कर्ज़ में डूबी एयरलाइंस किंगफिशर के मालिक विजय माल्या को कड़ा झटका देते हुए मुंबई की धनशोधन निरोधक क़ानून (पीएमएलए) की विशेष अदालत ने उसे भगोड़ा ‘आर्थिक अपराधी’ घोषित कर दिया है। इस अधिनियम के तहत जिसे आर्थिक भगोड़ा घोषित किया जाता है, उसकी संपत्ति तुरंत प्रभाव से ज़ब्त कर ली जाती है।
आर्थिक अपराधी एक ऐसा व्यक्ति होता है जिसके विरुद्ध सूचीबद्ध अपराधों के लिए ग़िरफ़्तारी का वारंट जारी किया गया हो; या जो भारत छोड़ चुका हो ताकि यहाँ हो रही आपराधिक कार्रवाई से बचा जा सके; या वो विदेश में रहने लगा हो और इस तरह की आपराधिक कार्रवाई से बचने के लिए भारत आने से मना कर रहा हो। इस तरह के क़ानून के तहत 100 करोड़ रुपये से ज़्यादा की घोखाधड़ी, चेक का अनादर और लोन डिफ़ॉल्ट से संबंधित मामले आते हैं।
अदालत के इस फ़ैसले के बाद बैंकों के लगभग 9,000 हज़ार करोड़ रुपये के कर्ज़दार माल्या की संपत्तियों को अब ज़ब्त किया जा सकेगा। जानकारी के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विशेष अदालत के समक्ष विजय माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने संबंधी एक याचिका दायर की थी।
इस याचिका के परिणामस्वरूप अब भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम (एफईओए) के तहत माल्या का नाम पहले भगोड़े आर्थिक अपराधी के रूप में दर्ज हो गया है। ऐसा होने से अब माल्या के ख़िलाफ़ नए आर्थिक अपराध क़ानून के तहत कार्रवाई होगी।
विजय माल्या वर्ष 2016 में हज़ारों करोड़ रुपयों का गबन करके ब्रिटेन भाग गया था। गौरतलब है कि पिछले साल 10 दिसंबर को लंदन की वेस्टमिनिस्टर अदालत ने माल्या के प्रत्यर्पण पर भारत के पक्ष में फ़ैसला दिया था और उसे भारत भेजने की अनुमति दे दी थी।