Monday, July 1, 2024

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जिग्नेश-केजरीवाल-लालू गिरोह आरक्षण पर फैला रहा है झूठ, सचेत रहिए

अप्रैल 2018 के हिंसक आंदोलन से सीख लेकर अरविन्द केजरीवाल और जिग्नेश मवानी जैसे नेता फिर से जातीय हिंसा को हवा देने पर तुले हुए हैं।

सोलापुर में गरजे पीएम; सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण देने के फैसले को बताया ऐतिहासिक

इस से पहले पीएम ने 3,168 करोड़ रुपयों के मूल्य की ढांचागत और आवासीय परियोजनाओं का उद्घाटन किया

गाय संबंधी हिंसा पर शशि थरूर के झूठ का पर्दाफ़ाश, ट्रोल स्वाति चतुर्वेदी ने लिया था इंटरव्यू

उनका यह दावा मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित था, जिसके लिए IndiaSpend को दोषी करार दिया गया था, जो हिंदू-विरोधी प्रचार फैलाने के लिए गलत आँकड़ों का इस्तेमाल करनेवाली वेबसाइट है।

बलात्कार आरोपित बिशप फ्रैंको के ख़िलाफ़ आंदोलन में शामिल होने वाली नन को चर्च की धमकी

नोटिस में लिखा है- "20 सितंबर से लेकर अभी तक तुम्हारे द्वारा किए गए काम बेहद शर्मसार करने वाले रहे जोकि चर्च को और FCC को नुकसान पहुँचा सकते हैं।"

हर तीसरे दिन उठते जातीय बवंडरों का हासिल क्या है?

उन्हें तलाशिए जो हत्या के बाद ही तय कर देते हैं कि गुनहगार कौन है, और फ़ैसला आने या उसके बीच की प्रक्रिया में उलटा परिणाम आने पर शायरी लिखने लगते हैं।

बेतुके बयानों से भारतीय विज्ञान कॉन्ग्रेस की धूमिल होती छवि

कृष्णन के अनुसार सौर मंडल में सारे ग्रह सूर्य की परिक्रमा गुरुत्वाकर्षण बल के कारण नहीं करते बल्कि इसलिए करते हैं क्योंकि अन्तरिक्ष (space) उन्हें संकुचित करता है।

कुम्भ 2019: कब और क्या? इतिहास, ज्योतिष और वर्त्तमान पर एक नज़र

हिंदू धर्म में मान्‍यता है कि किसी भी कुम्भ मेले में पवित्र नदी में स्‍नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और मनुष्‍य जन्म-पुनर्जन्म के चक्कर से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त हो जाता है।

कुम्भ 2019: व्यापक है सुरक्षा के इन्तज़ाम

जहाँ करोड़ों लोगों का जमावड़ा हो वहाँ सुरक्षा सर्वोपरी हो जाती है। संगमनगरी प्रयागराज में लगने जा रहे कुम्भ मेले में इस बार सुरक्षा के बेहद सख़्त इन्तज़ाम किए गए हैं।

फोटो फ़ीचर: कुम्भ 2019 – परम्परा और आधुनिकता का अनोखा संगम

भारत का विश्व प्रसिद्ध कुम्भ मेला सनातन परम्परा का ही जीवन्त प्रमाण है। साथ ही परम्परा में आधुनिकता का अद्भुत संगम भी।

219 साल से तारीख़ पे तारीख़, भारत का सबसे पुराना केस 1800 में हुआ था दर्ज़

देश भर की कुल पेंडिंग केसों की संख्या 2.94 करोड़। सरकारी सर्वे की मानें तो इन सभी पेंडिंग केसों को खत्म होने में लगेंगे 324 साल।

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