इतने विशाल जनसैलाब का सफलतापूर्वक प्रबंधन करना अपने आप में एक बड़ी चुनौती मानी जाती थी। लेकिन मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने यह साबित कर दिखाया कि हिन्दुओं की आस्था को यदि प्राथमिकता और समय दिया जाए तो उन्हें आसानी से ही किसी आपदा में बदलने से रोका जा सकता है।
ये लोकतंत्र है, इसमें हर व्यक्ति की अभिव्यक्ति का मूल्य बराबर है। आपकी अभिव्यक्ति किसी सामान्य नागरिक की अभिव्यक्ति से ऊपर कैसे हो जाएगी? आपको लगता है कि जो ज्ञानधारा आप बहाते हैं, वही निर्मल है, और आम जनता सीवेज़ का पानी फेंक रही है।
एक शिक्षित समुदाय के बीच इस तरह का चलन शोभा नहीं देता। अगर आँकड़ों की बात करें तो पता चलता है कि पिछले एक दशक में जैन समुदाय की जनसंख्या में 50% की वृद्धि आई है। ऐसे में जैन समिति के बीच इस तरह की बेचैनी का कोई कारण नहीं बनता।
कश्मीर में अलगाववाद को बल मिलता है पैन-इस्लामिज़म से, जो खिलाफत आंदोलन के या उससे भी पूर्व के उस विचार से प्रभावित है, जिसमें दुनिया के सभी मुस्लिमों को राष्ट्रीय सीमाओं से परे एक झंडे के नीचे खड़े होने को अपना आदर्श मानता है।
अच्छे लोग जैश-ए-मोहम्मद को पनाह देने वाले इमरान खान में statesmanship देख लेते हैं। 100 लोगों का पोस्ट पढ़कर उन्हें पूरा हिन्दुस्तान खून का प्यासा दिखने लगता है और पाकिस्तान के 2 पोस्ट पढ़कर शान्ति की जन्मभूमि। अच्छे लोग...
सरकार डरा रही है, तो आप मत डरिए। आप अपनी स्टोरी कीजिए और आगे बढ़िए। सबूत होंगे तो देश का सुप्रीम कोर्ट चार बजे सुबह में भी खुलता है, आतंकियों के लिए। आप तो फिर भी पत्रकार हैं!
आपने ऑफिस जाना बंद कर दिया? आपने लोगों से बात करना छोड़ दिया? आप तो देशभक्त व्यक्ति हैं जो कि प्रधानमंत्री से ज़्यादा ध्यान देते हैं ऐसी बातों पर, फिर आप क्या कर रहे हैं संवेदना प्रकट करने के लिए? फेसबुक पोस्ट लिखकर, व्हाट्सएप्प में ये पूछ रहे हैं कि मोदी रैलियाँ क्यों कर रहा है?
एक समय हम 'खलनायक' संजू और शाहरुख़ जैसे बाल रखने लगे थे। 'डर' के कारण बच्चों के नाम 'राहुल'। समय बदला है। जब अभिनन्दन लौटे तो कई बच्चों का नाम अभिनन्दन रखे जाने की ख़बर है।
राष्ट्रवाद अपने हर रूप, हर रंग, हर तरीके में सुंदर है। अगर अपनी मातृभूमि के लिए चिल्लाना गुनाह है तो लोगों को अपना गला हर दिन खराब करना चाहिए। ऐसे गुनाह होते रहने चाहिए।
IAF द्वारा गिराए गए पाकिस्तानी F-16 फाइटर प्लेन में विंग कमांडर शहज़ाद उद्दीन थे, जिन्हें भारतीय सैनिक समझकर पाकिस्तान की जनता ने खुद बेरहमी से पीटा था और उनकी मृत्यु हो गई।