Friday, October 4, 2024
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कुंभ सफाईकर्मियों के लिए PM मोदी ने निजी बचत से दान किए ₹21 लाख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी व्यक्तिगत बचत से कुंभ सफाई कर्मचारी कॉर्पस फंड में ₹21 लाख दान दिए। ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में संपन्न हुए प्रयागराज महाकुंभ में सफाई कार्य में जुटे 5 कर्मचारियों के पाँव भी धोए थे।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पूरे प्रशासन द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए मोदी ने ट्वीट किया, “उत्तर प्रदेश, खासकर प्रयागराज के लोगों को बधाई। इस कुंभ ने हमारी संस्कृति, आध्यात्मिकता को शानदार तरीके से दर्शाया और इसे आने वाले कई वर्षों तक याद रखा जाएगा।” PM मोदी की टिप्पणी 50 दिवसीय धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कुंभ मेले के समापन के एक दिन बाद आई है।

24 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पवित्र संगम पर मंत्रोच्चारण के बीच पूजा-अर्चना के साथ ही त्रिवेणी संगम में दुग्धाभिषेक किया था। इसके बाद पीएम मोदी ने सफाई कर्मचारियों व स्वच्छाग्रहियों को सम्मानित किया था और सफाईकर्मियों के पैर भी धोए थे।

इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा था कि कुंभ में हठ योगी, तप योगी और मंत्र योगी भी हैं और इनके साथ मेरे कर्मयोगी भी हैं। ये कर्मयोगी वो लोग हैं जो दिन रात मेहनत कर कुंभ में सुविधा मुहैया कराए हैं। इन कर्मयोगियों में नाविक भी हैं। इन कर्मयोगियों में स्थानीय निवासी भी हैं। कुंभ के कर्मयोगियों में साफ सफाई से जुड़े कर्मचारी भी शामिल हैं। इन्होंने साफ सफाई को पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना दिया।

ज्ञात हो कि कुंभ मेले के दौरान करीब 22,000 सफाईकर्मी और स्वच्छाग्रही तथा 12000 सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी लगी थी। जिनका पीएम मोदी ने आभार प्रकट किया।

अपनी निजी बचत को पहले भी दान कर चुके हैं PM नरेंद्र मोदी

कुंभ सफाईकर्मियों के लिए ₹21 लाख दान करने से पहले भी पीएम मोदी इस तरह की दरियादिली दिखा चुके हैं। हाल ही में सियोल शांति पुरस्कार के तौर पर मिली एक करोड़ ₹30 लाख की राशि को पीएम मोदी ने गंगा की सफाई के लिए चल रहे नमामि गंगे प्रॉजेक्ट को दान कर दी थी। इसके अलावा पीएम के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान उन्हें मिले स्मृति चिह्नों की नीलामी से प्राप्त ₹3.40 करोड़ भी उन्होंने नमामि गंगे प्रॉजेक्ट को दान कर दिए थे। 2015 में भी उन्हें मिले उपहारों की नीलामी की गई थी, इससे मिले ₹8.33 करोड़ भी उन्होंने नमामि गंगे मिशन को दान कर दिए थे।

‘शादी से पहले सेक्स करने से फैलता है HIV’- केरल की 10वीं की पुस्तक का बेहूदा ज्ञान

केरल की दसवीं की पुस्तक में बच्चों को उलूल-जलूल ज्ञान दिया जा रहा है। सरकारी स्कूल की पुस्तकों में लिखा गया है कि शादी से पहले और शादी से इतर सेक्स सम्बन्ध बनाने से एचआईवी फैलता है। केरल के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली बायोलॉजी की पुस्तक में यह ज्ञान दिया गया है। राज्य द्वारा दसवीं कक्षा के लिए जारी की गई बायोलॉजी की किताब के पेज संख्या 60 पर लिखा हुआ है कि ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस (HIV) विवाहपूर्व या विवाहेतर यौन संबंधों की वजह से फैल सकता है।

इस पेज पर ग्राफ़िक्स बना कर एचआईवी फैलने के कारणों को दर्शाया गया है। इसमें से एक कारण विवाहेतर यौन संबंधों को भी बताया गया है। किताब में छपी इस गलत जानकारी को एक शिक्षक ने सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। इसके बाद यह मामला प्रकाश में आया। नीचे दिए गए चित्र में आप देख सकते हैं कि कैसे छात्रों को गलत जानकारी परोसी जा रही है।

लोक शिक्षण निदेशालय (डॉयरेक्टरेट ऑफ पब्लिक इंस्ट्रक्शन) ने बताया कि साल 2015-16 के शैक्षणिक सत्र में इस संशोधित संस्करण को शामिल किया गया था। इस किताब को स्कूल के शिक्षकों और विशेषज्ञों की एक समिति द्वारा घोषित किया गया था और वर्तमान टीम इसमें शामिल नहीं थी।

केरल की पुस्तकों में बेहूदा ज्ञान

केरल में अभी वामपंथी दल सीपीआई की सरकार है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और केरल सरकार सबरीमाला और संघ स्वयंसेवकों की लगातार हत्या जैसे मामलों के कारण पहले से ही विवादों में घिरी हुई है। केरल स्थित पलक्कड़ के डॉक्टर अरुण ने केरल सरकार से पूछा कि वायरस को कैसे पता चलता है कि कोई व्यक्ति शादीशुदा है या नहीं? स्टेट काउन्सिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (SCERT) की रिसर्च अधिकारी ने कहा कि उन्होंने इस त्रुटि की पहचान कर ली है और अगले शैक्षणिक सत्र से इसे सही कर लिया जाएगा।

एचआईवी वायरस ही एड्स का कारण है, जो शरीर के इम्यून सिस्टम को निशाना बनाता है। ये ख़ासकर टी-सेल्स को निशाना बनाता है, जो संक्रमण को नियंत्रित करने के जिम्मेदार होते हैं। इस बीमारी को लेकर लोगों में तरह-तरह की भ्रांतियाँ हैं। अगर कोई एचआईवी से पीड़ित है तो उसके साथ यौन सम्बन्ध बनाने या फिर इंजेक्शन निडल शेयर करने से यह बीमारी फैलती है।

अगर आपको एचआईवी एड्स से सम्बंधित किसी भी प्रकार की जानकारी चाहिए तो आप योग्य डॉक्टर की सलाह के अलावा ‘राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन‘ की वेबसाइट कर जाकर पढ़ सकते हैं। यह वेबसाइट भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा ऑपरेट की जाती है।

पाकिस्तान द्वारा F-16 के दुरुपयोग को US ने बताया गंभीर मुद्दा, जाँच जारी

पाकिस्तान द्वारा एफ-16 लड़ाकू विमानों का दुरुपयोग करने को लेकर अमेरिका ने भौहें चढ़ा ली है। अमेरिका ने इसे एक गंभीर मुद्दा बताया है। बता दें कि भारत द्वारा पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर ‘एयर स्ट्राइक’ करने के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने अमेरिका से ख़रीदी हुई एफ-16 का इस्तेमाल कर भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया था। जवाब में भारतीय वायु सेना ने एक एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया था। अब अमेरिका ने कहा है कि वह इस मुद्दे की काफ़ी बारीकी से जाँच कर रहा है। हालाँकि, पाकिस्तानी वायु सेना ने इसका खंडन किया था।

भारत पहले ही पाकिस्तान द्वारा एफ-16 के दुरुपयोग के सबूत पेश कर चुका है। भारत ने विमान के कुछ टूटे हिस्सों के चित्र भी जारी किए थे। इतना कुछ होने के बावजूद पाकिस्तान मानने को तैयार नहीं हो रहा है और लगातार इस बात को नकार रहा है। अमेरिकी रक्षा विभाग के प्रवक्‍ता लेफ्टिनेंट कर्नल कोन फॉल्कनर ने इस बाबत कहा- “विदेशी सैन्य बिक्री समझौते में गैर प्रकटीकरण समझौतों के कारण हम उपयोगकर्ता के समझौते जैसे विषय पर चर्चा नहीं कर सकते हैं।”

अमेरिका उच्च तकनीकी रक्षा उपकरणों के मामले में विश्व के सबसे बड़े विक्रेताओं में से एक है। समझौते का पालन न करने वाले देशों के साथ अमेरिका का सख्ती से पेश आने का इतिहास रहा है। ऐसे में, पाकिस्तान का भी बचना मुश्किल है। पाकिस्तान को एफ-16 आतंकियों का सफाया करने और आत्मरक्षा के लिए दिया गया था। पाकिस्तान पर पहले से ही इसके दुरुपयोग को लेकर कई प्रतिबन्ध लगे हुए हैं।

एक अन्य ख़बर के मुताबिक़, अमेरिका ने पाकिस्तान पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। अमेरिका ने उनके देश में आने वाले पाकिस्तानी नागरिकों को मिलने वाले वीज़ा की अवधि घटा दी है। पहले पाकिस्तानी नागरिकों को जो 5 साल का वीज़ा मिलता था, अब उसकी अवधि घटाकर सिर्फ़ 3 महीने कर दी गई है। इतना ही नहीं, वीजा के लिए लगने वाली फ़ीस में भी बढ़ोतरी कर दी गई है। अगर कोई पाकिस्तानी 12 महीने से अधिक अमेरिका में रहना चाहता है तो उसे पाकिस्तान लौट कर अपने वीजा रिन्यू करना पड़ेगा।

अमिका ने जो आँकड़े जारी किए हैं, उनसे पता चलता है कि उसने सिर्फ़ 2018 में 38 हज़ार से भी अधिक पाकिस्तानियों को वीजा देने से इनकार कर दिया था। अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकी संगठनों पर नकेल न कसने के लिए जम कर लताड़ भी लगाई है।

कॉन्ग्रेस से गठबंधन की भीख माँगते ‘आत्ममुग्ध बौने’ को मिली दुत्कार, ट्विटर पर मीम्स की बरसात

अभी हाल ही में अरविन्द केजरीवाल को आत्ममुग्ध बौना बताते हुए कुमार विश्वास ने उन पर तंज कसा था। अब ‘आत्ममुग्ध बौने’ का लोग भी मजा ले रहे हैं। दरअसल, कई महीनों से कॉन्ग्रेस के साथ एक अदद गठबंधन को तरस रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री को निराशा हाथ लगी। जिस शीला दीक्षित के ख़िलाफ़ उनके पास हज़ारों पन्नों के सबूत हुआ करते थे, आज उन्हीं शीला दीक्षित के सामने हाथ जोड़ कर खड़े केजरीवाल को शीला ने ऐसी ठोकर मारी कि वो कहीं के न रहे। मिन्नतें की, सोशल मीडिया पर कॉन्ग्रेस को सराहा, मोदी को गालियाँ दी- लेकिन सब बेकार। ट्विटर पर लोग कैसे चुप रहते। उन्होंने भी ख़ूब मजे लिए।

ट्विटर पर लोगों ने केजरीवाल द्वारा कॉन्ग्रेस की मिन्नतें करने को फ़िल्मों से जोड़ा और केजरीवाल को राजपाल यादव तो कॉन्ग्रेस को तनुश्री दत्ता के रूप में दिखाया। आप भी देखिए ढोल फ़िल्म के इस दृश्य द्वारा कैसे केजरीवाल के मजे लिए गए। इसी क्रम में ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ के डायलॉग से केजरीवाल का स्वागत किया गया। बता दें कि केजरीवाल ‘फिल्म समीक्षक’ भी हैं।

लोगों ने इसी तरह इंसान से लेकर जानवर और पशु-पक्षियों तक के हावभाव को दर्शा कर केजरीवाल से मज़ाक किया। नीचे देखिए कैसे केजरीवला को कंगना रनौत के बहुचर्चित डायलॉग से जोड़ा गया। कॉन्ग्रेस द्वारा ठुकराने के बाद सरजी फिर अपने वही पुराने वाले जुमले पर लौट आए- ‘सब मिले हुए हैं जी!’

अरविन्द केजरीवाल धरना के लिए भी जाने जाते हैं। ऐसे में, कॉन्ग्रेस द्वारा ठुकराए गए केजरीवाल को उनके धरनों को लेकर भी हास्य ट्वीट किए गए। आप भी ऐसे ट्वीट्स के मजे लें।

मंगलवार (मार्च 5, 2019) को दिन में पहले तो ख़बर आई थी कि कॉन्ग्रेस और आम आदमी पार्टी की डील फाइनल होने वाली है और दोनों ही पार्टियाँ तीन-तीन सीटों पर चुनाव लड़ेगी। लेकिन दोपहर तक तस्वीर साफ़ हुई और कॉन्ग्रेस ने केजरी को ठेंगा दिखा दिया। ट्विटर ने केजरीवाल के जले पर नमक में नींबू मिला कर छिड़का गया।

आप ऊपर देख सकते हैं कि कैसे लोगों ने प्रसिद्ध संगीतकार हिमेश रेशमिया के गाने ‘दर्द दिलों के कम हो जाते…’ को लेकर केजरीवाल और राहुल का चित्रण किया। इसके बाद एक अन्य पुराने गाने को लेकर लोगों ने कुछ यूँ पंक्तियाँ जोड़ी- “दर्द ए दिल, दर्द ए गठबंधन, दिल में जगाया आपने।”

इसके बाद तो हद ही हो गई। एक यूजर ने केजरीवाल को उनके तन-बदन में आग लगा हुआ दिखाया।

भारतीय राजनीति को लेकर बात चल रही हो और नरेंद्र मोदी बीच में न आएँ- ऐसा कैसे हो सकता है। लोगों ने मोदी के ठहाके लगाते हुए चित्र लगा कर केजरीवाल को चिढ़ाया।

और अंत में- इस म्यूजिक के साथ आप भी केजरीवाल के मजे लीजिए ताकि आपका दिन भी मस्त हो जाए।

केजरी-कथा अनंत है और हमें विश्वास है कि उन्हें भविष्य में ऐसे झटके लगते रहेंगे और ट्विटर मजे लेता रहेगा। लोगों की क्रिएटिविटी को दाद देते हुए हम भी कामना करते हैं कि आख़िर कभी न कभी, केजरीवाल की ओर देखेगी कॉन्ग्रेस।

Rape के बाद पीड़िता को जलाने की कोशिश, महिला ने दिखाई हिम्मत और ख़ुद जल कर ख़ाक हुआ दुष्कर्मी

पश्चिम बंगाल की मालदा में एक महिला ने हिम्मत दिखाते हुए दुष्कर्मी को आग में खींच लिया। दरअसल, दुष्कर्मी ने पहले महिला के साथ बलात्कार किया और फिर उसे आग में झुलसा कर मारना चाहा। लेकिन, हिम्मती महिला ने उक्त दुष्कर्मी को भी आग की लपटों में खींच लिया, जिस से उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मंगलवार (मार्च 5, 2019) को इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि महिला का मालदा मेडिकल कॉलेज एन्ड हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। पीड़िता के अनुसार, आरोपित अक्सर उसे परेशान किया करता था और सोमवार (मार्च 4, 2019) को मौक़ा देखते ही वह उसके घर में घुस आया।

विधवा महिला ने घटना की जानकारी देते हुए कहा कि पहले तो आरोपित ने उसके साथ बलात्कार किया और फिर उसे आग के हवाले कर दिया। इसके बाद महिला ने साहस का परिचय देते हुए आरोपित को कस कर पकड़ लिया। आसपास के लोगों ने घर से आग की लपटें निकलती देखी, जिसके बाद वहाँ भीड़ जमा हो गई। अंदर जाने पर लोगों ने पाया कि पीड़िता और उक्त दुष्कर्मी- दोनों ही आग के लपटों से घिरे हुए हैं। इसके बाद दोनों को अस्पताल पहुँचाया गया लेकिन आरोपित ने दम तोड़ दिया।

पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है। जाँच के बाद इस घटना से जुडी अन्य बातें सामने आएगी। लोग उक्त महिला की हिम्मत की तारीफ़ कर रहे हैं। पीड़िता के चेहरे व हाथों को आग के कारण नुकसान पहुँचा है। वह मानिकचक थाने में आने वाली सुभास कॉलोनी की निवासी हैं। पुलिस इस बात की जाँच कर रही है कि आरोपित अपने घर से 35 किलोमीटर दूर सुभास कॉलोनी क्यों आया?

लुटियन के दलालों को बस यही बात बहुत चुभती है

दिल्ली के लुटियन एरिया से, दिल्ली के लोग तो वाकिफ होंगे ही, लेकिन जो लोग दिल्ली के बाहर के हैं, उनके लिए इसका संक्षिप्त परिचय है कि अंग्रेज वास्तुकार एडवर्ड लुटियन द्वारा बसाई गई नई दिल्ली को ‘लुटियन दिल्ली’ कहा जाता है। आज वहाँ भारत सरकार के सभी मंत्रालय, संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, मंत्री, सांसदों, जजों, ब्यूरोक्रेट्स और अन्य महत्वपूर्ण हस्तियों के बंगले हैं, जिन्हें दिल्ली में ‘कोठियाँ’ कहा जाता है।

एक चीज, जो इस इलाके को खूबसूरत और खास बनाती है, वह है यहाँ के बड़े-बड़े चौराहे, जिनसे अमूमन चार से ज्यादा सड़कें जुड़ती हैं, जिसे स्टैण्डर्ड भाषा में तो रोटरी कहते हैं, पर दिल्ली की भाषा में गोल चक्कर कहा जाता है।

तो इन गोल चक्करों पर यूपीए के दौर में, अक्सर ऐसे लोग खड़े पाए जाते थे, जो आपका नाली बनाने से लेकर आपको कैबिनेट मंत्री बनवाने तक का हौसला, माद्दा और हुनर रखते थे। इन सबकी सीधी पहुँच सोनिया, राहुल, प्रियंका, और अहमद पटेल तक होती थी। ये लोग इतने साहसी होते थे कि क्लाइंट अगर जरा सा भी डाउटफुल दिखा तो ये उपरोक्त लोगों से आपकी आमने-सामने मुलाकात की हामी भर देते थे।

इन लोगों का एक गिरोह टाइप से होता था, जो जाहिर सी बात है, कुछ हद तक रसूख वाले लोगों से जुड़ा भी होता था। और ये लोग तमाम कामों को लेकर इन्हीं गोल चक्करों पर मिशन बनाकर निकलते थे। मान लीजिये किसी बोर्ड, अथॉरिटी, कमीशन आदि में कोई चेयरमैन या मेम्बर की जगह खाली है, जहाँ अच्छा बजट है, लाल बत्ती है और अन्य सरकारी ठाठ हैं, तो उस पोस्ट की एक फिक्स कीमत के साथ अलग-अलग लोग काम पर लग जाते थे।

वो दलाल अलग-अलग पार्टियों को इस काम के लिए फँसाते थे और सबको 10 जनपथ में मीटिंग करवाने का झाँसा देते थे। ये लोग सबसे टोकन मनी या पूरा पैसा वसूल लेते थे, जो लाखों से लेकर करोड़ों तक में हो सकता था। तो इस प्रकार एक पोस्ट के लिए ये गिरोह चार पार्टियों को घेर कर रखता था, लेकिन काम किसी पाँचवे का हो जाता था। बाकी लोग ठगे रह जाते थे और दलालों की चाँदी हो जाती थी।

यह एक ऐसा पॉपुलर कल्चर और सिस्टम था, जो यूपीए दौर में ही नहीं बल्कि लुटियन दिल्ली में दशकों से चल रहा था, और जो भी अन्दर-बाहर के लोग थे, वे यह मान चुके थे, कि यह लोकतंत्र का एक साइड इफ़ेक्ट है, इसे बदला नहीं जा सकता। लेकिन इस मामले में मोदी सरकार ने एक लकीर खींची, जिसे हम कह सकते हैं कि दिल्ली की सत्ता – मोदी से पहले और मोदी के बाद। मोदी ने इस सिस्टम को खत्म करने के लिए, इस नेक्सस को खत्म किया। बेशक मोदी राज में ऐसे तमाम पद खाली रहे, उन्होंने अपने समर्थकों को भी उन पर नहीं बिठाया, लेकिन लाभ के ऐसे तमाम पदों को बोली लगाकर बेचने की परम्पराओं को पूरी तरीके से समाप्त किया।

मैं एक छोटा उदाहरण देकर समझाता हूँ कि मोदी सरकार बनने के बाद पीयूष गोयल पॉवर मिनिस्टर बने। उससे पहले सिंधिया उस विभाग के मंत्री थे। गोयल लुटियन दिल्ली के इस कल्चर को समझते थे, और वे मोदी की छवि और मंशा के अनुसार काम करना चाहते थे और इसलिए उन्होंने ज्वाइन करते ही सबसे पहले मंत्री ऑफिस से अटैच चतुर्थ श्रैणी कर्मियों को वहाँ से हटाया, जिसमें चाय वाले से लेकर ड्राईवर तक शामिल थे।

ऐसे लोग ऐसी जगहों पर बरसों से जमे होते हैं, मंत्रियों के कार्य करने के सिस्टम को अच्छे से समझते हैं, और मंत्रियों के इर्द-गिर्द रहने के एवज में लाखों कमाते भी हैं। साथ ही, बाकी लोगों को सख्त हिदायत दे दी गई कि मंत्री का नाम लेकर अगर कोई भी किसी अवैध गतिविधि में लिप्त पाया गया तो उसके नतीजे गंभीर होंगे। ऐसी ही प्रैक्टिस सरकार में अन्य लोगों द्वारा भी फ़ॉलो की गई।

यही वजह है कि आज आप लुटियन दिल्ली के किसी भी गोल चक्कर पर खड़े हो जाइए, कोई कितना भी रसूखदार बना रहे लेकिन किसी में यह कहने की हिम्मत नहीं है कि वह किसी काम के लिए आपकी मुलाकात नरेन्द्र मोदी, अमित शाह और अरुण जेटली से करवा देगा, काम करवाना तो दूर की बात है। इस बात को मोदी सरकार के धुर विरोधी भी स्वीकार करते हैं।

यही वह सबसे बड़ी वजह है, जिस कारण लुटियन दिल्ली में ‘दलाली’ के काम से फलने-फूलने वाली पत्रकार जमात- विशेषकर अंग्रेज़ी पत्रकार, एनजीओ, लेखक, चिंतक, बुद्धिजीवी और विचारक टाइप लोग मोदी से खफ़ा हैं, क्योंकि इस व्यक्ति को लुटियन दिल्ली में, इंडिया हैबिटैट सेंटर, इंडिया इंटरनेशनल सेंटर जैसे ठिकानों में अड्डा ज़माने वाले लोगों से कोई हमदर्दी नहीं है। यह व्यक्ति ठेठ है, जो अपने काम और अपनी धुन में मगन रहता है। बस यही बात दलालों को बुरी लगती है।

EVM को फुटबॉल बना कर रख दिया है: मुख्य चुनाव आयुक्त

मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) सुनील अरोड़ा ने चुनाव नतीजों के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को जिम्मेदार बताए जाने पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। मंगलवार (मार्च 05, 2019) को चुनाव आयोग की टीम के साथ जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर गए सुनील अरोड़ा ने कहा कि राजनीतिक दलों ने EVM मशीन को फुटबॉल बना कर रख दिया है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, “अभी कुछ महीने पहले कर्नाटक के अलावा 5 अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए। जहाँ हर जगह अलग-अलग नतीजे देखने को मिले। मैं यह कहने के लिए क्षमा माँगता हूँ कि EVM को राजनीतिक दलों नें फुटबॉल बना कर रख दिया है। अगर रिजल्ट X आता है तो EVM अच्छा है और अगर Y आता है तो बुरा बता दिया जाता है।”

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि EVM वोटिंग नहीं करता, बल्कि मतदाता करते हैं। इसलिए EVM की विश्वसनीयता पर संदेह करने का कोई कारण ही नहीं है। जब भी चुनाव आते हैं तो EVM को लेकर राजनीतिक दल सवाल उठाने लगते हैं।

कॉन्ग्रेस समेत अनेक विपक्ष दल EVM द्वारा चुनाव कराए जाने पर अपना विरोध जाहिर कर चुके हैं। ये दल अक्सर आरोप लगाते हुए पाए जाते हैं कि EVM के साथ छेड़छाड़ की जाती है, जिससे केंद्र में सत्‍तारूढ़ BJP सरकार को फायदा मिलता है। चुनाव आयोग कई मौकों पर EVM को लेकर अपनी राय जाहिर कर चुका है कि इससे छेड़छाड़ संभव नहीं है।

स्कूल बस के नीचे आई बकरी, MP में समुदाय विशेष ने घेर कर की पत्थरबाज़ी, 9 बच्चे घायल

मध्य प्रदेश के इंदौर के काजी पलासिया में बच्चों की एक स्कूल बस के ब्रेक फेल होने से यह हादसा हुआ। ड्राइवर ने बच्चों की जान बचाने की कोशिश में बस को एक खेत में खड़ा कर दिया। उसी वक़्त खेत में चरने गई बकरियों में से एक की मौत हो गई।

इस बात से गुस्साए बकरी का मालिक रिजवाना उग्र हो गया और बस में घुसकर बस चालक मुकेश की पिटाई शुरू कर दी। बाद में उनके बेटे मोहम्मद अल्पेश ने अपने दोस्तों को फोन किया जिन्होंने स्कूल बस पर पथराव शुरू कर दिया।

उस समय बस के अंदर लगभग 50 छात्र थे। पथराव से बस की खिड़कियाँ टूट गई, जिससे स्कूली बच्चे चोटिल हो गए। बस में बच्चों के साथ जाने वाले शिक्षकों में से एक ने भीड़ को रोकने की कोशिश की, लेकिन वो भी असफल रहा।

पास के ही सरकारी स्कूल के एक सुरक्षा गार्ड ने आकर भीड़ को तितर-बितर किया। इसके बाद उन्होंने पुलिस अधिकारियों को बुलाया जिन्होंने आकर बच्चों को अस्पताल पहुँचाया। इस पत्थरबाज़ी बस के शीशे टूटने से 6 से 14 साल के नौ बच्चे घायल हो गए।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रफीक, शकील, राशिद, आरिफ, साबिर, हाकिम, नईम, नसीर, जावेद, नौशाद और मोहम्मद अल्पेश के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज की गई, साथ ही रिजवाना के अतिरिक्त 8 लोगों को भी गिरफ्तार किया गया। हकीम के कहने पर चालक मुकेश के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।

6 बातें जो पाक के 44 ‘कर्मचारी आतंकियों’ को हिरासत में लेने के बाद होगी

पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री शहरयार अफरीदी ने आज कहा कि मसूद अजहर के भाई मुफ्ती अब्दुल रऊफ और हम्माद अजहर समेत 44 आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पाकिस्तान के मंत्री ने दावा किया है कि सोमवार को नेशनल एक्शन प्लान के तहत एक बैठक की गई, जिसमें यह तय किया गया कि प्रतिबंधित किए गए सभी संगठनों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई की जाए।

भारतीय मीडिया को जानना चाहिए कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का यह हथकंडा कोई ‘स्टेट्समैन’ होने का उदहारण नहीं है। पाकिस्तान द्वारा इस तरह की कार्रवाई पहले भी कई बार की जा चुकी हैं, जब जकीउर रहमान लखवी और मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों को इसी तरह कैद किया गया और बिना किसी कार्रवाई के ही रिहा कर दिया गया था।

पाकिस्तान की पिछली हरकतों को देखते हुए हम बता सकते हैं कि उनके अगले स्टेप्स क्या हो सकते हैं

1- पूछताछ

पाकिस्तानी यह दावा करेगा कि वह आतंकवादियों का आतंकवाद में शामिल होने और योगदान के लिए पूछताछ कर रहा है। मामले पर ज्यादा खबर दिए बिना ही दिन बीतते जाएँगे। आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उन पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाए जाने पर समय-समय पर वही पुराने घिसे-पिटे बयान जारी किए जाएँगे। इस सब नाटक के बीच, आतंकवादी पाकिस्तानी सेना द्वारा पेश की जाने वाली मेहमान नवाजी और ऐशो आराम का आनंद लेंगे।

2- छानबीन जारी है

इन सब प्रक्रियाओं के बाद एक बयान जारी किया जाएगा कि अधिकारी आतंकवादियों के खिलाफ आरोपों की गंभीरता से जाँच कर रहे हैं और उनके नेता दावा करेंगे की वो आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

3- अंतरराष्ट्रीय दबाव के कम होने तक ‘धैर्य प्रदर्शन’

वर्तमान में, पाकिस्तान FATF द्वारा ब्लैक लिस्टेड होने से बचने की कोशिश कर रहा है। इसे ‘ग्रे लिस्ट’ से बाहर होने के लिए अपनी योजना पूरा करने के लिए अक्टूबर तक का समय दिया गया है, जिसके बाद पाकिस्तान ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है। FATF ‘ग्रे सूची’ में होने के अर्थ है कि किसी देश को अंतरराष्ट्रीय ऋण प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए, कम से कम अक्टूबर तक पाकिस्तान आतंकवाद पर अपनी कार्रवाई को लेकर बेहद गंभीर होने का दिखावा करेगा।

4- चुपचाप रिहाई

एक बार FATF की ‘ग्रे सूची’ से पाकिस्तान को हटा दिए जाने के बाद, वो चुपचाप अपने आतंकवादियों को वापस छोड़ देगा क्योंकि आतंकवादियों को हिरासत में लिए जाने का कारण ही यही है। तब तक आतंकवादी पाकिस्तान के करदाताओं के रुपयों पर पूरी मौज भी कर चुके होंगे।

5- आतंकवादियों की ‘क्लीन चिट’ देकर विदाई

इसके बाद पाकिस्तानी अधिकारी दावा करेंगे कि उनकी गहन जाँच से कोई नतीजा नहीं निकला है और उन्हें इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है कि आतंकवादी किसी भी प्रकार की आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हैं। वे उन्हें एक बार फिर ‘शांति दूत’ घोषित करेंगे और इसके बाद उन लोगों का पीछा किया जाएगा जिन्होंने कभी उनकी ईमानदारी पर संदेह किया था। इस तरह से आतंकवादियों को ‘क्लीन चिट’ भी मिल जाएगी। जल्द ही वे अपने ‘काम’ पर वापस लग जाएँगे और मुस्लिमों से हिंदुओं के खिलाफ जिहाद छेड़ने के लिए तैयार करेंगे।

6- फिर वही जिहाद की ज़िन्दगी – हमें क्या हम तो आतंकवादी हैं

घटनाएँ फिर अपनी सामान्य स्थिति में आ जाएँगी। आतंकवादी, अब वापस खुले में, अपने सामान्य ऑपरेशन को फिर से शुरू कर सकेंगे और पाकिस्तानी सरकार की मदद के लिए दुबारा भारत के खिलाफ अपनी आतंकवादी हरकतें शुरू कर देंगे। ‘क्लीन चिट’ प्राप्त आतंकवादी फिर से पाकिस्तानी सेना की मदद से सीमा पार से आतंकवादियों की तस्करी करने की कोशिश करेंगे और अपने मिशन, ‘Bleed India with a thousand cuts’ को आगे बढ़ाएँगे।

इस बात में कोई शक नहीं है कि पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तानी क्षेत्र के भीतर घुसकर भारतीय वायु सेना द्वारा की गई एयर स्ट्राइक के बाद कुछ चीजें बदल चुकी हैं। लेकिन फिर भी आतंकवादी सिर्फ और सिर्फ भारत पर दुबारा हमला करने का मौका ढूँढ रहे होंगे।

पाक में मसूद अज़हर के भाई समेत 44 आतंकियों की गिरफ्तारी का सच क्या है?

पुलवामा हमले के बाद से ही पाकिस्तान पर लगातार आतंकवाद पर कार्रवाई करने का दवाब बन रहा है और इसी बीच पाकिस्तान की तरफ से खबर आई है कि आतंकी मसूद अजहर के भाई मुफ्ती अब्दुल रऊफ और हम्मार अजहर समेत 44 आतंकवादियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

हालाँकि पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री शहरयार अफरीदी का कहना है कि ये कार्रवाई किसी दवाब में नहीं किया है, लेकिन ये बात जगजाहिर है कि पाकिस्तान ने ये कार्रवाई दवाब में आकर किया है।

शहरयार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि पाकिस्तान सरकार का ये एक्शन किसी बाहरी दबाव में नहीं हुआ है। ये कार्रवाई सभी प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ की गई है। शहरयार ने कहा कि भारत ने जो डोजियर सौंपा था, उसमें मसूद के इन दोनों भाईयों का नाम भी शामिल था। इसलिए इनके खिलाफ कार्रवाई की गई और फिर गिरफ्तार किया गया।

आतंकवाद को लेकर चारो तरफ से घिरा पाकिस्तान भले ही आतंकियों के गिरफ्तारी की बात कर रहा है, लेकिन इस पर विश्वास करना काफी मुश्किल है। हो सकता है कि पाकिस्तान इस बार भी लोगों की आँखों में धूल झोंक रहा हो, जैसा कि उसने पिछली बार किया था। बता दें कि पाकिस्तान ने पुलवामा हमले के बाद आतंकी हाफिज सईद के आतंकी संगठन जमात-उद-दावा पर बैन लगाने की बात कही थी, जो कि बिल्कुल झूठी निकली। जब इससे संबंधित लिस्ट सामने आई, तो जो सच सामने निकलकर आया, वो ये था कि पाकिस्तान सरकार की तरफ से इस संगठन पर बैन नहीं लगाया गया था, सिर्फ निगरानी रखने की बात कही गई थी।