Friday, November 8, 2024
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क्या पुलिस ने बुजुर्ग किसान पर लाठी चलाई? राहुल गाँधी के झूठे दावों की खुली पोल

देश में जैसे ही कोई बड़ी घटना होती है, वह कॉन्ग्रेस के लिए कुछ ही समय में मिथ्या प्रचार का सुनहरा अवसर बन जाती है। इसी कड़ी में किसान की तस्वीर को ट्वीट करते हुए राहुल गाँधी ने लिखा, “यह बेहद दुखद तस्वीर है। हमारा नारा था ‘जय जवान जय किसान’ लेकिन...."

पंजाब और हरियाणा के किसान केंद्र सरकार के कृषि सुधार क़ानून का विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच किसानों के विरोध पर राजनेताओं की ओर से बयानबाजी और प्रोपेगेंडा जारी है, इस दौरान कॉन्ग्रेस सांसद राहुल गाँधी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक तस्वीर साझा की। तस्वीर में एक बुजुर्ग व्यक्ति पर लाठी चार्ज किया जा रहा था, किसी के लिए भी तस्वीर को पहली निगाह में देख कर ठीक वैसा ही सोचना स्वाभाविक था। लेकिन तस्वीर माननीय राहुल गाँधी द्वारा साझा की गई थी इसलिए तस्वीर की पड़ताल ज़रूरी हो जाती है।

देश में जैसे ही कोई बड़ी घटना होती है, वह कॉन्ग्रेस के लिए कुछ ही समय में मिथ्या प्रचार का सुनहरा अवसर बन जाती है। इसी कड़ी में किसान की तस्वीर को ट्वीट करते हुए राहुल गाँधी ने लिखा, “यह बेहद दुखद तस्वीर है। हमारा नारा था ‘जय जवान जय किसान’ लेकिन मोदी सरकार के अहंकार ने जवान को किसान के विरुद्ध खड़ा कर दिया। यह बहुत ही ज़्यादा खतरनाक है।” राहुल गाँधी द्वारा साझा की गई तस्वीर को देख कर किसी के लिए भी यह सोचना लाज़मी था कि कितनी भयावह तस्वीर है जबकि तस्वीर का एक और पहलू था।

इसके बाद कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भी ट्विटर पर यही तस्वीर साझा की और साथ में लिखा, जय जवान जय किसान।

क्योंकि कॉन्ग्रेस के नेताओं ने इस तस्वीर को साझा करके ट्विटर पर नारे लगाए तो उनके समर्थक भी तस्वीरों के आधार पर प्रोपेगेंडा फैलाने में जुट गए। इस सुनहरे अवसर का उपयोग करते हुए कॉन्ग्रेस समर्थकों ने मोदी सरकार पर जम कर अपनी कुंठा लुटाई।

क्या है इस तस्वीर की वास्तविकता

भारतीय जनता पार्टी ने राहुल गाँधी द्वारा किए गए इस ट्वीट में मौजूद तस्वीर का दूसरा पक्ष सामने लाने में देरी नहीं की। इस दौरान भाजपा ने राहुल गाँधी को देश का सबसे निराशाजनक विपक्षी नेता भी बताया। भाजपा आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने अपने ट्वीट में लिखा, “राहुल गाँधी पिछले कुछ समय के सबसे ज़्यादा निराश करने वाले विपक्षी नेता साबित हुए हैं।” राहुल गाँधी द्वारा साझा की गई इस तस्वीर को ‘प्रोपेगेंडा’ बताते हुए अमित मालवीय ने लिखा कि पुलिसकर्मी ने उस किसान को छुआ तक नहीं।   

इसके अलावा तमाम अन्य ट्विटर यूज़र्स ने भी इस बात की पुष्टि की जिसमें उन्होंने बताया कि पुलिस ने किसान पर लाठी चार्ज नहीं किया। बल्कि लाठी ने किसान को छुआ तक नहीं!

इस ट्वीट में भी देखा जा सकता है कि किस तरह कॉन्ग्रेस का अवसरवादी आईटी सेल माहौल बना कर किसी को भी ‘विलेन’ घोषित कर देता है।

यह बात सच है कि पुलिस ने प्रदर्शन की आड़ में हिंसा भड़का रहे तमाम उपद्रवियों को रोकने के लिए सीमित बल का उपयोग किया था। इस बात का उल्लेख भी उतना ही ज़रूरी है कि प्रदर्शनकारियों ने भी कई स्थानों पर हिंसक प्रदर्शन किया था। 26 नवंबर को शम्भू बॉर्डर पर कई प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की थी।

इसके अलावा किसान आंदोलन का एक और हैरान करने वाला पहलू सामने आया था। कथित तौर पर ऐसी तमाम तस्वीरें और वीडियो सामने आए जिसमें प्रदर्शन के दौरान खालिस्तान के समर्थन की बात सामने आ रही थी। इसी तरह का एक वीडियो सामने आया था जिसमें एक तथाकथित किसान द्वारा स्पष्ट तौर पर यह कहते हुए सुना जा सकता है कि जैसे इंदिरा गाँधी को ठोका वैसे ही नरेंद्र मोदी को भी ठोक देंगे।

ट्विटर पर साझा किए गए एक समाचार चैनल के वीडियो में व्यक्ति कहता है, “अभी हमारी सरकार के साथ एक मीटिंग है अगर उसमें कुछ हल निकलता है तो ठीक है। मीटिंग 3 दिसंबर को तय की गई है और हम तब तक यहीं पर रहने वाले हैं। अगर उस मीटिंग में कुछ हल नहीं निकला तो बैरिकेड तो क्या हम तो इनको (शासन प्रशासन) ऐसे ही मिटा देंगे। हमारे शहीद उधम सिंह कनाडा की धरती पर जाकर उन्हें (अंग्रेज़ों को) ठोक सकते हैं तो दिल्ली कुछ भी नहीं है हमारे लिए। जब इंदिरा ठोक दी तो मोदी की छाती भी ठोक देंगे।”  

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ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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