पिछले 6 वर्षों से भारत के प्रधानमंत्री ने अपने प्रयासों को केवल सार्वजनिक भाषण तक सीमित नहीं रखा, बल्कि भारत के नागरिकों से किए गए हर वादा, हर आशा को पूरा करने के लिए अपनी 6 साल की यात्रा के प्रत्येक दिन को बहुत लगन के साथ उपयोग किया है।
'हिन्दुओं से आजादी' भी इसी एक शब्द में समेट दी गई है, जो बार-बार, रूप बदल कर हमारे कानों तक पहुँचती है। साथ ही, 'केरल माँगे आजादी' जैसे संदर्भ भी इसी शब्द में सिमटे हुए हैं।
ये झटका किसे है? सचिन पायलट अब राजस्थान में कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष नहीं रहे। न ही वो अब राज्य के उप-मुख्यमंत्री हैं। महीने भर उनका अपमान हुआ। कॉन्ग्रेस नेताओं ने उन्हें भला-बुरा कहा।
इसके पीछे 2 सबसे स्पष्ट कारण नज़र आते हैं। पहला, राम मंदिर और दूसरा, विकास दुबे का एनकाउंटर। इन दोनों ही मुद्दों पर राजनीति कर सपा-बसपा ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाना चाहती है।