रिद्धिमा खन्ना ने बताया कि TMC चुनाव से पहले कस्बा के पूरे बाजार की हर दुकान पर अपनी पार्टी के झंडे लगाने के लिए लोगों को मजबूर कर रही है और विरोध करने पर उन्हें डराया धमकाया जा रहा है। पुलिस और प्रशासन से शिकायत करने के बावजूद भी कोई एक्शन नहीं लिया गया है।
उन बुद्धिजीवियों के मुँह पर भी तमाचा पड़ा है जिन्हें मई 1988 में किए गए ऑपरेशन शक्ति पर आपत्ति थी। भारत तकनीकी विकास में कभी पीछे नहीं रहा। हमने अपने बलपर वह प्रत्येक तकनीक विकसित की है जो विश्व हमें नहीं देना चाहता था।
ईडी की मानें तो विजय माल्या के ख़िलाफ़ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जाँच के चलते एजेंसियों ने उनके शेयरों को जब्त किया था। जोकि यस बैंक के पास पड़े थे। साथ ही कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हाल ही में बैंक को कर्ज वसूली के लिए डेट रिकवरी ट्रिब्यूल को देने का आदेश दिया था।
"हमने एंटी सेटेलाइट सिस्टम के परीक्षण पर प्रधानमंत्री मोदी के बयान को देखा। भारत के साथ अपने मजबूत सामरिक साझेदारी के मद्देनज़र, हम अंतरिक्ष, विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्रों में सहयोग सहित, अतंरिक्ष सुरक्षा में सहभागिता के साझा हितों पर लगातार साथ मिलकर काम करते रहेंगे।"
"दुनिया मुस्लिमों के प्रति चीन के पाखंड को बर्दाश्त नहीं कर सकती। एक तरफ चीन अपने यहाँ 10 लाख से अधिक मुस्लिमों को प्रताड़ित करता है, जबकि दूसरी तरफ वो हिंसक इस्लामिक आतंकी समूहों को यूएन के प्रतिबंध से बचाता है।"
फेसबुक के सिक्योरिटी पॉलिसी प्रमुख गलेचार ने अपने ब्लॉग में कश्मीर को भारत से अलग सत्ता बताते हुए उसे एक अलग देश की तरह सम्बोधित किया था। उन्होंने बताया कि ऐसे हज़ारों फ़र्ज़ी पेजेज व एकाउंट्स को हटाया गया है, जिनके द्वारा आपत्तिनजक सामग्रियाँ पोस्ट की जा रही थी।
आज दिन में PM नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह ऑपरेशन बेहद मुश्किल था, लेकिन भारतीय वैज्ञानिकों और DRDO की टीम ने यह कर दिखाया है। सिर्फ तीन मिनट में लो अर्थ ऑरबिट सैटेलाइट (Low Earth Orbit Satellite) को ध्वस्त कर दिया गया।
मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि बीते 50 सालों में पाकिस्तान में बसे 90% हिंदू देश छोड़ चुके हैं। ऐसे में भारत में बैठे पाक अकुपाइड पत्रकार के मीडिया गिरोहों को इमरान खान के लिए शान्ति के नोबल पुरस्कार की अपील करने से पहले इस तरह के आँकड़ों पर भी ध्यान देना चाहिए।
मिशन शक्ति वैश्विक राजनीति में भारत की बढ़ती धाक का एक वसीयतनामा है। नरेंद्र मोदी ने पिछले पाँच वर्षों के दौरान जिन कूटनीतिक रिश्तों को मजबूती दी है, वे सभी सरकार को परीक्षण करने का विश्वास दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए होंगे।
आपने अक्सर सुना होगा कि फलाँ कम्पनी चाँद पर ज़मीन बेच रही है या फलाँ उद्योगपति ने वहाँ ज़मीं ख़रीदी। यह सब आउटर स्पेस ट्रीटी की अस्पष्टता के कारण होता है। हालाँकि, ये संधि बाह्य अंतरिक्ष में अस्त्र-शस्त्र की तैनाती को रोकती है।