इस्लामी कट्टरपंथियों ने शनिवार (17 जून, 2023) को सोशल मीडिया पर गिरोह बना कर भारत के एक हिन्दू कारोबारी राम चरण (बदला हुआ नाम, सुरक्षा के कारण) को धमकी देना शुरू कर दिया। राम चरण की बस इतनी गलती थी कि उन्होंने भाजपा की निलंबित नेता नूपुर शर्मा का समर्थन कर दिया था। राम एक कंपनी में CEO के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने भारत में बढ़ते इस्लामी कट्टरपंथ को लेकर चिंता जताई थी, जिसके बाद इस्लामवादी उनके पीछे पड़ गए।
राम चरण (बदला हुआ नाम, सुरक्षा के कारण) ने नमाज की आड़ में हिन्दुओं और सरकार की जमीन पर अतिक्रमण किए जाने का विरोध किया था। स्कूलों-कॉलेजों में जिस तरह से हिजाब का प्रचलन बढ़ाने की कोशिश हो रही है, उस पर भी उन्होंने आपत्ति जताई थी।
इस्लामवादियों ने जैसे ही उनकी कुछ ट्वीट्स में लोकेशन दुबई देखा, वो अरब मुल्क से उन पर कार्रवाई करने और उन्हें भारत को प्रत्यर्पित करने की माँग करने लगे। अपनी ट्वीट्स में उन्होंने ‘लव जिहाद’ से लेकर खाने में थूकने की कट्टर इस्लामी ट्रेंड का भी विरोध किया था।
भारत के साथ-साथ विदेश के भी कई मुस्लिम उनका विरोध करने लगे और उन्हें इस्लामॉफ़ोबिक बताने लगे। स्तम्भकार अब्दुल्ला अलमदी ने तो उन पर ईशनिंदा तक का आरोप मढ़ दिया। उन्होंने मुस्लिमों के खिलाफ घृणा फ़ैलाने का आरोप लगाते हुए राम चरण को देश से निकाल बाहर किए जाने की माँग की। एक इस्लामी कट्टरपंथी ने उनका लिंक्डइन प्रोफाइल वायरल कर दिया। उसने दुबई पुलिस से कार्रवाई की माँग की।
एक अन्य इस्लामी कट्टरपंथी ने राम चरण (बदला हुआ नाम, सुरक्षा के कारण) का विरोध करते हुए लिखा कि इस्लामी मुल्क में रहने के बावजूद वो इस तरह की चीजें शेयर कर रहे हैं। उसने उनका कारोबार तबाह किए जाने और उन्हें मुल्क से निकाले जाने की माँग की। उसने दावा किया कि लोग मुस्लिमों को गाली देकर मुस्लिमों से ही फायदा उठा रहे हैं, ये नहीं चलेगा।
कॉन्ग्रेस की ट्रॉल रिया ने भी दुबई पुलिस को टैग करते हुए हिन्दू कारोबारी को सज़ा देने की माँग की। पत्रकार अशरफ हुसैन ने दावा किया कि UAE ने इस मामले में जाँच भी शुरू कर दी है। 2018 में इसी तरह एक हिन्दू कारोबारी को सऊदी अरब में गिरफ्तार किया गया था।