटों पर उपचुनाव होने हैं। जानकारी के मुताबिक, सांसद बनने के बाद खाली हुई सीटों पर कई सांसद अपने परिजनों को उतारने की तैयारी में थे। पार्टी ने इसे भाँपते हुए साफ कर दिया कि किसी भी जीते हुए सांसद के किसी भी रिश्तेदार को टिकट नहीं दिया जाएगा। पार्टी के इस फैसले ने इन लोगों के इरादों पर पानी फेर दिया।
भारतीय जनता पार्टी यूपी की सभी सीटों के साथ-साथ रामपुर विधानसभा सीट पर काफी जोर लगा रही है। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को रामपुर विधानसभा सीट का प्रभारी बनाया गया है। यूपी में 12 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए भाजपा ने 11 सीटों पर जहाँ एक-एक मंत्री को लगाया है, तो वहीं हारी हुई सीट जलालपुर जीतने के लिए दो मंत्रियों की तैनाती की गई है।