Friday, March 29, 2024
Homeदेश-समाजनूपुर शर्मा ने जो कहा वह गलत है, उसे इस्लाम माफ नहीं करेगा: निजामुद्दीन...

नूपुर शर्मा ने जो कहा वह गलत है, उसे इस्लाम माफ नहीं करेगा: निजामुद्दीन दरगाह के दीवान अली मूसा निजामी, कहा- मंदिर जाकर करे तौबा

"उसे अपने बयान के लिए खुलेआम माफी माँगनी चाहिए। मैं तो कहूँगा कि उसे मंदिर में जाकर माफी माँगनी चाहिए। जो कहा उसके लिए तौबा करनी चाहिए। इसका बड़ा असर होगा।"

दिल्ली की हजरत निजामुद्दीन दरगाह के दीवान अली मूसा निजामी का कहना है कि बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद को लेकर जो टिप्पणी की थी, वह गलत है। उन्होंने कहा कि इस तरह की बातें किसी को भी नहीं कहनी चाहिए। इस्लाम में इसके लिए माफी नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत में जम्हूरियत है। यदि यह इस्लामी मुल्क होता तो उसने जो कुछ कहा, उसकी एकमात्र सजा मौत होती।

निजामी ने कहा, “नूपुर शर्मा ने जो कहा उसके लिए उसे इस्लाम माफ नहीं करेगा। इसकी सजा मौत है। भारत में जम्हूरियत है, इसलिए वह जिंदा है। उसे अपने बयान के लिए खुलेआम माफी माँगनी चाहिए। मैं तो कहूँगा कि उसे मंदिर में जाकर माफी माँगनी चाहिए। जो कहा उसके लिए तौबा करनी चाहिए। इसका बड़ा असर होगा।” साथ ही उन्होंने कहा कि भारत जम्हूरियत वाला देश है। इसलिए विरोध में ‘सर तन से जुदा’ के जो नारे लग रहे हैं, वह भी गलत है।

यह पूछे जाने पर कि कई इस्लामी विद्वानों का कहना है कि नूपुर शर्मा ने गलत नहीं कहा है। उन्होंने जो कहा वह इस्लामी किताबों में दर्ज है। निजामी ने जवाब में जोर देकर कहा, “उसने जो भी कहा वह गलत है। इस्लाम में इसके लिए माफी की कोई गुंजाइश नहीं है।” हालाँकि नूपुर शर्मा को लेकर इतना सख्त रवैया दिखाने वाले निजामी, कन्हैया लाल का जिक्र आते ही हँस पड़े थे। वैसे अपने जवाब में उन्होंने इस निर्मम हत्या को भी गलत माना था।

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों इस्लामिक स्कॉलर अतीकुर रहमान ने कहा था कि नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद पर जो टिप्पणी की थी, वह गलत नहीं थी। एक टीवी शो में सोशल मीडिया के जरिए फैलाई गई नफरत और धमकियों पर अफसोस जताते हुए उन्होंने कहा था कि यदि किसी को लगता है कि नूपुर शर्मा ने गलत कहा है तो किसी वरिष्ठ मौलवी को बताना चाहिए कि वह कहाँ गलत थीं।

रहमान ने कहा था, “मैं आपको बताना चाहता हूँ कि नूपुर शर्मा गलत नहीं थीं। वो गलत नहीं थी। अगर कोई इस्लामी विद्वान या मुस्लिम सोचता है कि वह गलत थीं, तो इस्लाम का दायरा इतना व्यापक है कि उन्हें माफ किया जा सकता है। कोई वरिष्ठ मौलवी बताए कि वो कहाँ गलत थीं।” लेकिन निजामुद्दीन की दरगाह के दीवान निजामी ने इस संबंध में ऑपइंडिया के सवाल के जवाब में रहमान जैसे इस्लामी विद्वानों के मत को सिरे से खारिज कर दिया।

अपनी 84 साल की उम्र का हवाला देते हुए निजामी ने ऑपइंडिया को बताया कि उन्होंने कई दौर देखे हैं। माहौल खराब करने के लिए हमेशा से बयानबाजी होती रही है। लेकिन उनके अनुसार नफरत का जो दौर आज दिख रहा है, वैसा पहले कभी नहीं रहा। उन्होंने कहा कि यह नफरत अभी और बढ़ेगी। जब तक यह सरकार रहेगी, यह खत्म नहीं होगी।

ऑपइंडिया के साथ बातचीत में निजामी ने दावा किया कि हिंदुओं के बीच नफरत का प्रचार किया जा रहा है। इसके कारण साल भर के भीतर निजामुद्दीन की दरगाह पर आने वाले हिंदुओं की संख्या में 60 फीसदी तक कमी आने की भी बात कही। उन्होंने बताया, “पहले यहाँ खूब हिंदू आते थे। हर रोज। दोपहर के 2 बजे से रात के 11 बजे तक दरगाह पर आने वालों में खूब हिंदू होते थे। लेकिन अब इक्का-दुक्का हिंदू ही आते हैं। पहले यहाँ हिंदू भंडारे भी करते थे। करीब-करीब रोज। अन्न-पैसा बाँटते थे। लेकिन अब वैसी स्थिति नहीं रही।”

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

अजीत झा
अजीत झा
देसिल बयना सब जन मिट्ठा

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जो डर दूसरों में भरा, उसी डर से खुद मरा मुख्तार अंसारी: पूर्व DSP शैलेंद्र सिंह, माफिया पर POTA लगाने वाले पुलिस अधिकारी को...

पूर्व डीएसपी शैलेंद्र सिंह की मुख्तार की मौत पर प्रतिक्रिया आई। उन्होंने कहा कि माफिया ने जो डर दूसरों में भरा था वही डर अंत में उस पर हावी हुआ।

‘AI कोई मैजिक टूल नहीं, डीपफेक से लग सकती है देश में आग’: बिल गेट्स से बोले PM मोदी, गिफ्ट किए तमिलनाडु के मोती...

पीएम मोदी ने कहा, "अगर हम AI को अपने आलसीपन को बचाने के लिए करते हैं तो यह इसके साथ अन्याय होगा। हमें AI के साथ मुकाबला करना होगा। हमें उससे आगे जाना होगा "

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe