उत्तर प्रदेश की राजनीति का कभी केंद्र रहे गैंगस्टर्स अब बेचैन हैं। अतीक अहमद के बेटे का एनकाउंटर और उसके बाद उसकी भाई समेत हत्या के बाद प्रदेश के माफियाओं में बेचैनी है। बेचैनी का एक कारण शासन की मोस्ट वॉन्टेड की लिस्ट में मुख्तार अंसारी का नाम शामिल होना भी है।
उत्तर प्रदेश के मऊ का रहने वाला मुख्तार अंसारी अभी बांदा जेल में बंद है। अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद उसकी नींद हराम हो गई है। कहा जा रहा है कि वह ठीक से खाना भी नहीं खा पा रहा है। मुख्तार को डर है कि पेशी के दौरान कहीं उसके साथ भी अतीक जैसी अनहोनी ना हो जाए।
दरअसल, 29 अप्रैल 2023 को गाजीपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट में गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मामले में फैसला आना है। इस दौरान मुख्तार को कोर्ट में पेश होना होगा। हालाँकि, अतीक और अशरफ की घटना को देखते हुए बांदा जेल में उसकी सुरक्षा व्यवस्था को कड़ी कर दी गई है।
बांदा जेल में मुख्तार के बैरक के आसपास कोई नहीं जा सकता है। उसे सिंगल बैरक में रखा गया है, जिसमें बाथरूम के साथ सोने की भी व्यवस्था है। मुख्तार अपनी बैरक से नहीं निकलता है। अगर कोई जरूरत पड़ती है तो वहाँ मौजूद बॉडी वॉर्न कैमरों से लैस सुरक्षाकर्मियों से कहता है।
इतना ही नहीं, उसके गृह जिले मऊ में पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला। इसके साथ ही शहर में जाँच अभियान चलाया। गाजीपुर के एसपी ओमवीर सिंह ने कहा कि 29 अप्रैल को होने वाली सुनवाई के लिए अगर मुख्तार को बांदा जेल से लाया जाएगा तो उसके सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम रहेंगे। पीएसी के साथ-साथ 5 थानों की पुलिस फोर्स तैनात रहेगी।
सुरक्षा की लगा चुका है गुहार
वहीं, मुख्तार अंसारी के भाई और गाजीपुर से बसप सांसद अफजाल अंसारी ने आरोप लगाया है कि अब उन दोनों को मारने की तैयारी की जा रही है। हालाँकि ये पहली बार नहीं है कि मुख्तार ने अपनी जान की खतरा बताया है।
मुख्तार अंसारी जब पंजाब की रोपड़ जेल में बंद था, तब मार्च 2021 में उसकी पत्नी आफशां अंसारी ने तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा था। उसने अपने पत्र में कहा था कि उसके शौहर मुख्तार अंसारी को पंजाब से उत्तर प्रदेश लाने के दौरान उनकी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएँ।
मुख्तार अंसारी ने 23 सितंबर 2021 को अपनी हत्या की आशंका जताई थी। उसने एमपी-एमएलए कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई के दौरान कहा था कि उसे डर है कि कहीं राज्य सरकार खाने में जहर ना मिलाकर परोस दे। उसने कहा था कि अगर जेल में उसे उच्च श्रेणी की सुविधाएँ मिल जाती हैं तो उसका यह डर खत्म हो जाएगा।
पंजाब के जेल में कर रहा था मौज
पंजाब जेल में मुख्तार मौज उड़ा रहा था। यह बात AAP विधायक और पंजाब के तत्कालीन जेल मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा था कि फर्जी FIR दर्ज करके मुख्तार को 2 साल 3 महीने पंजाब की जेल में रखा गया। इस दौरान उसका चालान तक पेश नहीं किया गया। उन्होंने तत्कालीन कॉन्ग्रेस सरकार पर उसे संरक्षण देने का आरोप लगाया था।
उन्होंने यहाँ तक आरोप लगाया था कि मुख्तार जेल में अपनी बीवी आफशां अंसारी के रहता है और उसे जेल में VIP ट्रीटमेंट दिया गया। उसने जानबूझकर इन मामलों में जमानत नहीं ली। यहाँ तक कि UP सरकार ने 26 बार प्रोडक्शन वारंट निकाले, लेकिन उसे पंजाब से उत्तर प्रदेश नहीं भेजा गया।
इस मामले में हरजोत सिंह बैंस के निर्देश के बाद FIR दर्ज की गई थी। इसकी जाँच रिपोर्ट में कहा गया था कि मुख्तार जेल की बैरक से ज्यादा रोपड़ जेल में बने ऑफिसर क्वार्टर में रहता था। वहाँ उसकी बीवी आती थी। इस मामले में कई बड़े अधिकारियों के खिलाफ FIR की सिफारिश की गई है। कहा गया है कि ये अधिकारी मुख्तार से रिश्वत लेते थे।
दरअसल, मुख्तार अंसारी पर पंजाब के मोहाली स्थित एक बिल्डर से 10 करोड़ रुपए की रंगदारी माँगने का आरोप लगा था। इसके बाद पंजाब पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर उसे मोहाली लेकर आई थी। 24 जनवरी 2019 को कोर्ट में पेश कर उसे रोपड़ जेल में भेज दिया गया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अप्रैल 2021 में उसे पंजाब से उत्तर प्रदेश पुलिस ले गई थी।
मुख्तार का आपराधिक इतिहास
मुख्तार अंसारी सिर्फ यूपी का ही नहीं, बल्कि देश के सबसे बड़े गैंगस्टर्स में से एक है। उसका आपराधिक नेटवर्क यूपी, बिहार, पंजाब के अलावा गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और मध्य प्रदेश तक फैला है। उसके खिलाफ देश भर में 61 मामले दर्ज हैं, जिनमें से 24 मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं।
मुख्तार अंसारी के खिलाफ सन 1988 में गाजीपुर कोतवाली में हत्या का पहला मामला दर्ज हुआ था। मंडी परिषद की ठेकेदारी को लेकर लोकल ठेकेदार सच्चिदानंद राय की हत्या के मामले में मुख्तार का नाम सामने आया था। उस पर भाजपा विधायक कृष्णानंद राय सहित 7 लोगों की भी हत्या का आरोप था, लेकिन सीबीआई जाँच के बावजूद मुख्तार बरी हो गया।
कुख्यात मुख्तार अंसारी के खिलाफ हत्या के 18 मामले दर्ज हैं, जबकि हत्या के प्रयास के 10 मुकदमे दर्ज हैं। मुख्तार पर आतंकियों पर लगने वाले टाडा (TADA) और मकोका (MCOCA) से लेकर गैंगस्टर ऐक्ट, एनएसए और आर्म्स ऐक्ट के तहत भी मामले दर्ज हैं।
राजनीति और यूपी सरकार की कार्रवाई
इस बीच वह पाँच बार विधायक भी रहा। वह CPI और बसपा में रहा। अंतिम तीन चुनाव उसने जेल में रहते हुए जीता। इसके बाद उसने अपनी राजनीतिक विरासत अपने बेटे अब्बास को सौंप दिया है। मुख्तार का भाई अफजाल अंसारी गाजीपुर से बसपा का सांसद है। वहीं, अब्बास सुभासपा पार्टी से मऊ का विधायक है।
इस बीच यूपी सरकार मुख्तार, उसकी बीवी और बेटे सहित अन्य करीबियों की लगभग 448 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर चुकी है। इसके अलावा, 127 करोड़ रुपए की बेनामियों संपत्तियों का पता लगाया गया है, जिसे जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, मुख्तार के 83 लाइसेंस को भी सरकार ने रद्द किया है।