उत्तर प्रदेश के वाराणसी में जी-20 के मंत्री समूह की बैठक की तैयारियाँ जोरों पर है। यूपी की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सरकार चाहती है कि जब विदेशी मेहमान काशी की धरती पर आएँ तो उन्हें अतुल्य काशी की झलक मिले और जब वे यहाँ से जाएँ तो काशी की परंपरा की छवि अपने साथ लेकर जाएँ।
नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने कहा कि काशी में जी-20 सम्मेलन की यह दूसरी बैठक होने जा रही है। उन्होंने कहा कि पिछली बैठक में आए मेहमान यहाँ की संस्कृति से प्रभावित होकर लौटे हैं। बैठक में शामिल होने आने वाले अतिथियों का एयरपोर्ट पर चंदन लगाकर और अंगवस्त्रम देकर स्वागत किया जाएगा।
उधर सरकार ने जैन तीर्थंकर चंद्र महाप्रभु की जन्मस्थली चंद्रावती को भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए सरकार ने 20 करोड़ रुपए की परियोजना की स्वीकृति दे दी है। इसके साथ इसकी पहली किस्त के रूप में 1.50 करोड़ रुपए भी जारी कर दी है।
चंद्रावती में गंगा तट पर पक्के घाट का निर्माण किया जाएगा और पर्यटन की सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय ने कहा कि इससे गंगा किनारे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे।
जैन तीर्थंकर चंद्र महाप्रभु की जन्मस्थली चंद्रावती जैन धर्मावलंबियों के लिए एक पवित्र स्थल है। यह गंगा तट पर बसा है और लंबे समय से इस तीर्थ क्षेत्र में पक्के घाट के निर्माण की माँग की जा रही थी। पर्यटन मंत्रालय की ओर से इस परियोजना को स्वीकृति दे दी गई है।