Saturday, November 23, 2024
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अल्ताफ को कब्र से निकाल फिर पोस्टमॉर्टम: थाने में ‘आत्महत्या’ पर इलाहाबाद HC, हिंदू लड़की को भगाने-धर्मांतरण के दबाव का था आरोप

अल्ताफ रंगाई-पुताई और टाइल्स लगाने का काम करता था। जिस घर की लड़की गायब हुई थी, वह वहाँ भी टाइल्स लगाने का काम कर रहा था। अल्ताफ के मोबाइल में कुछ आपत्तिजनक वीडियो मिले थे। उन्हीं वीडियो के आधार पर पुलिस ने...

उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में 9 नवम्बर 2021 को 21 साल के अल्ताफ की नगर कोतवाली में मृत्यु हो गई थी। उस पर हिन्दू समाज की एक लड़की के अपहरण का आरोप था। पुलिस उसे पूछताछ के लिए थाने लाई थी, जहाँ पुलिस के अनुसार उसने बाथरूम में फाँसी लगा कर आत्महत्या कर ली। स्थानीय स्तर पर हुए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में अल्ताफ के शरीर पर कोई चोट के निशान या पुलिस प्रताड़ना के सबूत नहीं मिले थे। दोबारा उच्चस्तरीय पोस्टमॉर्टम करवाने और पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की माँग के साथ अल्ताफ का परिवार इलाहाबाद हाईकोर्ट गया था। अब हाईकोर्ट ने अल्ताफ के शव के दुबारा पोस्टमॉर्टम के आदेश दिए हैं। यह आदेश 10 फरवरी (गुरुवार) को जारी हुआ है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस केस में याचिकाकर्ता अल्ताफ के अब्बा चांद मियाँ हैं। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार अब अल्ताफ का पोस्टमॉर्टम एम्स (AIIMS) दिल्ली में किया जाएगा। पोस्टमॉर्टम के लिए कासगंज के कब्रिस्तान में दफन अल्ताफ के शव को कब्र से खोद कर निकाला जाएगा। इस प्रक्रिया के दौरान पुलिस अधीक्षक कासगंज को मौके पर मौजूद रहना होगा। शव को सील कर के AIIMS लाया जाएगा। पोस्टमॉर्टम AIIMS के निदेशक द्वारा गठित एक टीम की देखरेख में किया जाएगा। कब्र से शव निकालने से ले कर पोस्टमॉर्टम तक की पूरी प्रक्रिया की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफ़ी HD कैमरे से करवाई जाएगी। इसकी एक प्रति हाईकोर्ट में भी जमा होगी। इस पूरी प्रक्रिया को 10 दिनों के अंदर पूरा करना होगा।

याचिकाकर्ता चांद मियाँ ने हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में स्थानीय पुलिस और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर भरोसा न होने की बात कही थी। साथ ही उन्होंने मामले की जाँच CBI द्वारा किए जाने की गुहार लगाई थी। इस केस की याचिका सँख्या CRIMINAL MISC. WRIT PETITION No.- 12441 of 2021 थी। केस की सुनवाई जस्टिस अंजनी कुमार मिश्रा और जस्टिस दीपक वर्मा ने की। सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल मौजूद थे। कोर्ट ने उनसे उत्तर प्रदेश के बाहर AIIMS में अल्ताफ के पोस्टमॉर्टम पर कोई आपत्ति पूछी तो उन्होंने किसी भी आपत्ति से इनकार करते हुए सहमति दे दी।

सुनवाई कोर्ट नंबर 47 में हुई। चांद मियाँ के वकील अली कमर ज़ैदी और मोहम्मद दानिश हैं। इस केस में अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद तय की गई है। कोर्ट ने इस केस में CBI जाँच की माँग को मानने से इनकार कर दिया है।

पुलिस के मुताबिक अल्ताफ ने थाने में की आत्महत्या

गौरतलब है कि अल्ताफ घरों में रंगाई-पुताई और टाइल्स लगाने का काम करता था। जिस घर की लड़की गायब हुई थी, वह वहाँ भी टाइल्स लगाने का काम कर रहा था। अल्ताफ के मोबाइल में कुछ आपत्तिजनक वीडियो भी मिले थे। उन्हीं वीडियो के आधार पर पुलिस को शक हुआ था। पुलिस ने पूछताछ के लिए अल्ताफ को थाने के हवालात में रखा था। इस दौरान पुलिस के मुताबिक उसने लॉकअप के टॉयलेट में अपने हुड के नाड़े का गले में फंदा बनाकर 3 फिट ऊँचाई पर स्थित पानी के प्लास्टिक पाइप से लटककर आत्महत्या कर ली थी।

