Monday, November 18, 2024
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ज्ञानवापी केस में मुस्लिम पक्ष की पैरवी करने वाले वकील अभय नाथ यादव का हार्ट अटैक से निधन, 4 अगस्त को है सुनवाई

4 अगस्त को ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष की ओर से जवाब दिया जाना है, जिसमें वकील अभय नाथ यादव की अहम भूमिका होती। लेकिन अब उनके न रहने पर अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी से जुड़े लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

ज्ञानवापी विवादित ढाँचे-माँ शृंगार गौरी केस में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के प्रमुख वकील अभय नाथ यादव (Abhay Nath Yadav) का हार्ट अटैक से रविवार (31 जुलाई 2022) देर रात निधन हो गया। निधन की जानकारी ज्ञानवापी केस में अभय नाथ यादव के साथी वकील नित्यानंद राय ने दी। उन्होंने बताया कि रविवार रात 10:30 बजे के करीब यादव को हार्ट अटैक आया था। उन्हें नजदीक के त्रिमूर्ति अस्पताल में भर्ती किया गया। बाद में उन्हें शिवम अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अभयनाथ यादव के निधन से मुस्लिम पक्ष बड़ा झटका लगा है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, 4 अगस्त को ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष की ओर से जवाब दिया जाना है, जिसमें वकील अभय नाथ यादव की अहम भूमिका होती। लेकिन अब उनके न रहने पर अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी से जुड़े लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वहीं इस मामले में हिंदू पक्ष की ओर से हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन पक्ष रख रहे हैं। हिंदू पक्ष अपनी दलील पर बहस पूरी कर चुके हैं। इससे पहले 25 जुलाई को होने वाली सुनवाई अधिवक्ता कमलाकांत पटेल के निधन के कारण टल गई थी। वाराणसी में जिला जज एके विश्वेश की अदालत में मामले की सुनवाई चल रही है।

बता दें कि ज्ञानवापी विवादित ढाँचे के अंदर वजूखाने में मिले शिवलिंग की पूजा-अर्चना को लेकर बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। इसमें कोर्ट से सावन के महीने में शिवलिंग की पूजा करने की अनुमति माँगी गई थी। हिन्दुओं की ओर से ये याचिका श्री कृष्ण जन्म भूमि मुक्ति स्थल के अध्यक्ष राजेश मणि त्रिपाठी ने दायर की थी। याचिका में त्रिपाठी ने कहा था कि सावन का पवित्र महीना शुरू हो रहा है और हिन्दुओं को पूजा करने और अपने अधिकार का प्रयोग करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

याचिका में यह भी कहा गया था, “याचिकाकर्ता को भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत प्रदान किए गए हिन्दू रीति-रिवाजों के अनुसार अपनी धार्मिक प्रथाओं और अनुष्ठानों का प्रचार करने का अधिकार है और यह एक तथ्य है कि सावन का महीना शुरू हो रहा है, जिसमें भगवान शिव की पूजा की जाती है। इसलिए भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत गारंटी के रूप में सावन के महीने में पूजा करने, ‘अंतरात्मा की स्वतंत्रता और स्वतंत्र पेशे, धर्म के अभ्यास और प्रचार’ के अधिकारों का प्रयोग करने की अनुमति दी जाए।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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