सामाजिक मुद्दे
सितारे गर्त में… क्योंकि दूध का जला भारत अब दही भी फूँक-फूँक कर खा रहा: राजनीति हो या फिल्म आपका ‘चुनाव’ ही इनकी निर्लज्जता...
राजनीति हो या खेल। साहित्य हो या मनोरंजन। प्रशासन हो या न्यायपालिका। शिक्षा हो या खेती-किसानी... कोई क्षेत्र निर्लज्ज विशेषज्ञता से वंचित नहीं है।
अजीत झा -
राजनैतिक मुद्दे
कोउ नृप (सरकार) होउ बिहारी को ही हानी… नीतीश कुमार इधर रहें या जंगलराज की छाया में पसरें, बिहार पर बोझ बना रहेगा
बिहार सियासी तौर पर अभिशप्त है। फिर भी जंगलराज की छाया से दूर रहने का सुकून था। हालिया राजनीतिक हलचल उस सुकून पर हमले जैसा है।
अजीत झा -
राजनैतिक मुद्दे
पसमांदा से ही मुस्लिम ‘वोट बैंक’, मजहबी भीड़ भी इनसे ही: चाहिए दलितों का कोटा, पर वोट उनको जिधर मदरसे-मौलवी
कौन हैं पसमांदा मुस्लिम? 'सबका साथ-सबका विकास' के बाद क्यों चर्चा में पसमांदा प्लान? क्या 2024 के लिए ऐसे किसी प्रयोग की बीजेपी को सच में जरूरत है?
अजीत झा -
सामाजिक मुद्दे
स्वतंत्रता के 75वें साल में भी वही मजहबी खतरे, किस ‘अवतार’ की प्रतीक्षा में हैं हिंदू: आखिर कब तक सरकार से सवाल को ही...
यह आवश्यक नहीं कि हिंदू किसी खास संगठन, दल के साथ खड़े हों। जरूरी है कि हिंदू के साथ हिंदू खड़े हों।
अजीत झा -
राजनैतिक मुद्दे
बालपन की कुछ सफेद कहानियाँ और काले कपड़ों वाली कॉन्ग्रेस…
कॉन्ग्रेस के कर्म ऐसे हैं कि काले कपड़ों में प्रदर्शन कर वह उन्हें ढक नहीं सकती। इसलिए संसद से सड़क तक जुमे पर उसने जो सियासी तमाशा किया, वह बेअसर साबित हुई।
अजीत झा -
सामाजिक मुद्दे
दरगाहों से हिंदुओं ने मोड़ा मुँह तो गैर इस्लामी हुआ ‘सिर तन से जुदा’, उस PFI की कुर्बानी भी कबूल जो भारत को मुस्लिम...
जिस आर्थिक बहिष्कार की बात होती है, वह हिंदू आज भी नहीं कर पाए हैं। लेकिन हिंदुओं के छिटपुट प्रयासों और दगाहो-मजारों पर सन्नाटे ने इनकी छटपटाहट बढ़ा दी है।
अजीत झा -
सामाजिक मुद्दे
इस नंगई से डरना नहीं है, इसको मारते रहिए भाला… ठीक वैसे ही जैसे लक्ष्य भेदते हैं नीरज चोपड़ा
नीरज चोपड़ा वाले भारत को रणवीर सिंह जैसों की जरूरत नहीं। हमारे समय, प्रेम, पैसे से बनकर बॉलीवुड के भांड हमें ही दबंगई नहीं दिखा सकते। इनकी रस्सी जल चुकी है, बल भी जाएगा ही।
अजीत झा -
देश-समाज
नूपुर शर्मा ने जो कहा वह गलत है, उसे इस्लाम माफ नहीं करेगा: निजामुद्दीन दरगाह के दीवान अली मूसा निजामी, कहा- मंदिर जाकर करे...
कन्हैया लाल के जिक्र पर अपनी हँसी नहीं रोक पाने वाले निजामुद्दीन दरगाह के दीवान का कहना है कि नूपुर शर्मा ने जो कहा उसके लिए इस्लाम में माफी नहीं है।
अजीत झा -