Sunday, September 8, 2024
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मेरी हत्या हो सकती है… मरना तो वैसे भी है, लेकिन माफ़ी नहीं माँगूंगी: रेपिस्ट पादरी का विरोध करने वाली नन

कैथोलिक क्रिश्चन सोसायटी फ्रांसिस्कन क्लेरिस्ट कॉन्ग्रिगेशन ने कारण बताओ नोटिस जारी कर नन लूसी कलपूरा से माफ़ी माँगने और अपनी शिकायत वापस लेने को कहा था।

केरल में बलात्कार के आरोपित बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ प्रदर्शन में भाग लेने वाली नन लूसी कलपूरा ने अपनी हत्या का अंदेशा जताया है। उन्होंने पुलिस से अपनी शिकायत वापस लेने और माफ़ी माँगने से भी इनकार किया है। कैथोलिक क्रिश्चन सोसायटी फ्रांसिस्कन क्लेरिस्ट कॉन्ग्रिगेशन (FCC) ने कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे माफ़ी माँगने और शिकायत वापस लेने को कहा था।

सिस्टर लूसी का कहना है कि सितंबर 2018 के बाद उनके साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया, उन्हें जिस तरह टॉर्चर किया गया, इसके लिए एफसीसी को उनसे माफी माँगनी चाहिए। उन्होंने कहा ये सिर्फ उनकी बात नहीं है। यह महिलाओं के अस्तित्व का मसला है। वे मर्दों की बपौती नहीं हैं।

लूसी ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, “जैसे आप धूम्रपान करने के बाद अपने पैरों के नीचे सिगरेट को कुचल देते हैं, वैसा ही व्यवहार वो मेरी जैसी महिलाओं के साथ कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि अब समझौता करने की कोई गुंजाइश नहीं है। पहले भी उन्हें बहुत धमकियाँ मिल चुकी है, वो इन धमकियों की परवाह नहीं करती।

इतना ही नहीं, लूसी ने किसी भी अप्रिय घटना के लिए एफसीसी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, “मेरी हत्या हो सकती है। मरना तो वैसे भी है। शायद हत्या ही मेरी नियति में है। इसके लिए एफसीसी और स्थानीय प्रशासन जिम्मेदार होगा। मैं यहाँ कॉन्वेंट में रहूँगी। मैंने पुलिस से सुरक्षा भी माँगी है। लेकिन उन्होंने अब तक कुछ नहीं किया है।”

गौरतलब है कि, इस हफ्ते की शुरुआत में सिस्टर लूसी ने कॉन्वेंट में बंधक बनाने और प्रार्थना से रोके जाने को लेकर पुलिस से शिकायत की थी। उन्होंने कहा था कि सोमवार (अगस्त 19, 2019) की सुबह जब प्रार्थना के लिए तैयार हुई तो कॉन्वेंट से निकल नहीं पाई, क्योंकि उन्हें बाहर से बंद कर दिया गया था। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने मौके पर पहुँच उन्हें बाहर निकाला था।

दुष्कर्म में आरोपित बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ पिछले साल सितंबर में हुए विरोध-प्रदर्शन में शामिल 5 ननों में से एक लूसी कलपूरा हैं। इसके कारण FCC ने उन्हें बर्खास्त कर 17 अगस्त तक कॉन्वेंट छोड़ने को कहा था। इसके खिलाफ उन्होंने वेटिकन में अपील कर रखी है। पिछले दिनों नन लूसी कलपूरा ने एक पादरी पर सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो फैलाकर खुद को अपमानित करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि पुलिस से शिकायत के बाद उनकी छवि खराब करने के लिए चर्च फर्जी वीडियो फैला रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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