Wednesday, November 20, 2024
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उन स्कूलों में डाइनिंग हॉल बनाओ जिनमें 70% मुस्लिम बच्चे पढ़ते हैं: ममता का आदेश

पश्चिम बंगाल में तृणमूल सरकार ने राज्य शासित स्कूलों के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि उन स्कूलों में मध्याह्न भोजन के लिए एक डाइनिंग हॉल का निर्माण किया जाए जिनमें 70% से अधिक अल्पसंख्यक (मुस्लिम) बच्चे पढ़ते हों। इस तरह के निर्देश जारी कर ममता बनर्जी ने एक और मुस्लिम तुष्टिकरण का उदाहरण पेश किया और साथ ही बंगाल की राजनीति में एक और मुद्दा जोड़ दिया।

आदेश को लागू करने के लिए, जारी किए गए सर्कुलर के फॉर्मेट के आधार पर पश्चिम बंगाल के अल्पसंख्यक मामलों और मदरसा शिक्षा विभाग (एमएएमईडी) ने सरकारी स्कूलों की तत्काल सूची माँगी है जिनमें 70 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम छात्र हैं। इसमें कहा गया है कि वो ऐसे स्कूलों की सूची 28 जून के भीतर दे दें।

टीएमसी के इस निर्देश जारी करने पर भाजपा नेताओं ने इसका विरोध किया और सवाल उठाया। भाजपा के दिलीप घोष ने तृणमूल सुप्रीमो द्वारा जारी किए गए इस आदेश को धर्म के आधार पर छात्रों के बीच भेदभाव बताते हुए उस पर सवाल उठाया। घोष ने इसे ममता की एक और साजिश करार देते हुए कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं है कि इस भेदभाव और पृथक्करण के पीछे उनकी कोई और दुर्भावनापूर्ण नीयत छिपी हुई है।

लोकसभा चुनाव 2019 के समय से ही पश्चिम बंगाल में भाजपा और तृणमूल कॉन्ग्रेस के बीच तल्खी जारी है। 2014 के लोकसभा चुनाव में बंगाल में महज 2 सीटों पर सिमट जाने वाली भाजपा ने 2019 में 18 सीटों पर कब्जा कर लिया। चुनाव परिणाम के घोषित होने के बाद ममता बनर्जी और भी बौखला गई है।

गुरुवार (जून 27, 2019) को बनर्जी ने राज्य में भाजपा के खिलाफ उनकी लड़ाई में कॉन्ग्रेस और सीपीआई (एम) से समर्थन माँगा। मगर दोनों दलों ने उनकी अपील को ये कहते हुए खारिज कर दिया कि राज्य में भाजपा की सीटों की बढ़ी हुई संख्या के लिए उनकी नीतियाँ जिम्मेदार हैं।

गालियाँ सुनने के बाद केजरीवाल सरकार ने अंकित और ध्रुव के परिवार को दिए चेक

तमाम आलोचनाओं और सोशल मीडिया पर उठ रहे सवालों के बाद दिल्ली सरकार ने अपनी साख बचाने के लिए गुरुवार (जून 27, 2019) को अंकित सक्सेना और ध्रुव त्यागी के परिवार वालों को 15-15 लाख रुपए के चेक सौंप दिए। साथ ही अंकित के पिता की इच्छा के अनुसार उन्हें अच्छा वकील देने की भी बात कही और उनकी इस बात पर भी हामी भर दी है कि घर के पास के चौक का नाम अंकित के नाम पर रखा जाए। लेकिन सवाल यह है कि अंकित की हत्या के 16 महीने बाद और ध्रुव त्यागी की हत्या के 4 महीने बाद केजरीवाल को मदद करने की सुध क्यों और कैसे आई?

