बलात्कार, यौन शोषण के आरोपित पादरी अब भी खुले घूम रहे हैं, ननों को प्रताड़ित करने वाले बिशप अब भी अपने पद पर बेशर्मी से कार्यरत हैं, चर्च प्रशासन के अन्याय से तंग नन्स आज भी सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करने को मजबूर हैं।
Ejiao नामक दवा बनाने के लिए गदहों को धैरती पर सुला कर उनके सिर पर हथौड़ों से ज़ोर-ज़ोर से प्रहार किया जाता है, जिससे कि वो एक धीमी और दर्दनाक मौत मरते हैं।
अगर एक हाइमन के ब्रेक हो जाने से उसके चरित्र पर ही उँगलियाँ उठें और शर्मसार हो जाना पड़े तो जरूरी है कि न केवल महाराष्ट्र की सरकार बल्कि पूरे देश में इस ‘वर्जिनिटी टेस्ट’ को अपराध घोषित कर दिया जाए।
वो कहते हैं कि उन्हें दुःख है कि कश्मीरियों की हत्या हो रही है और केंद्र सरकार कुछ नहीं कर रही है। देश के विरुद्ध खुली यलगार करने वाले पत्थरबाजों से उन्हें सहानुभूति हो जाती है। अलगाववादी नेताओं में उन्हें लीजेंड नज़र आने लगता है।
गार्डन का नाम 'कलाम गार्डन' कर दो जो कि एक आदर्श नागरिक थे, भारत रत्न थे। आक्रांताओं के नाम पर गार्डन! आतंकियों, लुटेरों, बलात्कारियों, हत्यारों, नरसंहारकों, मूर्तिभंजकों, आतताइयों, धर्मांध अत्याचारियों आदि के नाम से कुछ भी है ही क्यों इस देश में?
अगर पोप और शीर्ष इमाम के बीच का चुम्मा-बंधन पूरा हो तो पोप को हिन्दू मंदिरों पर ईसाई कट्टरवादियों द्वारा किए जा हमले और ननों के यौन शोषण पर भी चुप्पी तोड़नी चाहिए।
Nike वाला डिज़ाइनर हिजाब किसी विशेष धर्म की कुरीतियों को बढ़ावा देना नहीं तो और क्या है कि अब दौड़ के मैदान में भी एक लड़की 'खिलाड़ी' बनकर नहीं बल्की 'मुस्लिम खिलाड़ी' बनकर दौड़ेगी।
इंडिया टुडे जैसे प्रकाशनों से शुरू हुई ये व्यवस्था प्रचलित अखबार टाइम्स ऑफ़ इंडिया में आई। अब तो इसमें “द हिन्दू”, जनसत्ता और “इंडियन एक्सप्रेस” जैसे तथाकथित विचारधारा वाले अखबार भी शामिल हैं।
गौपालन प्रोत्साहन पर सरकार ने ज़ोर दिया है। निर्धन व कम भूमि वाले किसानों को आर्थिक मदद मिलेगी। मत्स्यपालन के लिए अलग विभाग बनाने का निर्णय लिया गया। कृषकों को सस्ता ऋण।
ग़रीबों को सस्ता अनाज के लिए आवंटन दोगुना। मनरेगा का बजट हुआ तिगुना। बस्तियों में सड़कों का बिछा जाल। घर-घर में पहुँची बिजली। 10 लाख लोगों ने उठाया मुफ़्त चिकित्सा का लाभ। आर्थिक आधार पर आरक्षण।