चुनाव नतीजों के बहाने मीडिया का एक धड़ा भाजपा के विरोध में माहौल बनाने का बीड़ा भी उठा कर चलता है। हाल ही में कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों में कॉन्ग्रेस की जीत के बाद ‘News 24’ का एक पत्रकार भी ऐसा करते हुए धरा गया, लेकिन उसे करारा जवाब भी मिला। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उक्त पत्रकार का नाम राजीव रंजन है, जो ‘माहौल क्या है’ शो को होस्ट करते हैं।
इस शो के दौरान वो जगह-जगह जाकर लोगों से बातचीत करते हैं। रविवार (14 मई, 2023) को वो दिल्ली के कनॉट प्लेस पर थे। इंट्रोडक्शन के दौरान ही उन्होंने भाजपा के खिलाफ बातें करनी शुरू कर दी। उन्होंने भाजपा नेताओं पर धर्म की राजनीति खेलने का आरोप मढ़ दिया। उन्होंने अंदाज़ा लगा लिया कि कर्नाटक में भाजपा की हार बता रही है कि देश का मूड बदल रहा है, लेकिन जब उन्होंने जनता से सवाल पूछना शुरू किया तो लोगों ने ही इसे नकार दिया।
एक व्यक्ति ने करारा जवाब देते हुए कहा कि पिछले साढ़े 9 वर्षों से देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज पर भरोसा दिखा रहा है। उसने कहा कि लोकतंत्र है और हार-जीत चलता रहता है, कर्नाटक अगर भाजपा हारी है तो बाकी राज्य जीतेगी भी और 2024 लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर नरेंद्र मोदी इसी तरह देश को नेतृत्व प्रदान करते रहेंगे। उसने इस बात को नकार दिया कि कर्नाटक से देश का भविष्य तय हो रहा है।
इसके बाद राजीव रंजन कहने लगे कि भाजपा ने पूरा जोर लगाते हुए ‘जय बजरंग बली’ का उद्घोष किया और टीपू सुल्तान के खिलाफ भी नफरत फैलाई, ऐसे में क्या ये न माना जाए कि नरेंद्र मोदी का करिश्मा कम हो रहा है। इस पर उक्त व्यक्ति ने कहा कि यहाँ चावल वाला उदाहरण नहीं चलता है कि एक चावल देख कर पता चल जाए कि सारा चावल पका है या नहीं। उसने कहा कि इसी तरह एक राज्य से पूरे देश का मूड नहीं बताया जा सकता।
उक्त व्यक्ति ने स्पष्ट किया कि भाजपा ‘सबका साथ, सबका विकास’ नारे पर विश्वास रखती है और ऐसा नहीं करती है कि किसी धर्म को प्रश्रय दिया जाए और किसी के खिलाफ घृणा फैलाई जाए। उसने कहा कि ‘जय बजरंग बली’ हो या ‘अल्लाहु अकबर’, ये सियासी नहीं बल्कि धार्मिक नारे हैं। इस पर ‘पत्रकार’ राजीव रंजन कहने लगे कि ‘जय श्रीराम’ में आक्रामकता है। इस पर उस व्यक्ति ने समझाया कि ‘श्री’ का अर्थ यहाँ लक्ष्मी से है।
उसने बताया कि ‘श्री’ नारी शक्ति का द्योतक है। इसके बाद ‘News 24’ का प्रोपेगंडाबाज पत्रकार कहने लगा कि ‘जय श्रीराम’ का नारा 90 के दशक में आया। फिर उस व्यक्ति ने पूछा कि फिर ‘श्री नारायण’ कब से है? पत्रकार को सबसे ज्यादा झटका तब लगा, जब उस व्यक्ति ने अपना नाम बताया। असल में उस व्यक्ति का नाम मोहम्मद फैज खान है। उसने स्पष्ट कहा कि वो गौसेवक हैं। उसने कहा कि नाम सुन कर आपको कुछ और लगा होगा, लेकिन उल्टा हो गया क्योंकि मैं निष्पक्ष बात करता हूँ।