दरअसल, पिछले साल फरवरी में अंकित की बेरहमी से मौत के बाद दिल्ली सरकार ने पीड़ित परिवार के लिए 5 लाख की आर्थिक मदद का ऐलान किया था, लेकिन 1 साल 4 महीने बीत जाने के बाद भी सरकार ने परिवार की जब कोई सुध नहीं ली तो, सरकार के ख़िलाफ़ आवाजें उठने लगीं।

झारखंड मामले में तबरेज़ की पत्नी के लिए सरकारी नौकरी और आर्थिक मदद के ऐलान के बाद तो आम आदमी पार्टी के पूर्व सदस्य कपिल मिश्रा ने भी अंकित और ध्रुव त्यागी के परिवार आवाज़ बुलंद की और मीडिया की सुर्खियों में भी अंकित और ध्रुव त्यागी को लेकर सवाल पूछे जाने लगे। नतीजतन शाम तक यह खबर आ गई कि दोनों परिवारों को मुआवजा राशि खुद उप- मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया उनके घर जाकर देकर आएँ।

कपिल मिश्रा ने हाल ही में ट्वीट करके केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा था, “केजरीवाल सरकार झारखंड में जिस चोर को पब्लिक ने मार डाला उसके परिवार को पाँच लाख रुपये और चोर की बीबी को सरकारी नौकरी दे रही हैं क्योंकि वो एक मुसलमान हैं, ध्रुव त्यागी और अंकित सक्सेना की हत्या दिल्ली में हुई पर उन्हें एक रुपया नहीं दिया क्योंकि वो हिन्दू हैं।”

इसके अलावा मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी आप सरकार पर आरोप लगाया था कि सरकार धर्म के नाम पर घिनौना खेल रही है। उन्होंने अंकित के पिता को एक रुपया भी नहीं दिया और तबरेज के परिवार को 5 लाख रुपए मिल रहे हैं। जनता केजरीवाल को धर्म की राजनीति करने पर जरूर सबक सिखाएगी।

गौरतलब है इससे पहले खुद अंकित के पिता भी दिल्ली सरकार द्वारा वादे न पूरा किए जाने पर सवाल उठा चुके थे, लेकिन मुआवजा मिलने के बाद उनका कहना है कि इन सब में थोड़ा वक्त तो लगता ही है। बता देंं अंकित सक्सेना की हत्या पिछले साल फरवरी की शुरुआत में हुई थी और ध्रुव त्यागी की हत्या इसी साल मार्च में हुई है। दोनों ही घटनाओं में संप्रादायिक एंगल उभर कर सामने आया। एक ओर जहाँ घर के चिराग को खोने के बाद अंकित के माँ-बाप का जीवनयापन मुश्किल हो गया, वहीं ध्रुव त्यागी मामले में घर का मुखिया ही बेटी की आबरू बचाने के लिए बेरहमी से मार दिया गया।

EVM की आलोचना करने वाली वेबसाइट अब दे रही ‘सेक्सी बॉडी मसाज सर्विस’, कपिल सिबल भी थे मुरीद

चुनाव से पहले टीएनएन वर्ल्ड नामक एक यूके आधारित समाचार पोर्टल का नाम सामने आया था जिसके लेखों का इस्तेमाल वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने ईवीएम षड्यंत्र को सही बताने के लिए किया था। उसने अब अपने व्यापार मॉडल को बदलकर कामुक मसाज बेचने का कर लिया है।

इंडिया टुडे की ख़बर के अनुसार, लोकसभा चुनाव से पहले तक ब्रिटेन स्थित इस न्यूज़ पोर्टल ने ईवीएम और और विमुद्रीकरण की आलोचना से संबंधित विभिन्न लेख शेयर किए। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के मात्र दो हफ़्ते से भी कम समय में ये न्यूज़ पोर्टल अब एक विचित्र डोमेन- ‘कामुक बॉडी-मसाज सर्विस’ में तब्दील हो गया। लंदन के टीएनएन वर्ल्ड की ख़बरों का इस्तेमाल कॉन्ग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने चुनाव से पहले कई मौक़ों पर मोदी सरकार को घेरने के लिए किया था। ताज़ा समाचार यह है कि अब यह न्यूज़ पोर्टल ऑफ़लाइन हो चुका है।