अपने बयान से बार-बार मुकरे थे अल्ताफ के अब्ब्बा चांद मियाँ

अल्ताफ कासगंज के अहरौली गाँव का रहने वाला था। उसकी मौत के बाद एक पत्र सामने आया था। इस पत्र में उसके अब्बा का अंगूठा लगा था। पत्र में लिखा गया था कि अल्ताफ ने डिप्रेशन में आकर आत्महत्या की है। पत्र में चांद मियाँ के हवाले से यह भी दावा किया गया था कि उन्हें पुलिस से कोई शिकायत नहीं है और इस मामले वह कोई कार्रवाई नहीं चाहते। इस पत्र के लेखक के रूप में सगीर का नाम दर्ज है, जबकि इस पर लगे अंगूठा के निशान मृतक के पिता चांद मियाँ के बताए गए थे।

अल्ताफ के अब्बा के अँगूठे के साथ बताया जा रहा पहला पत्र

10 नवम्बर 2021 को अल्ताफ के अब्बा चांद मियाँ का एक वीडियो भी वायरल हुआ था। उस वीडियो में उन्होंने स्वयं को पुलिस की कार्रवाई से पूरी तरह से संतुष्ट बताया था। उनका कहना था, “पुलिस का उनके प्रति व्यवहार ठीक रहा। मैंने आवेश में आकर पुलिस के खिलाफ मीडिया बयान दिया था। पुलिस ने मेरे बेटे का इलाज करवाया पर वो नहीं बचा।”

कुछ ही देर में मामले ने राजनैतिक रूप से तूल पकड़ लिया था। एक दिन बाद 11 नवम्बर को अल्ताफ के अब्बा अपने पुराने बयान से पलट गए। उन्होंने एक नया वीडियो जारी करके पिछले बयान को खराब मानसिक स्थिति के चलते दिया बताया था। इसके साथ उन्होंने खुद को अनपढ़ बताया और कहा कि उन लोगों ने पत्र पर अंगूठा लगाने के लिए कहा तो वे लगा दिए थे। इस नए वीडियो में उन्होंने खुद को पुलिस की कार्रवाई से असंतुष्ट बताते हुए न्याय माँगा था।

अल्ताफ पर यौन शोषण और उसके परिजनों पर धर्मान्तरण के दबाव का आरोप

घटना के कुछ समय बाद नवम्बर 2021 में ही पीड़िता को पुलिस ने कासगंज रेलवे स्टेशन से सकुशल बरामद कर लिया था। जाँच के दौरान पीड़िता बालिग निकली थी। बजरंग दल द्वारा 28 दिसम्बर 2021 को कासगंज पुलिस अधीक्षक को दिए गए शिकायती पत्र में अल्ताफ के परिवार पर लव जिहाद को बढ़ावा देने का आरोप लगा कर उन पर केस दर्ज करने की माँग की गई थी। शिकायत में लिखा गया था, “लड़की ने न्यायलय में अल्ताफ द्वारा अपने साथ यौन शोषण होना बताया है। साथ ही अल्ताफ और उनके परिजनों द्वारा अपने ऊपर धर्मान्तरण के दबाव की भी बात कबूली है। यह कृत्य भारतीय कानून के तहत अपराध है। अतः अल्ताफ के परिवार वालों पर केस दर्ज कर के कठोर कार्रवाई की जाए।”

अल्ताफ आत्महत्या मामले में पीड़ित लड़की को न्याय दिलाने के लिए बजरंग दल का पत्र

बजरंग दल ने इस पूरी घटना को लव जिहाद से जोड़ा था। जानकारी के मुताबिक बजरंग दल की इस शिकायत पर अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है।

सस्पेंड पुलिसकर्मी अब तक नहीं हुए बहाल

अल्ताफ की मौत के बाद इस मामले में कासगंज के SP ने इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह इंदौलिया, सब इंस्पेक्टर चंद्रेश गौतम, सब इंस्पेक्टर विकास कुमार, हेड कॉन्स्टेबल घनेंद्र सिंह और सिपाही सौरभ सोलंकी को सस्पेंड कर दिया था। ये सभी पुलिसकर्मी उस समय कोतवाली नगर में ही तैनात थे, जहाँ ये घटना हुई थी। पाँचों पुलिसकर्मी आज भी सस्पेंड ही चल रहे हैं। इसमें से कुछ का ट्रांसफर भी गैर जनपदों में हो चुका है।

इस मामले में एक केस भी दर्ज हुआ था, जिसकी जाँच चल रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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