भारतीय रिजर्व बैंक के अध्ययन में ये रिपोर्ट सामने आई है कि साल 2022-23 में बैंक-सहायता प्राप्त कुछ निवेश प्रस्तावों में सबसे अधिक उत्तर प्रदेश को मिले। वहीं, इन कुल निवेश प्रस्तावों का आधा सिर्फ पाँच राज्यों को मिले हैं, जिनमें यूपी और गुजरात भी शामिल हैं। वहीं, इस अवधि में निवेश हासिल करने वाले राज्यों में सबसे नीचे केरल और असम हैं।
जिन पाँच राज्यों को सबसे अधिक निवेश सहायता मिली हैं, उनमें क्रमश: उत्तर प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, महाराष्ट्र और कर्नाटक हैं। वहीं, सबसे नीचे से क्रमश: पाँच राज्य- असम, गोवा, केरल, हरियाणा और पश्चिम बंगाल हैं। वहीं, बिहार नीचे से सातवें स्थान पर है।
यूपी को 45 परियोजनाओं के लिए 43,180 करोड़ रुपए मिले हैं। यह कुल निवेश मदद का 16.2 प्रतिशत है। गुजरात को 37,317 करोड़ रुपए मिले, जो कुल निवेश का 14 प्रतिशत है। वहीं, ओडिशा को कुल निवेश का 11.8 प्रतिशत, महाराष्ट्र को 7.9 प्रतिशत और कर्नाटक को 7.3 प्रतिशत मिले हैं। इन पाँच राज्यों का कुल निवेश लागत में 57.2 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसके लिए इन पाँच राज्यों को 2,01,700 करोड़ रुपए मिले।
अगर सबसे निचले पायदान पर खड़े राज्यों की बात करें तो कुल परियोजना लागत का सिर्फ 0.7 प्रतिशत असम, 0.8 प्रतिशत गोवा, 0.9 प्रतिशत केरल और सिर्फ 1 प्रतिशत हरियाणा के जिम्मे आया। बिहार के हिस्से में कुल परियोजना लागत का 1.6 प्रतिशत आया।
अध्ययन में यह बात भी सामने आई है कि बैंकों द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि करने के बावजूद 3,52,624 करोड़ रुपए के रिकॉर्ड पूंजीगत व्यय के साथ इन प्रस्तावों में 79.50 प्रतिशत की शानदार वृद्धि हुई। यह वृद्धि वित्त वर्ष 2014-15 के बाद सबसे अधिक है।
2022-23 में कुल 547 परियोजनाओं को बैंकों एवं अन्य वित्तीय संस्थानों से मदद मिली। इस दौरान कुल 2,66,547 करोड़ रुपए जारी किए गए। पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 2022-23 में 146 प्रोजेक्ट अधिक हैं। इन परियोजनाओं पर 1.42 लाख करोड़ रुपए की लागत आई।
वित्त वर्ष 2022-23 में जिन 547 परियोजनाओं को बैंकों एवं अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा मदद मिली, उनमें सबसे अधिक 135 प्रोजेक्ट रोड, ब्रिज जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े हैं। वहीं, अन्य कैटेगरी के 112 प्रोजेक्ट इसमें शामिल हैं, जबकि मेटल से जुड़े 60 प्रोजेक्ट हैं।