26 मार्च को कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आज़ाद, शरद यादव, अहमद पटेल, हेमंत सोरेन और मनोज झा ने नई दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेन्स का आयोजन किया था। इसमें टीएनएन वर्ल्ड द्वारा किया गया स्टिंग ऑपरेशन दिखाया गया था। इस स्टिंग ऑपरेशन में आरोप लगाया गया था कि गुजरात में एक बीजेपी कार्यकर्ता नोटबंदी के बाद बैंक में पुराने नोटों को एक्सचेंज करने की अवधि बीत जाने के बाद भी 40% कमीशन पर उनका लेन-देन करता रहा।

कपिल सिब्बल के झूठे दावों की प्रामाणिकता पर कई सवाल भी उठाए गए, बावजूद इसके उन्होंने टीएनएन न्यूज़ पोर्टल के लेखों का उपयोग करते हुए एक और प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। टीएनएन ने देश में बड़े पैमाने पर EVM में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए लाइव प्रसारण भी किए।

29 अप्रैल को टीएनएन (ट्राई कलर न्यूज नेटवर्क लिमिटेड) के निदेशक दीना बिचिन ने ईवा की तांत्रिक मालिश शुरू करने का फ़ैसला किया। एक ऐसी मालिश सेवा जो अपने लंदन केंद्रों में ‘लंबे समय तक यौन आनंद का वादा करते हुए अंतरंग कामुक मालिश’ सेवा देने का वादा करती है।

हालाँकि, टीएनएन वर्ल्ड वेबसाइट ने 3 जून तक ईवीएम में गड़बड़ी से जुड़ी ख़बरों को प्रकाशित करना जारी रखा, लेकिन उसके बाद से वो ऑफ़लाइन हो गई। विपक्षी नेताओं द्वारा मार्च में आयोजित की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद, वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय कैबिनेट मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस वेबसाइट के पीछे कॉन्ग्रेस का हाथ होने का दावा किया था, और कहा था कि पार्टी ने चुनाव के बाद इसे बंद करने की योजना बना ली।

नर्सों ने नवजात संग नाचते गाते बनाया TikTok वीडियो, अस्पताल ने की कार्रवाई

ओडिशा के मलकानगिरी ज़िले में चार नर्सों को अस्पताल में टिकटॉक ऐप पर वीडियो बनाना भारी पड़ गया। उनके द्वारा बनाया गया वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया तब उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करते हुए उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया और उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया।

दरअसल, नर्सों ने ज़िला अस्पताल के विशेष नवजात केयर यूनिट (SNCU) में टिकटॉक वीडियो बनाया था, वो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इस वीडियो में आप नर्सों को नाचते-गाते देख सकते हैं। इस वीडियो में अस्पताल का पलंग भी दिख रहा है जिसमें मरीज़ भी दिख रहे हैं। इतना ही नहीं एक नवजात भी इस वीडियो में नज़र आ रहा है।

चारों नर्सों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। मुख्य ज़िला चिकित्सा अधिकारी (सीडीएमओ) अजीत मोहंती की सिफ़ारिश पर ज़िलाधिकारी मनीष अग्रवाल ने चारों नर्सों को छुट्टी पर भेजने का निर्देश दिया।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नाबा किशोर दास ने कहा था कि उन्होंने इस मुद्दे पर रिपोर्ट माँगी है और उचित कार्रवाई करेंगे। ताजा रिपोर्टों के अनुसार, राज्य सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और वीडियो में देखी गई 4 नर्सों को अनिवार्य छुट्टी पर भेज दिया गया है।

अधिकारियों के अनुसार, इस मामले की जाँच के लिए विशेष समिति बनाई गई थी। इस विशेष समिति की सिफ़ारिश पर ही नर्सों को छुट्टी पर भेजने का निर्णय लिया गया। वहीं, रुबी रे, तापसी बिस्वास, स्वपना बाला और नंदिनी रे का कहना है कि उन्होंने अपनी ड्यूटी समाप्त होने के बाद वो वीडियो बनाया था। हालाँकि, उन्होंने नर्स की यूनिफॉर्म में वीडियो बनाया था, इसके लिए उन्होंने अपनी ग़लती स्वीकार कर ली है। 

