बांग्लादेश के चटगाँव में गिरफ्तार किए गए हिन्दू संत चिन्मय कृष्ण दास के 2 और सहायकों को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह दोनों चिन्मय कृष्ण दास को खाना देने गए थे। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर यूनुस सरकार को लताड़ा है। वहीं इस बीच ISKCON को बैन करवाने के लिए बांग्लादेश की इस्लामी पार्टियों ने जोर लगाया हुआ है। उन्होंने ISKCON को एक ‘कट्टरपंथी संगठन’ करार दिया है।
रिपब्लिक की एक खबर के अनुसार, देशद्रोह के कथित मामले में जेल भेजे गए हिन्दू संत चिन्मय कृष्ण दास को जेल के भीतर खाना देने गए उनके दो सहायकों को गुरुवार (29 नवम्बर, 2024) को गिरफ्तार कर लिया गया। इन दोनों को किस आधार गिरफ्तार किया गया है, यह अभी स्पष्ट नहीं है।
#BREAKING: Chinmoy Prabhu's two aides arrested in Bangladesh while delivering food to him in jail
— Republic (@republic) November 29, 2024
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चिन्मय कृष्ण दास को मंगलवार को जज काजी नजरुल इस्लाम ने जेल भेज दिया था। उन्हें जमानत भी नहीं दी गई थी। उनके खिलाफ की गई इस कार्रवाई को बांग्लादेशी वकीलों ने गैरकानूनी करार दिया है। चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी की आलोचना तख्तापलट के कारण बांग्लादेश सत्ता से बाहर हुईं पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने की है।
शेख हसीना ने कहा है कि चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी अवैध है और उन्हें तुरंत ही छोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने यूनुस सरकार पर प्रश्न उठाए। शेख हसीना ने कहा, “सनातन धर्म के एक बड़े नेता को गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया है, उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए।”
আওয়ামী লীগ সভানেত্রী বঙ্গবন্ধুকন্যা শেখ হাসিনার বিবৃতিঃ
— Awami League (@albd1971) November 28, 2024
চট্টগ্রামে একজন আইনজীবীকে হত্যা করা হয়েছে, এই হত্যার তীব্র প্রতিবাদ জানাচ্ছি। এই হত্যাকাণ্ডের সঙ্গে যারা জড়িত তাদেরকে খুঁজে বের করে দ্রুত শাস্তি দিতে হবে। এই ঘটনার মধ্য দিয়ে চরমভাবে মানবাধিকার লঙ্ঘিত হয়েছে। একজন… pic.twitter.com/b7yjlyj9Et
चेख हसीना ने आगे कहा, “चटगाँव में एक मंदिर को जला दिया गया है। इससे पहले अहमदिया समुदाय की मस्जिदों, दरगाहों, चर्चों, मठों और घरों पर हमला किया गया, तोड़फोड़ की गई, लूटपाट की गई और आग लगा दी गई।” शेख हसीना ने यूनुस सरकार को सत्ता हथियाने वाला बताया है।
वहीं इस बीच बांग्लादेश ISKCON के खिलाफ षड्यंत्र तेज हो गया है। बांग्लादेश हाई कोर्ट ने हाल ही में ISKCON पर बैन लगाने की माँग करने वाली याचिका को ठुकरा दिया था। इसके बाद अब बांग्लादेश की इस्लामी पार्टियों ने ऐसी ही माँग उठाई है। जमीयत उलेमा ए बांग्लादेश के अब्दुल युसूफ ने ISKCON को ‘कट्टरपंथी संगठन’ बताया है।
इस्लामी पार्टियों ने कहा है कि यूनुस सरकार बिना देरी के ISKCON को बैन कर दे। उन्होंने ISKCON के साधु संतों को ‘हथियारबंद लड़ाके’ करार दिया है। इस्लामी पार्टियों ने यह सारी बातें एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही हैं। यह पार्टियाँ बांग्लादेश में कड़े इस्लामी कानून चाहती हैं।