इंग्लैंड की राजधानी लंदन की पुलिस कट्टरपंथी इस्लामी जिहादियों पर कार्रवाई करने की बजाय लोगों को जिहाद का मतलब समझाने में जुटी हुई है। वह अलग अलग तरह के स्पष्टीकरण देकर इस्लामी आतंकी संगठन हमास के समर्थकों का बचाव कर रही है।
ताजा मामला एक आतंक समर्थक संगठन ‘हिज्ब-उत-तहरीर’ से जुड़ा हुआ है जिसके सदस्यों ने लंदन के अंदर प्रदर्शन करके इजरायल के खलाफ ‘जिहाद’ के नारे लगाए हैं। इस विरोध प्रदर्शन का वीडियो एक्स (पहले ट्विटर) पर वायरल है। वीडियो में इस्लामी भीड़ चिल्लाती है, “फिलीस्तीन के बंदी कैम्प से लोगों को आजाद कराने का रास्ता क्या है?” इसके बाद लोग इसका जवाब देते हैं, “जिहाद! जिहाद! जिहाद!”
"What is the solution to liberate people from the concentration camp called Palestine?"
— Harry's Place (@hurryupharry) October 21, 2023
"Jihad! Jihad! Jihad!"
From the Hizb ut Tahrir demonstration pic.twitter.com/Ba5CfkiOsy
लंदन के भीतर इस्लामी आतंकी संगठन हमास से हमदर्दी दिखा रहे कट्टरपंथियों पर कार्रवाई करने की बजाय लंदन की पुलिस इस वीडियो पर सफाई पेश करने लगी। लंदन की पुलिस ने वायरल वीडियो के नीचे रिप्लाई करके इसके बचाव की कोशिश की।
लंदन की मेट्रोपोलिटन पुलिस ने लिखा, “जिहाद के कई अर्थ हैं लेकिन आम जनता इसे सामान्यतः आतंक के साथ जोड़ती है। हमारे पास यहाँ ऑपरेशन रूम में काउन्टर टेरिरिज्म अफसर हैं जिन्हें इस इलाके की जानकारी है। उन्होंने हिज्ब उर तहरीर के इस वीडियो का आकलन किया है और इस वीडियो से कोई समस्या नहीं पैदा होती है।”
The word jihad has a number of meanings but we know the public will most commonly associate it with terrorism. We have specialist counter terrorism officers here in the operations room who have particular knowledge in this area.
— Metropolitan Police (@metpoliceuk) October 21, 2023
They have assessed this video, filmed at the Hizb…
लंदन की मेट्रोपोलिटन पुलिस ने इस मामले का पटाक्षेप करने के लिए कहा कि ऐसे कृत्यों से आम जनता में विभाजनकारी प्रभाव पड़ेगा इसलिए प्रदर्शन में शामिल व्यक्ति से पुलिस अधिकारी बातचीत करेंगे। गौरतलब है कि जिस जिहाद शब्द का लंदन पुलिस बचाव कर रही है वह अरबी शब्द है। अरबी भाषा में इसका अर्थ ‘लड़ाई’ या ‘संघर्ष’ होता है जिसके जरिए इस्लाम का प्रसार किया जाए।
मेट्रोपोलिटन पुलिस जिहाद पर स्पष्टीकरण देने के बाद इस्लामिक झंडों पर भी ज्ञान देने लगी। लंदन पुलिस ने एक जिहादी द्वारा हमास के समर्थन में लहराए जा रहे इस्लामी झंडे पर भी ट्वीट किया – “इस फोटो में दिख रहे झंडे ISIS के नहीं हैं। ये ‘शहादा’ हैं जो कि इस्लाम में आस्था जाहिर करने का प्रतीक हैं। ISIS के झंडे दिखने में ऐसे ही होते हैं लेकिन दोनों समान नहीं हैं। हमारे पास इस मामले के विशेषज्ञ अफसर हैं जिनके पास झंडों के विषय में जानकारी है।”
Do you need to speak Arabic to recognise the words Hamas, Yahood and Kufr?
— Harry's Place (@hurryupharry) October 21, 2023
Filmed at 16:45, Whitehall centre of Londonistan pic.twitter.com/mpDPdvCxR3
यह बात अलग है कि लोगों ने चिंता ISIS जैसे झंडे दिखने की नहीं बल्कि हमास के लिए उभरते समर्थन को लेकर जताई थी। हालाँकि, मेट्रोपोलिटन पुलिस के इस्लामिक कट्टरपंथियों के बचाव को लोगों ने आड़े हाथों लिया।
उन्होंने मेट्रोपोलिटन पुलिस के ट्वीट के नीचे एक ‘कम्युनिटी नोट’ जोड़ कर कहा कि यह झंडा ISIS का नहीं है लेकिन खिलाफत और अल कायदा द्वारा उपयोग किया जाता रहा है। झंडा लहराने वाला “अल्लाह यहूदियों का नाश करे”, “इस्लामिक स्टेट” जैसे नारे अरबी में लगाते हुए सुना जा सकता है।
लंदन की मेट्रोपोलिटन पुलिस का इस्लामिक कट्टरपंथ के बचाव का यह कोई पहला मामला नहीं है। वह लंदन के भीतर हमास जैसे इस्लामी आतंकी संगठनों के समर्थन में होने वाली रैलियों को रोकने में असफल रहे हैं। लंदन पुलिस के अलावा इंग्लैंड की ही लेस्टर पुलिस भी इस्लामी कट्टरपंथियों का साथ देती आई है। हाल ही में लेस्टर पुलिस के एक अधिकारी मोहम्मद अहद ने बागेश्वर धाम के पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की कथा में जाने वालों को रोका था। उसने गणेश पूजा में शामिल होने वाले वृद्ध पुजारियों से भी बदतमीजी की थी।
लेस्टर पुलिस के अधिकारी ने इससे पहले 2022 में यह फर्जी दावा किया था कि हिन्दुओं ने पाकिस्तान और मुस्लिमों के विरुद्ध नारे लगाए। इसके पश्चात इस इलाके में मुस्लिम कट्टरपंथियों ने हिन्दुओं को काफी परेशान किया था।