फ़िलहाल, नर्सों को वापस ड्यूटी पर रिपोर्ट करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक राज्य सरकार उनके (कर्तव्य के प्रति लापरवाही) ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई करने का फ़ैसला न कर ले। सीडीएमओ ने कथित तौर पर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है और मामले पर राज्य सरकार के और आदेशों का इंतज़ार है।


भाटपारा में TMC का स्वागत जय श्रीराम के नारे से होगा: BJP सांसद

पश्चिम बंगाल में बैरकपुर लोकसभा सीट से सांसद अर्जुन सिंह ने कहा है कि भाटपारा इलाके में तृणमूल कॉन्ग्रेस के प्रतिनिधिमंडल का स्वागत जय श्री राम के नारों से होगा। उनका कहना है कि भाटपारा में भाजपा प्रतिनिधिमंडल द्वारा किए दौरे के बाद अब टीएमसी यहाँ आकर लाभ उठाने की कोशिश कर रही है।

खबरों के मुताबिक अर्जुन सिंह ने गुरुवार (जून 27, 2019) को कहा है कि भाटपारा में टीएमसी के प्रतिनिधिमंडल का स्वागत जय श्री राम के नारों से होगा। उनका कहना है कि भाजपा के प्रतिनिधिमंडल द्वारा इलाके का मुआयना करने के बाद से स्थिति नियंत्रण में हैं और इलाके में शांति बनी हुई है। ऐसे में टीएमसी अपना प्रतिनिधिमंडल भेजकर यह दर्शाना चाहती है कि इलाके में शांति के लिए वह जिम्मेदार है। इसीलिए भाजपा के प्रतिनिधिमंडल के बाद वह अपना प्रतिनिधिमंडल भेज रही है।

बता दें टीएमसी का प्रतिनिधिमंडल स्थिति का जायजा लेने के लिए आज (जून 28, 2019) भाटपारा जाने वाला है। यहाँ 20 जून को हुई हिंसा में 2 लोगों की मौत हुई थी और 11 लोग घायल हो गए थे। इस घटना के मद्देनजर शनिवार (22 जून) को भाजपा का 3 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पश्चिम बंगाल के भाटपारा का दौरा करने पहुँचा था और उसका नेतृत्व भाजपा सांसद एसएस अहलूवालिया ने किया था। इस हिंसा के बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने चिंता जताते हुए कहा था कि न केवल भाटपारा बल्कि पूरे राज्य में शांति बनाए रखने की आवश्यकता है।

चूहे की तरह भागते राहुल को शिवराज ने कहा कॉन्ग्रेस के जहाज को छोड़ने वाला पहला शख़्स

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी पर निशाना साधा है। गुरुवार (जून 27, 2019) को मुंबई में भाजपा के सदस्यता अभियान 2019 को लेकर आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “जब कोई जहाज डूबता है, तो उसका कैप्टन अंत तक डटा रहता है, लेकिन कॉन्ग्रेस ऐसा डूबता जहाज है, जिसका कप्तान (राहुल गाँधी) सबसे पहले भाग जाना चाहता है। वो पार्टी के डूबते जहाज को छोड़कर जाने वाले पहले शख्स हैं।” बता दें कि कहावत के अनुसार चूहे ही डूबते जहाज को छोड़कर सबसे पहले भागते हैं।

