Saturday, May 4, 2024
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मध्य प्रदेश की सृष्टि और बिहार के रंजन – दोनों की मौत… ढाई साल की बच्ची का 50 तो 11 साल के बच्चे का 25 घंटे चला था रेस्क्यू ऑपरेशन

सृष्टि को बचाने के लिए रोबोटिक्स टीम को लगाया गया था। रंजन मानसिक रूप से बीमार था।

लगभग 3 दिनों तक चली जद्दोजहद के बाद मध्य प्रदेश के सीहोर में फँसी सृष्टि को निकाला गया, लेकिन उसकी मौत हो गई। उधर बिहार के सासाराम में पिलर में फँसे बच्चे को भी निकाल लिया गया, लेकिन उसकी जान भी नहीं बचाई जा सकी। इन दोनों ही मासूमों को लेकर देश भर की निगाहें लग हुई थीं, लेकिन उनकी मौत की खबर सुन कर लोग स्तब्ध हैं। इन मासूमों को बचाने के लिए कई लोगों की टीम भी लगाई गई थी।

मध्य प्रदेश: सीहोर में सृष्टि की मौत, रेस्क्यू के बाद आई बुरी खबर

ये घटना मुंगावली की है, जहाँ मंगलवार (6 जून, 2023) को ढाई साल की सृष्टि 300 फ़ीट गहरे बोरवेल में घुस गई थी। उसे गुरुवार को रेस्क्यू तो कर लिया गया और इसके बाद तुरंत ही अस्पताल भी भेजा गया, लेकिन वहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सृष्टि को बचाने के लिए रोबोटिक्स टीम को लगाया गया था। रोबोटिक्स एक्सपर्ट्स की टीम गुरुवार की सुबह ही घटनास्थल पर पहुँची थी। भारतीय सेना, NDRF और SDRF के अलावा स्थानीय प्रशासन भी इसमें लगा हुआ था।

रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद अचानक से मौसम खराब हो गया था और तेज आँधी के साथ-साथ बारिश भी शुरू हो गई थी। गुरुवार की शाम आखिरकार बच्ची को बाहर निकालने में सफलता मिली, लेकिन अब उसकी मौत हो गई है। सृष्टि खेलते-खेलते बोरवेल में गिरी थी। पहले वो 20 फ़ीट की गहराई में फँसी थी, जिसके बाद वो 100 फ़ीट की गहराई में फिसल गई। पथरीले इलाके में बोरवेल के सामानांतर खुदाई की गई। बचाव कार्य में लगी मशीनों के कंपन के कारण भी वो फिसल गई थी। उसके कपड़े भी फट गए थे।

बिहार: रोहतास में पिलर में फँसे 11 साल के बच्चे की मौत

इसी तरह बिहार के रोहतास फ़्लाइपवेर में एक 11 साल का बच्चा फँस गया था। रंजन को भी रेस्क्यू किए जाने के बाद अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी मौत हो गई थी। यहाँ रेस्क्यू के लिए एप्रोच रोड के स्लैब को बुलडोजर से तोड़ना पड़ा था। डॉक्टरों ने जानकारी दी है कि 8-10 घंटे पहले ही मृत्यु हो चुकी थी। रंजन मानसिक रूप से बीमार था। वो बुधवार को ही गायब हो गया था, ऐसे में उसकी खोजबीन चल रही थी।

एक महिला ने जब पुल के पास रोते हुए बच्चे की आवाज सुनी तो पुलिस को सूचित किया गया। उक्त मामला नासरीगंज पुलिस थाने के दाउदनगर स्थित सोनपुल का है। पिलर से बच्चे को निकालने के लिए NDRF को भी बुलाया गया था। साथ ही पुल से जुड़ी एक टीम भी वहाँ पर थी। पहले परिजनों ने ही बच्चे को निकालने की कोशिश की थी, लेकिन वो सफल नहीं हो पाए थे। पुल के पिलर नंबर 1 और स्लैब के बीच गहराई में बच्चा फँसा हुआ था। एनडीआरएफ की टीम ऑक्सीजन सिलिंडर लेकर पहुँची थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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