Wednesday, November 27, 2024

राजनैतिक मुद्दे

‘न घर के न घाट के’: स्वरा भास्कर को अंबेडकरवादियों और वामपंथियों ने ‘लिबरल गैंग’ से किया बाहर, गृह प्रवेश पूजा बना कारण

स्वरा भास्कर की तस्वीरें प्यारी थीं, लेकिन धर्मपरायणता के सरल और सहज प्रदर्शन से अम्बेडकरवादियों और कम्युनिस्टों का आक्रोश जाग उठा।

तालिबान और भारत: पाकिस्तान-अफगानिस्तान पर अलग पख्तून रियासत की चाल – अब रक्षात्मक नहीं फ्रंटफुट पर खेले इंडिया

अभी तक किसी देश ने तालिबान शासन को औपचारिक मान्यता नहीं दी है। तालिबान ने बयान ज़रूर दिए हैं कि वे अब पहले जैसे नहीं हैं, पर...

अब BSP नहीं विकास का पैमाना, NMP से बदल जाएगी इंफ्रास्ट्रक्चर की दुनिया: संपत्ति कौड़ियों के भाव ‘बेच’ नहीं रही मोदी सरकार

मोदी सरकार का जोर इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने पर है। इसको अगले स्तर पर ले जाने, विश्वस्तरीय बनाने के लिए NMP महत्वपूर्ण है।

जिनके लिए फासिस्ट मोदी सरकार, वे ही आवाज पर बिठा रहे पहरा: नारायण राणे के साथ जो हुआ वह लोकतंत्र के लिए शुभ नहीं

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की एफआईआर के बाद गिरफ्तारी और उसके बाद जमानत, लगभग सब कुछ वैसा ही हुआ जैसा माना जा रहा था। लेकिन यह लोकतांत्रिक विमर्श के लिए खतरे की घंटी है।

शाहीन बाग़ में लंगर, ‘किसान आंदोलन’ में हिंसा: जिसके खिलाफ भड़काया, उसने ही सिखों को तालिबान से बचा कर निकाला

'किसान आंदोलन' में सिखों को भड़का कर हिंसा करवाई गई। शाहीन बाग़ के उपद्रवियों को लंगर खिलाया गया। मोदी सरकार ने तालिबान से सिखों को बचाने में देर नहीं की।

हिन्दू नरसंहारक ‘मोपला विद्रोह’ के 387 नामों को सूची से हटाना PM मोदी का ऐतिहासिक कदम: वामपंथियों के झूठ का हुआ अंत

केंद्र सरकार के फैसले का कॉन्ग्रेस, वामपंथियों और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग द्वारा विरोध उनके दशकों के प्रयास से गढ़े गए नैरेटिव के ध्वस्त होने की छटपटाहट है और उस छटपटाहट की तुलना में बहुत छोटी है जो दशकों तक हिंदुओं ने झेली है।

पंजाब कॉन्ग्रेस की लड़ाई में पाकिस्तान की बल्ले-बल्ले: सिद्धू के सलाहकारों का ‘राष्ट्रविरोधी’ भांगड़ा, क्या टूटेगी आलाकमान की चुप्पी

कैप्टन के दो टूक के बाद सवाल यह है कि सिद्धू के सलाहकार के बयानों को कॉन्ग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व कैसे देखता है?

मुहर्रम पर उत्पाती-हमलावर-पाकिस्तान जिंदाबाद वाली भीड़ – OK है… तो सुअरिया मेला में हिंदुओं पर क्यों बरसी पुलिस की लाठी?

रामनवमी हो या काँवड़ यात्रा... पुलिस सक्रिय हो जाती है। जबकि मुहर्रम या बकरीद के दौरान इसी पुलिस की ‘कार्रवाई’ आपको देखने को मिल जाएगी।

कल्याण सिंह एक प्रयोग हैं, प्रयोग मरते नहीं: वह फॉर्मूला जिसके दम पर BJP आज अपराजेय है, जिसने हिंदुओं को जोड़ा

कल्याण सिंह ने राम का स्वप्न पूरा किया। अब कृष्ण और शिव के स्वप्नों को पूरा करने की बारी हमारी और आपकी है।

बंगाल हिंसा पर राजनीतिक बयानों की बेला खत्म: हाईकोर्ट ने दिखाया रास्ता, अब आनाकानी ममता बनर्जी को पड़ सकती है भारी

ऐसा पहली बार हुआ है कि पश्चिम बंगाल में राजनीतिक और चुनावी हिंसा पर न्यायालय ने किसी उच्च स्तरीय जाँच के आदेश दिए हैं।

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