उन्होंने कॉन्ग्रेस पर चुटकी लेते हुए कहा कि कोई नहीं जानता है कि पार्टी का मौजूदा अध्यक्ष कौन है। उन्होंने बुधवार (जून 26, 2019) को भी हैदराबाद में राष्ट्रव्यापी सदस्यता अभियान के दौरान भी राहुल गाँधी पर यही तंज कसा था। चौहान ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘‘हमने सुना है कि जब कोई जहाज डूब रहा होता है, तो वह कैप्टन होता है, जो उसे बचाने के लिए अंत तक उस पर रहता है। लेकिन कैप्टन (राहुल गाँधी) कॉन्ग्रेस के जहाज से कूदने वाले पहले व्यक्ति हैं।” भाजपा की सदस्यता अभियान के संयोजक शिवराज ने कहा कि पार्टी जल्द ही अपना सदस्यता अभियान शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियाँ बुरी स्थिति में है। उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा अलग हो गई है और गाँधी जहाज से कूद गए हैं।

चौहान ने कहा कि भाजपा का उद्देश्य 2023 में तेलंगाना में अगले विधानसभा चुनावों के बाद सरकार बनाने का है। मध्य प्रदेश में कॉन्ग्रेस सरकार की स्थिरता पर बहस के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह सरकार सपा, बसपा और निर्दलियों के समर्थन से बनाई गई थी। इसके साथ ही राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति खराब हो गई है, जहाँ सचिवालय दलालों का अड्डा बन गया है।

चौहान ने दावा किया कि विधानसभा चुनाव में उनकी सरकार को हटाए जाने का लोगों को पछतावा है। इसके अलावा शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि भाजपा देश में अपना आधार बढ़ाने के लिए 35 दिन लंबा विशेष सदस्यता अभियान चलाएगी। जो 6 जुलाई को शुरू होगा और 11 अगस्त तक चलेगा। अभियान के अंतर्गत उन राज्यों में सदस्यों को जोड़ने का काम किया जाएगा, जहाँ पार्टी अपेक्षाकृत कमजोर है।

दिल्ली BJP का लक्ष्य है ‘catch them young’: किशोर भी बन सकते हैं सदस्य

दिल्ली भाजपा अब 18 साल से कम उम्र वाले किशोर को ‘प्राइमरी मेंबर’ की सूची में रखकर सदस्यता देगी। खबरों के अनुसार पार्टी ने यह फैसला भाजपा में जनता की सदस्यता को बढ़ाने को लेकर लिया है, जिसकी शुरुआत 6 जुलाई से होगी।

जानकारी के अनुसार पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि बुधवार (जून 26, 2019) को राष्ट्र सचिव और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में सदस्यता अभियान के बारे में बातचीत हुई। बैठक के दौरान एक नेता ने पूछा कि क्या पार्टी में 18 से कम उम्र वाले यूथ को सदस्यता दी जा सकती है, जिसपर मुख्य सचिव ने जवाब दिया कि उन्हें प्राइमरी मेंबर की सूची में रखकर ऐसा किया जा सकता है।

इस बातचीत में पार्टी ने सक्रिया सदस्य बनाने के बारे में भी विचार विमर्श किया और तय किया कि जो व्यक्ति पार्टी से 50 नए सदस्यों को जोड़े, उसे सक्रिय मेंबर बनाने के योग्य रखा जाए। साथ ही ऐसा सदस्य पार्टी का जिला और राज्य स्तरीय इकाइयों का पदाधिकारी बनने का भी पात्र होगा।

बैठक में शामिल हुए एक भाजपा नेता के मुताबिक, “एक सक्रिय सदस्य की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है और वह प्रदेश अध्यक्ष सहित किसी भी पद पर चुनाव की माँग उठा सकता है।, इसलिए इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि ऐसे सदस्यों का नामांकन समिति द्वारा तय किया जाए।”

जानकारी के मुताबिक दिल्ली भाजपा ने 14 लाख नए सदस्यों को पार्टी में शामिल करने का लक्ष्य रखा है। इस कैंपेन को पार्टी संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयन्ती के अवसर पर दिल्ली के साथ अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से लॉंच किया जाएगा। 37 दिन का यह अभियान 11 अगस्त को समाप्त होगा।

कॉन्ग्रेस में हार का ठीकरा अपने सर फोड़ने की प्रतियोगिता, विवेक तन्खा सबसे आगे

कॉन्ग्रेस नेता विवेक तन्खा ने गुरुवार (जून 27, 2019) रात अपने पद से इस्तीफा दे दिया। तन्खा पार्टी में लॉ, आरटीआई और एचआर डिपार्टमेंट के चेयरमैन थे। अपने इस्तीफे का ऐलान करते हुए उन्होंने पार्टी के अध्यक्ष राहुल गाँधी से अपील की है कि वो अपने मन मुताबिक टीम चुनें। तन्खा ने ट्विटर पर लिखा, “राहुल जी पार्टी को पुनर्जीवित करने और फाइटिंग फोर्स बनाने के लिए कठोर बदलाव करें। आपके अंदर प्रतिबद्धता और दृढ़ संकल्प है। बस एक अच्छी, स्वीकार्य और प्रभावशाली देशव्यापी टीम को तैयार करें। मैं सभी परिस्थितियों में आपके साथ हूँ।”

इसके साथ ही उन्होंने पार्टी के अन्य नेताओं से भी इस्तीफा देने की अपील करते हुए ट्वीट किया, “हम सभी को पार्टी पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए और राहुल जी को अपनी टीम चुनने के लिए छूट देनी चाहिए। मैं इस संदर्भ में कमलनाथ के बयान का स्वागत करता हूँ। मैं कॉन्ग्रेस के विधि आरटीआई व एचआर विभाग के प्रमुख पद से इस्तीफा देता हूँ। पार्टी लंबे समय तक गतिरोध नहीं झेल सकती।”

गौरतलब है कि, लोकसभा चुनाव 2019 में कॉन्ग्रेस के हार के बाद राहुल गाँधी ने इस्तीफे की पेशकश की थी, लेकिन पार्टी ने उनके इस्तीफे को अस्वीकार कर दिया । इसके बाद राहुल गाँधी ने बुधवार (जून 26, 2019) को राहुल गाँधी ने कहा कि वो अपने इस्तीफे का फैसला किसी भी हालत में नहीं बदलेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का दुख है कि उनके इस्तीफे की बात के बाद भी किसी मुख्यमंत्री, महासचिव या प्रदेश अध्यक्षों ने हार की जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा नहीं दिया। जिसके बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश की।

इससे पहले, विवेक तन्खा ने प्रयागराज में हुए विकास को लेकर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की प्रशंसा की थी। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा था कि कुछ दिन पहले उन्हें प्रयागराज जाने का मौका मिला था। कुम्भ के कारण उसका रूप ही बदल गया। अच्छी सड़कें, फ़्लाइओवर, हवाईअड्डा, रेलवे स्टेशन सब कुछ बदला नजर आया। तन्खा ने लिखा कि प्रयागराज का प्रधानमंत्री ने कायाकल्प कर दिया है। उन्होंने कहा कि जबलपुर को भी ऐसे कायाकल्प की जरूरत है और पीएम मोदी से जबलपुर को भी कुछ ऐसी ही अपेक्षा है।

देश के किसी भी कोने में एक ही राशन कार्ड से मिल सकेगा अनाज: केंद्र सरकार

केंद्र सरकार ने देशभर में उपभोक्ताओं की सहूलियत के लिए ‘एक राष्ट्र-एक कार्ड’ योजना शुरु करने का फैसला किया है। इससे उपभोक्ता किसी दूसरे राज्य की राशन की दुकान से भी रियायती दरों पर अनाज पा सकेगा। इस सुविधा का सबसे अधिक लाभ नौकरी के लिए शहरों की ओर पलायन करने वाले उपभोक्ताओं को मिलेगा।

गुरुवार (जून 27, 2019) को केंद्रीय खाद्य मंत्री ने देशभर के खाद्य सचिवों की एक बैठक बुलाई थी। इसी दौरान मंत्री राम विलास पासवान ने एक राष्ट्र एक योजना की बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार सभी उपभोक्ताओं के हितों के लिए हरसंभव कार्य करेगी। इस योजना से उपभोक्ता किसी एक दुकान से बँधकर नहीं रहेंगे, साथ ही राशन दुकानदारों की मनमानी और चोरी को बंद करने में सहायता मिलेगी।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देश के कुछ प्रदेशों जैसे- आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, राजस्थान और त्रिपुरा में यह कार्यक्रम इंटीग्रेटड मैनेजमेंट आफ पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (IMPDS) के नाम से जाना जाता है। इस व्यवस्था के जरिए राज्य के भीतर उपभोक्ता किसी भी जिलेे से अपने हिस्से राशन किसी भी दुकान से प्राप्त कर सकते हैं।

इस बैठक में ‘एक राष्ट्र-एक कार्ड’ की अवधारणा राज्यों के खाद्य सचिवों को बेहद पसंद आई और इसे सभी ने अपने राज्य में लागू करने के लिए हामी भरी है। इस राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के कुशल क्रियान्वयन, एंड-टू-एंड कम्प्यूटरीकरण, खाद्यान्न के भंडारण- वितरण में पारदर्शिता, एफसीआई, सीडब्ल्यूसी और एसडब्ल्यूसी डिपो के डिपो ऑनलाइन सिस्टम (डॉस) के साथ समन्वय सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।

एक ही कमरे में 2 पत्नियों की हत्या, पति जमशेद आलम बच्चे के साथ फरार

साउथ ईस्ट दिल्ली के जैतपुर के सौरव विहार में डबल मर्डर की घटना सामने आने से इलाके में सनसनी फैल गई है। एक ही घर में दो महिलाओं के शव बरामद होने से आसपास के लोग दहशत में हैं। दरअसल सौरभ विहार की गली नंबर 7 के एक घर में जमशेद आलम नाम का एक व्यक्ति अपनी दो पत्नियों और एक बेटे के साथ रहता था। बेटे की उम्र 10 साल है।

जमशेद आलम अपनी पत्नियों और बेटे के साथ पिछले दो-तीन महीने से यहाँ एक किराए के घर में रहता था। आसपास के लोगों ने बताया कि जमशेद आलम के परिवार को आखिरी बार बुधवार (जून 27, 2019) को देखा था। बृहस्पतिवार सुबह कमरे से जब बदबू आने लगी तो पड़ोसियों की सूचना पर पहुँची पुलिस ने देखा कि अंदर लाशें पड़ी हैं। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर जाँच शुरू कर दी है।

पुलिस ने अनुसार, 42 साल का जमशेद आलम करीब 1 महीने पहले जैतपुर की सौरभ विहार कॉलोनी में एक कमरे में किराए पर रहने आया था। उसके साथ एक ही कमरे में एक 40 साल और 31 साल की, 2 महिलाएँ रहती थीं। एक महिला से 10 साल का बेटा भी था। आज सुबह 11:10 पर पुलिस को जानकारी दी गई कि एक कमरे से बहुत तेज बदबू आ रही है और वहाँ दो लाशें पड़ी हैं।

पुलिस ने मौके पर पहुँचकर कमरे का ताला तोड़ा और दोनों महिलाओं की डेड बॉडी रिकवर करके पोस्टमार्टम के लिए भेज दी। दोनों महिलाओं की कपड़े से गला दबाकर हत्या की गई है, उनके हाथ-पाँव भी बंधे हुए थे। और उनका पति जमशेद आलम अपने 10 साल के बेटे को लेकर फरार है। जमशेद बुधवार दोपहर तक उसी एरिया में देखा गया था। पुलिस को शक है कि पति ने ही वारदात को अंजाम दिया है। दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और जमशेद आलम की तलाश जारी है

पड़ोसियों का कहना है कि वो लोग पड़ोसियों से ज्यादा बात नहीं करते थे, अक्सर कमरे में ही बंद रहते थे। 10 साल का बेटा दोनों महिलाओं को अपने पिता की बीवी बताता था।