महाराष्ट्र के नासिक में एक सिनेमा हॉल में बुधवार (23 मार्च 2022) को ‘द कश्मीर फाइल्स’ देखने पहुँची महिलाओं के साथ झड़प की घटना सामने आई है। दरअसल इन महिलाओं ने भगवा दुपट्टा ओढ़ रखा था, जिसे थिएयटरकर्मियों ने हॉल में प्रवेश करने से पहले उतारने के लिए कहा। महिलाओं ने इस बात पर आपत्ति जताई और मामला हाथापाई तक पहुँच गया। हालाँकि पुलिस इंस्पेक्टर प्रमोद चौहान ने बताया कि सिनेमा हॉल में जो विवाद हुआ था वह बाद में समाप्त हो गया। अब सब कुछ सामान्य है।
यहां एक विवाद हुआ था, जो बाद में समाप्त हो गया। अब यहां शांति है: प्रमोद चौहान, पुलिस निरीक्षक pic.twitter.com/TRsUPg00Hl
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 23, 2022
एक महिला ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया,“महिला मंडल की सभी महिलाओं ने भगवा रंग का दुपट्टा पहन रखा था, लेकिन उन्होंने गेट पर हमारे दुपट्टे उतरवा दिए।” वहीं एक अन्य महिला ने बताया, “महिलाओं ने द कश्मीरी फाइल्स दिखाने वाला एक ग्रुप ज्वाइन किया था। चूँकि इस ग्रुप के पास पहचान के लिए कोई बैज या प्रतीक नहीं था तो ग्रुप के हिस्से के रूप में पहचान के तौर पर भगवा दुपट्टा सबको दिया गया था। इसके अलावा इसके पीछे कोई और मकसद नहीं था।”
A woman says, “The women had joined a group that was helping them watch ‘The Kashmir Files’. The group had no badge or anything of that sort, so they provided them with saffron stoles for their identification as part of the group. There was nothing else behind it.” (2/2) pic.twitter.com/U4zMuWhiga
— ANI (@ANI) March 23, 2022
इससे पहले महाराष्ट्र के ही अमरावती शहर में फिल्म से जुड़ा एक विवाद सामने आया था। बाद में इस मामले में 15 युवकों को गिरफ्तार भी किया गया था। उल्लेखनीय है कि फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ रिलीज होते ही देश भर में चर्चा का विषय बनी हुई है। फिल्म हर दिन कमाई के नए आँकड़े छूती नजर आ रही है।
फिल्म की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए देश के कई राज्यों ने इस फिल्म को टैक्स फ्री भी घोषित कर दिया है। इन राज्यों में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, हरियाणा, बिहार, गोवा, त्रिपुरा आदि शामिल हैं। यह फिल्म देश के प्रधानमंत्री से लेकर कई जानी-मानी हस्तियों की तारीफ भी हासिल कर चुकी है। फिल्म में दिग्गज एक्टर अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी और दर्शन कुमार जैसे सितारे अहम किरदारों में नजर आ रहे हैं। यह 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार की कहानी बयाँ करती है।