Thursday, March 28, 2024
Homeराजनीति27 साल पहले जिन सुधारों के लिए कॉन्ग्रेस से लड़े पिता, आज उसके ही...

27 साल पहले जिन सुधारों के लिए कॉन्ग्रेस से लड़े पिता, आज उसके ही विरोध में बेटे ने खोल रखा है मोर्चा: महेंद्र से राकेश टिकैत तक कैसे बदली किसान पॉलिटिक्स

उत्तर प्रदेश के चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत 27 साल पहले किसान आंदोलनों का चेहरा हुआ करते थे। टिकैत और भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के चार अन्य नेताओं ने तत्कालीन पीएम नरसिम्हा राव के निमंत्रण पर उनसे मुलाकात की थी। टिकैत ने सरकार से कहा था कि वह किसानों को देश में कहीं भी अपने उत्पाद को बेचने की अनुमति दें।

किसान आंदोलन और उनके नेताओं की मंशा कैसे बदली है, इसका इससे बेहतर उदाहरण नहीं मिल सकता। 27 साल पहले जिन सुधारों को लेकर किसानों के अब तक के सबसे बड़े नेता महेंद्र सिंह टिकैत सरकार से लड़े थे, आज नए कृषि कानूनों में उन्हें पूरा किए जाने के खिलाफ ही उनके बेटे राकेश टिकैत ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।

उत्तर प्रदेश के चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत 27 साल पहले किसान आंदोलनों का चेहरा हुआ करते थे। टिकैत और भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के चार अन्य नेताओं ने तत्कालीन पीएम नरसिम्हा राव के निमंत्रण पर उनसे मुलाकात की थी। टिकैत ने सरकार से कहा था कि वह किसानों को देश में कहीं भी अपने उत्पाद को बेचने की अनुमति दें।

उन्होंने माँग की थी कि किसान उनको अपना अनाज बेच सकें जो उन्हें अच्छी कीमत देने के लिए तैयार हो। किसान के लिए पूरे देश का बाजार खोला जाए। उसे किसी मंडी के लाइसेंसी को फसल बेचने की बाध्यता नहीं हो।

उस समय कृषि मंत्रालय के सचिव एमएस गिल भी टिकैत और बीकेयू के अन्य नेताओं से मिले थे। उस समय पीवी नरसिम्हा राव ने माँगों को पूरी तरह से पूरा करने में असमर्थता दिखाई थी। टिकैत ने सरकार के खिलाफ विद्रोह किया और अपनी माँगों को पूरा करने के लिए विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व किया। हालाँकि चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के किसानों के लिए किए गए आंदोलन के बावजूद इस माँग को पूरा नहीं किया जा सका। उन्होंने यह भी माँग की थी कि 1967 की कीमत के आधार पर गेहूँ की कीमत तय की जानी चाहिए।

हाल ही में पारित कृषि कानूनों में, सरकार ने किसानों को देश में कहीं भी अपने उत्पाद बेचने की अनुमति दी है। टिकैत की माँग के 27 साल बाद पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार कृषि कानूनों में सुधार लेकर आई। हालाँकि वह इस क्षण के गवाह नहीं बन सके, क्योंकि 2011 में उनका निधन हो गया। अब वही बीकेयू उन कानूनों का विरोध कर रहा है जो 27 साल पहले टिकैत की माँगों के अनुरूप हैं। इस समय बीकेयू के नरेश टिकैत हैं। लेकिन, संगठन की बागडोर असल मायनों में उनके छोटे भाई राकेश टिकैत ने सॅंभाल रखी है। केंद्र सरकार से बातचीत करने वाले किसानों के कोर ग्रुप का भी राकेश हिस्सा हैं। AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के भी BKU के साथ लिंक सामने आए हैं।

कौन थे महेंद्र सिंह टिकैत

1935 में जन्मे टिकैत स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे प्रसिद्ध किसान नेता थे। उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर जिले के सिसौली गाँव से आने वाले टिकैत भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष थे। किसानों के लिए किए गए उनके काम के लिए उन्हें अक्सर किसानों का ‘दूसरा मसीहा’ कहा जाता था।

टिकैत का नाम पहली बार सुर्खियों में तब आया था जब उन्होंने 1987 में मुजफ्फरनगर में किसानों के लिए बिजली बिल-माफी की माँग की थी। 1988 में, दिल्ली में किसानों के विरोध का नेतृत्व करने पर उनका कद बड़ा हो गया। तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के नेतृत्व वाली सरकार को पाँच लाख से अधिक किसानों के क्रोध का सामना करना पड़ा, जिन्होंने सात दिनों के लिए दिल्ली पर कब्जा कर लिया था। उस समय, पुलिस द्वारा उन पर गोलियाँ चलाने के बाद भी प्रदर्शनकारी पीछे नहीं हटे थे। इस दौरान राजेंद्र सिंह और भूप सिंह नाम के दो किसानों की मौत हो गई थी।

उस समय टिकैत ने कहा था, “पीएम ने दुश्मन की तरह व्यवहार किया है। किसानों की नाराजगी उन्हें महँगी पड़ेगी।” किसानों का आंदोलन इतना आक्रामक था कि सरकार को पूर्व पीएम इंदिरा गाँधी की पुण्यतिथि पर कार्यक्रम स्थल बदलना पड़ा। टिकैत द्वारा रखी गई सभी 35 माँगों पर सरकार की सहमति के बाद विरोध-प्रदर्शन समाप्त हो गया था।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मुख़्तार अंसारी की मौत: हार्ट अटैक के बाद अस्पताल ले जाया गया था माफिया, पूर्वांचल के कई जिलों में बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था

माफिया मुख़्तार अंसारी को बाँदा जेल में आया हार्ट अटैक। अस्पताल में डॉक्टरों ने मृत घोषित किया। पूर्वांचल के कई जिलों में बढ़ी सुरक्षा व्यवस्था।

‘कॉन्ग्रेस सरकार ने रोक दिया हिन्दुओं का दाना-पानी, मैं राशन लेकर जा रहा था’: विधायक T राजा सिंह तेलंगाना में हाउस अरेस्ट, बोले –...

बकौल राजा सिंह, कॉन्ग्रेस सरकार ने चेंगीछेरला के हिन्दुओं का खाना और राशन तक बंद कर दिया है और जब वो राशन ले कर वहाँ जाने वाले थे तो उनको हाउस अरेस्ट कर लिया गया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe