मुंबई के आरे कॉलनी में मेट्रो शेड के निर्माण के लिए पेड़ काटे जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। इसके चंद मिनटों के भीतर ही सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस अशोक भूषण की विशेष पीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी है। पेड़ काटने का विरोध कर रहे कानून के छात्रों ने रविवार (अक्टूबर 6, 2019) को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को पत्र लिखा था, जिसे कोर्ट ने जनहित याचिका मानते हुए सुनवाई शुरू की।
Supreme Court asks Maharashtra Government to not cut more trees at #Aarey Colony. Solicitor General Tushar Mehta appearing for Maharashtra Government assures the bench that henceforth no trees will be cut. pic.twitter.com/oLSzCZsXcY
— ANI (@ANI) October 7, 2019
बता दें कि इससे पहले हाईकोर्ट ने पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के अवकाश अधिकारी की ओर से सूचना दी गई है कि लॉ छात्र ऋषभ रंजन की ओर से छह अक्तूबर को यह पत्र लिखा गया था। जिसमें बताया गया कि मुंबई के आरे के जंगल में पेड़ काटे जा रहे हैं। पत्र को जनहित याचिका के तौर पर रजिस्टर्ड कर लिया गया और सोमवार (अक्टूबर 7, 2019) को सुबह 10 बजे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई करने का तय किया गया था।
#Aarey: A Special Bench of the Supreme Court comprising Justices Arun Mishra and Ashok Bhushan to begin hearing in the PIL against felling of trees in Mumbai’s Aarey forest shortly.#SaveAarey
— Bar & Bench (@barandbench) October 7, 2019
लॉ छात्र द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया था कि मुंबई प्रशासन द्वारा शहर के फेफड़े कहे जाने वाले इन पेड़ों को काटा जा रहा है। इतना ही नहीं, शांतिपूर्ण तरीके से इसका विरोध करने वाले हमारे दोस्तों को भी जेल में डाल दिया गया। याचिकाकर्ता ने लिखा था कि उनके पास उपयुक्त याचिका दायर करने के लिए समय नहीं था, लिहाजा सुप्रीम कोर्ट अपने न्यायिक क्षेत्राधिकार का प्रयोग कर इसमें तत्काल हस्तक्षेप करे।