Tuesday, May 14, 2024
Homeदेश-समाजजिस कुत्ते को रोज देती थी खाना, उसी ने मार डाला: 80 साल की...

जिस कुत्ते को रोज देती थी खाना, उसी ने मार डाला: 80 साल की मालकिन को नोंचता रहा पालतू Pitbull, शरीर पर मिले 13 बड़े घाव

पिटबुल नस्ल के कुत्ते की आक्रामकता को देखते हुए अमेरिकी, जर्मनी, आयरलैंड, इटली, रोमानिया समेत दुनियाभर के 41 देशों में इस पर प्रतिबंध है। हालाँकि, लखनऊ में ये बहुत ही आसानी से उपलब्ध है।

लखनऊ में 80 साल की रिटायर्ड शिक्षिका सुशीला त्रिपाठी को उनके ही पालतू कुत्ते ने मार डाला। पिटबुल (Pitbull) डॉग ने उन पर हमला तब किया, जब वे उसे खाना देने गईं थी। उन्हें गंभीर रूप से घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया, जहॉं डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। उल्लेखनीय है कि अपनी आक्रामकता के कारण पिटबुल दुनियाभर के 40 से अधिक देशों में बैन है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये घटना लखनऊ के कैसरबाग इलाके के अंतर्गत आने वाले बंगाली टोला की है। सुशील त्रिपाठी का परिवार यहीं पर रहता है। उनके बेटे अमित ने दो कुत्ते पाल रखे हैं। इनमें से एक लेब्राडोर है तो दूसरा पिटबुल। मंगलवार (12 जुलाई 2022) को शाम के 5 बज रहे थे। अमित एक जिम ट्रेनर है और हमले के समय वह जिम गया हुआ था। सुशीला कुत्ते को खाना देने के लिए उसके कमरे में गईं। इसी दौरान पिटबुल अचानक से हिंसक हो गया।

उसने हमला कर दिया। चीख-चिल्लाहट सुनकर घर की नौकरानी ने जाकर देखा तो पिटबुल उन्हें नोच रहा था। इसके बाद उसने तुरंत अमित को फोन किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि सुशीला के सर, चेहरे, हाथों और जाँघो पर नोचने के 13 बड़े घाव थे। यह कुत्ता 3 साल से उनके साथ रह रहा था। उसे खाना देना उनका रोज का काम था।

41 देशों में पिटबुल कुत्ता है बैन

पिटबुल नस्ल के कुत्ते की आक्रामकता को देखते हुए अमेरिकी, जर्मनी, आयरलैंड, इटली, रोमानिया समेत दुनियाभर के 41 देशों में इस पर प्रतिबंध है। हालाँकि, लखनऊ में ये बहुत ही आसानी से उपलब्ध है। ये अपने शिकार को पकड़कर जबड़े को लॉक कर लेता है, इस कारण से उसे छुड़ा पाना काफी मुश्किल हो जाता है। इस घटना को लेकर मेडिकल कॉलेज चौकी के प्रभारी सत्यपाल सिंह ने बताया कि महिला को मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया था।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

स्वाति मालीवाल की जान को खतरा… CM के घर हमला साजिश के तहत हुआ: पूर्व पति नवीन जयहिंद का दावा, AAP सांसद संजय सिंह...

नवीन जयहिंद ने अपनी वीडियो में आप सांसद संजय सिंह पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि स्वाति पर हुए हमले के बारे में संजय सिंह को पहले से जानकारी थी।

न घर है न गाड़ी… कैश में हैं सिर्फ 52000 रुपए: PM मोदी ने चुनाव आयोग को दिया संपत्ति का ब्यौरा, बताया- जो मिला...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हलफनामे से खुलासा होता है कि उनके पास न तो अपनी कार है और न ही अपना कोई घर है। वहीं कैश की बात करें तो उनके पास 52 हजार।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -