तीनों लोकों में प्रसिद्धि पाने की अपनी चाहत को संतुष्ट करने के लिए उन्होंने अपनी तंत्रिकाओं में लोकतंत्र नामक करंट दौड़ाया है, ताकि 420 वाल्ट के शॉक से उन्हें यह याद आ जाए कि उन्हें आज तक कोई अवार्ड मिला भी है या नहीं।
आप प्रयागराज कुम्भ में हैं तो बहुत अच्छा, नहीं तो कहीं भी गंगा स्नान कर इस दिन के माहात्म्य का स्वतः अनुभव करें। हो सके तो मौन रहें और ख़ुद अनुभव करें कि क्यों मौन को नाद से भी प्रभावशाली माना गया है।
गंगा को साफ़ रखने के लिए पूरे वाराणसी शहर को 4 हिस्सों में बाँटा गया है। इन सभी क्षेत्रों में कुल 13 प्रोजेक्ट को शुरू किया गया, जिस पर सरकार द्वारा ₹913.07 करोड़ ख़र्च करने की घोषणा की गई है।
पहली बात तो यह है कि किसी भी सेंसिबल व्यक्ति को लालू या लालूनंदन को साथी मानकर बिहार में उसकी बदहाली पर लेक्चर तो देना ही नहीं चाहिए, और दे भी रहे हैं तो ये तो मत ही कहिए कि लालू जी और तेजस्वी जी के साथ मिलकर आप बिहार की तस्वीर बदल देंगे।
राहुल जी की रैली थी तो जैसा कि हमेशा होता है राफेल का जिक्र हुआ। उन्हें आज भी सही आंकड़ा याद नहीं था। 7 दिन पहले का 45,000 करोड़ आज 1 हजार लाख करोड़ हो गया (अंक में लिखना पड़ा क्योंकि मुझे 1 हजार लाख करोड़ लिखना नहीं आता)।
अकाली दल के विधायक मनजिंदर सिरसा सहित कई लोगों ने आप पार्टी की अफ़वाह संबंधी कॉल को साझा किया और कथित तौर पर आरोप लगाया कि AAP के लोग दिल्ली की जनता को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं।
पत्रकार महोदय शायद भूल गए कि कभी जिस पार्टी के 'वॉलंटियर' आप हुआ करते थे, उसके मुखिया जनता की सिम्पैथी और वोट बटोरने के लिए खुद को बनिया घोषित कर चुके हैं।
आए दिन के इन विपक्षी प्रपंचों से मेरा बाहर निकलना मुहाल हो गया है। बाहर निकलते ही सब ये पूछने लगते है कि तू ठीक तो है न, कहीं लगी तो नहीं! मेरा वश चले तो इज्ज़त के इन ठेकेदारों को तिहाड़ भेज दूँ।
दिवास्वप्न देखना और कॉन्पिरेसी थ्योरी में यकीन करना कॉन्ग्रेस पार्टी का एक पार्ट टाइम पेशा बनता जा रहा है, और शायद इस तरह की संभावनाओं पर भविष्यवाणियाँ कर के कॉन्ग्रेस के नेता अपने लिए 2019 के आम चुनावों के बाद रोज़गार तलाश रहे हैं।