Thursday, May 2, 2024
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‘भीड़ ने घेरा, घसीटा… मस्जिद के अंदर काटा गला’: सुदर्शन के लोगो वाले वायरल वीडियो को चैनल के CMD सुरेश चव्हाणके ने बताया षड्यंत्र

शुरुआत में वीडियो में सुदर्शन का लोगो है, इसलिए लोग पूरे वीडियो को ही भारत का मान रहे हैं, जबकि ऐसा नहीं है। वीडियो को इस तरह से एडिट किया गया है कि इसे देख कर ऐसा लगता है कि व्यक्ति को मुस्लिम भीड़ ने अंदर खींच लिया और फिर उसका सिर काट दिया गया था।

सोशल मीडिया पर एक विचलित करने वाला वीडियो वायरल है। इस वीडियो में कुछ व्यक्ति एक जिंदा इंसान को जानवर की तरह काटते दिख रहे हैं, इसलिए संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए ऑपइंडिया इस वीडियो को आर्टिकल में शामिल नहीं कर रही है। इस वीडियो को भारत का बता कर शेयर किया जा रहा है। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सऐप पर ये वीडियो वायरल हो रहा है।

फैक्ट चेक

यह वायरल वीडियो एडिट किया गया है। इसे दो अलग-अलग घटनाओं को जोड़ कर बनाया गया है। वीडियो का पहला हिस्सा उत्तर प्रदेश का है और यह मई 2021 का है, जबकि दूसरा सिर काटने वाला वीडियो वेनेज़ुएला का है। यह घटना 2018 की है।

शुरुआत में वीडियो में सुदर्शन का लोगो है, इसलिए लोग पूरे वीडियो को ही भारत का मान रहे हैं, जबकि ऐसा नहीं है। वीडियो को इस तरह से एडिट किया गया है कि इसे देख कर ऐसा लगता है कि व्यक्ति को मुस्लिम भीड़ ने अंदर खींच लिया और फिर उसका सिर काट दिया गया था। हालाँकि यह सच नहीं है। 

पहले हिस्से से लिया गया स्क्रीन शॉट जो मुजफ्फरनगर का मई 2021का है।

दरअसल, जिस व्यक्ति को पकड़ कर पीटा गया था, वह लाइनमैन अनुज था। वह मुजफ्फरनगर के भोपा के सीकरी गाँव में बिजली ठीक करने गया था। इसी दौरान गाँव का ही सलमान अपने भाई अय्याज के साथ वहाँ पहुँचा और लाइनमैन से घर का केबिल बदलने के लिए कहा। इस पर लाइनमैन ने बिना जूनियर इंजीनियर की अनुमति के केबिल बदलने से इनकार कर दिया। जिसके बाद ग्रामीणों ने बंधक बना कर उसके साथ मारपीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया, उसके कपड़े भी फाड़ दिए। मौके से भागे साथियों ने इसकी सूचना डायल-112 को दी, जिस पर पुलिस टीम ने मौके पर पहुँच कर अनुज को मुक्त कराया।

पहला भाग– उत्तर प्रदेश, मई 2021

पहले वीडियो में सुदर्शन न्यूज का लोगो है। हालाँकि यह ट्विटर हैंडल वेरिफाइड नहीं है, लेकिन मुजफ्फरनगर पुलिस के आधिकारिक हैंडल से 4 मई 2021 को इस पर जवाब देते हुए कहा गया था कि उन्होंने इस घटना को नोट कर लिया है और अभियुक्तों की गिरफ्तारी के प्रयास व वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा पुलिस द्वारा 5 नामजद व 10-15 अज्ञात अभियुक्तों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया जा चुका है।

5 मई 2021 को मुजफ्फरनगर पुलिस ने एक और ट्वीट करते हुए इस संबंध में बयान जारी करते हुए बताया कि थाना भोपा पुलिस द्वारा 7 नामजद व 10-12 अज्ञात अभियुक्तों के खिलाफ संबंधित धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया है। अभियुक्तों की शीघ्र गिरफ्तारी की जाएगी, स्थानीय पुलिस द्वारा अन्य विधिक कार्यवाही की जा रही है।

मुजफ्फरनगर पुलिस का मामले में ट्वीट

दैनिक जागरण ने मामले में 28 मई 2021 को रिपोर्ट करते हुए बताया कि विवेचक उप निरीक्षक रेशमपाल सिंह की टीम ने फरार चल रहे आरोपित सलमान, अय्याज, रफी , नाज, खालिद समेत पाँच आरोपितों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जहाँ से उन्हें जेल भेजा गया है जबकि आस मोहम्मद व आबिद पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पाए है। पुलिस आरोपितों की तलाश में दबिश दे रही है। प्रभारी निरीक्षक दीपक चतुर्वेदी ने जागरण को यह जानकारी दी।

दूसरा भाग- वेनेजुएला, 2018 की घटना

6 फ़रवरी 2018 की ‘News.com.au’ की रिपोर्ट में इस वीडियो को नॉर्थ अमेरिका के देश वेनेज़ुएला का बताया गया। आर्टिकल में बताया गया कि इस लड़के को दुश्मन ड्रग माफ़िया गैंग ने पकड़ लिया था और किसी अनजान जगह पर उसकी गला काटकर हत्या कर दी गई थी। उन्होंने इस घटना को शूट कर इसका वीडियो शेयर किया था। इस आर्टिकल में वीडियो के कुछ फ्रेम्स शेयर किए गए हैं।

दूसरे हिस्से का वीडियो वेनेजुएला का है।

6 फ़रवरी 2018 को द डेली मेल ने भी इस घटना के बारे में एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। आर्टिकल के मुताबिक, ये लड़का जेल में पनपने वाले खौफ़नाक गिरोह ‘मेगाबंडस’ का शिकार हुआ था। ये गिरोह अपहरण, ज़बरन वसूली और हत्या में माहिर है। ये वीडियो सबसे पहले ‘News.com.au’ में प्रकाशित होने के बाद सामने आया था जिसने हत्या के लिए किसी एक गैंग को ज़िम्मेदार ठहराया था। 

वायरल वीडियो और सुदर्शन चैनल

इस मामले पर सुदर्शन चैनल के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर और एडिटर-इन-चीफ सुरेश चव्हाणके का भी पक्ष लिया गया। उन्होंने कहा, “इस वीडियो पर लगा सुदर्शन चैनल का लोगो 3 साल पहले का है। यह दो वीडियो को जोड़ कर बनाया गया है। यह सुदर्शन को ‘फेक न्यूज पेडलर’ साबित करने और सर्वोच्च न्यायालय में चल रही हमारी केस को प्रभावित करने के लिए किया गया षड्यंत्र भी हो सकता है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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