Tuesday, May 7, 2024
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कारगिल युद्ध के विलेन को कॉन्ग्रेस नेता शशि थरूर ने बताया शांतिदूत: बोली BJP- यही है पाकपरस्ती, उन्होंने भी राहुल गाँधी को सज्जन कहा था

पाकिस्तान के तानाशाह राष्ट्रपति रहे परवेज मुशर्रफ को साल 1999 में हुए कारगिल युद्ध का मुख्य विलेन माना जाता है। युद्ध के समय मुशर्रफ ही पाकिस्तानी सेना के मुखिया थे। हालाँकि, कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को मुँह की खानी पड़ी थी। इस युद्ध में करारी हार झेलने के बाद बौखलाए मुशर्रफ ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का तख्ता पलट दिया था।

पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व राष्ट्रपति और तानाशाह परवेज मुशर्रफ (Parvez Musharaf) का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। मुशर्रफ के निधन पर कॉन्ग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने उन्हें ‘शांतिदूत’ कहते हुए श्रद्धांजलि दी। कारगिल युद्ध के मुख्य विलेन को शांतिदूत बताने पर राजनीति गरमा गई है।

थरूर ने ट्वीट कर कहा, “पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का एक दुर्लभ बीमारी के कारण निधन हो गया। कभी भारत के कट्टर दुश्मन रहे मुशर्रफ साल 2002 से 2007 के बीच शांति के लिए असली ताकत बन गए थे। मैंने उन दिनों उनसे संयुक्त राष्ट्र में हर साल मुलाकात की थी। मैं उन्हें एक चतुर और स्पष्ट कूटनीतिक विचारों वाला मानता हूँ। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें।”

थरूर के इस ट्वीट के बाद कॉन्ग्रेस पर भाजपा हमलावर हो गई है। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कॉन्ग्रेस को पाकिस्तान परस्त बताते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, “कारगिल युद्ध कराने वाले तानाशाह परवेज मुशर्रफ जघन्य अपराधों के आरोपित थे। उन्होंने तालिबान और ओसामा को ‘भाई’ और ‘नायक’ माना था। उन्होंने अपने ही मृत सैनिकों के शवों को वापस लेने से इनकार कर दिया था। इसके बाद भी कॉन्ग्रेस द्वारा उनका स्वागत किया जा रहा है। क्या आपको हैरानी हो रही है? कॉन्ग्रेस की पाकपरस्ती फिर से सामने आ गई।”

पूनावाला ने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा, “एक समय मुशर्रफ ने राहुल गाँधी को सज्जन व्यक्ति कहते हुए तारीफ की थी। शायद इसीलिए मुशर्रफ कॉन्ग्रेस को प्रिय हैं। धारा 370 से लेकर बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक तक पर संदेह करने वाली कॉन्ग्रेस पाक की भाषा बोलते हुए मुशर्रफ की तारीफ करती है, लेकिन अपने देश के मुखिया को ‘सड़क का गुंडा’ कहती है।”

बता दें कि पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ का लंबी बीमारी के बाद रविवार (5 फरवरी 2023) को निधन हो गया। वह बेहद दुर्लभ बीमारी ‘एमिलॉयडोसिस’ से पीड़ित थे। इस बीमारी के दौरान शरीर के अंगों में एमिलॉयड नामक एक असामान्य प्रोटीन जमा होने लगता है। इसके बाद शरीर का हर धीरे-धीरे काम करना बंद कर देता है। मुशर्रफ का इलाज दुबई के एक हॉस्पिटल में चल रहा था।

पाकिस्तान के तानाशाह राष्ट्रपति रहे परवेज मुशर्रफ को साल 1999 में हुए कारगिल युद्ध का मुख्य विलेन माना जाता है। युद्ध के समय मुशर्रफ ही पाकिस्तानी सेना के मुखिया थे। हालाँकि, कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को मुँह की खानी पड़ी थी। इस युद्ध में करारी हार झेलने के बाद बौखलाए मुशर्रफ ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का तख्ता पलट दिया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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