Friday, November 29, 2024

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‘देशद्रोही मुर्दाबाद’ से बेगूसराय के लोगों ने कन्हैया का किया स्वागत, पूछा कौन-सी ‘आज़ादी’ चाहिए

इस गहमा-गहमी के बाद स्थानीय लोगों ने, "देशद्रोही मुर्दाबाद" के नारे लगाए। चुनाव नज़दीक है और माहौल गरम अब देखना यह है कि कन्हैया की दाल बेगूसराय में गलती कि नहीं या उन्हें आए-दिन अपने पिछले कर्मों के वजह से यूँ ही ज़लील होना पड़ेगा।

गहलोत ने राष्ट्रपति की जाति पर की टिप्पणी, घटिया राजनीति करने में और नीचे गिरी कॉन्ग्रेस

अशोक गहलोत ने कहा, "मेरा ऐसा मानना है कि रामनाथ कोविंद जी को जातीय समीकरण बैठाने के लिए राष्ट्रपति बनाया गया और आडवाणी साहब छूट गए।"

Uber ड्राइवर आफ़ताब ने शिवाजी को दी माँ की गाली, यात्री के मना करने पर बौखलाया

आफताब का कहना था कि किसी को भी शिवाजी की पूजा नहीं करनी चाहिए। उसने समीर पर एहसान जताते हुआ कहा कि इतने ट्रैफिक के बावजूद वो उन्हें लेने आ गया, यही बहुत है।

MHA ने बांग्लादेशी फिरदौस का वीसा किया रद्द, ममता ने प्रचार के लिए बुलाया दूसरा अभिनेता

भाजपा ने कहा कि अल्पसंख्यक वोटों को लुभाने के लिए ही बांग्लादेशी कलाकार को यहाँ प्रचार करने के लिए बुलाया गया, जो कि आचार संहिता का उल्लंघन है।

कभी-कभी लगता है मैं स्वयं ही ‘बेरोज़गारी’ हूँ: रवीश, रोज़गार और आँकड़े

रवीश कुमार ने आँकड़ों को समझने की कोशिश किए बिना, अनुवाद कर दिया। वहाँ उनको 'जॉब' और 'स्लोडाउन' दिखा, बस अनुवाद कर के मोदी को लपेट लिए। जबकि इस लेख में एक ज़रूरी बात छुपा ली गई ताकि मोदी बुरा दिखे।

मतदाताओं को बरगलाने के लिए चिदंबरम पिता-पुत्र शिवगंगा में किराने की दुकानों में छिपा रहे हैं कालाधन: IT अधिकारी

श्रीवास्तव ने कार्ति चिदंबरम पर चुनावी धोखाधड़ी का भी आरोप लगाया और कहा कि उनका शपथपत्र झूठा है। उन्होंने वह संपत्ति तो घोषित ही नहीं की है जो आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय ने छापा मारकर सामने लाई थी।

एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, जाँच जारी

रोहित शेखर ने लम्बी कानूनी लड़ाई के बाद एनडी के नाम का हक़ जीता था। एक लम्बी कानूनी लड़ाई के बाद तिवारी ने उन्हें पुत्र के रूप में स्वीकार किया था।

एक छोटी सी फ़िल्म ‘द ताशकंद फाइल्स’ की सफलता से क्यों भयभीत हैं वामपंथी समीक्षक?

फ़िल्म को समीक्षकों के एक गिरोह ने रिव्यु करने से या तो मना कर दिया या नेगेटिव रिव्यु दिया। मीडिया गिरोह ने इसे प्रोपेगंडा बताया। बस 250 स्क्रीन्स में रिलीज होने वाली एक छोटी सी फ़िल्म से इतना ज्यादा भय? इसका अर्थ है कि इसके निर्माण के पीछे का मोटिव सफ़ल रहा।

मस्जिद में महिलाएँ Vs मर्द: बहनो… एक साथ खड़े होने का समय अब नहीं तो कब?

बहनो! यह सही वक्त है चोट करने का। मस्जिद में पल रही मर्दवादी सोच पर प्रहार करने का। एक साथ उठ खड़ी हो, हजारों किलोमीटर लंबी ह्यूमन चेन बनाओ। अल्लाह ने चाहा तो सुप्रीम कोर्ट भी आपके हक में फैसला सुनाएगा!

U-Turn: चुनावी ‘धंधे’ में अब उतरा मूँछ वाला ‘गुंडा’, अभिनेताओं की राजनीति को कभी बताया था दुर्भाग्य!

प्रकाश राज ने नवंबर 2017 में अभिनेताओं के राजनीति में आने को देश का दुर्भाग्य बताते हुए कहा था कि वो अभिनेताओं के राजनीति में आने को सही नहीं मानते। आज वो ख़ुद यू-टर्न लेकर चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने अपने फ़िल्मी किरदारों से शायद बहुत कुछ सीखा है!

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