आज से कुछ दशक पहले लोग चिट्ठी गायब होने पर पोस्टमैन को कोसते थे। अब इंस्टाग्राम पोस्ट गायब हो तो लोग सीधे ब्रह्मांड को दोष देने लगते हैं। अपूर्वा मुखीजा ने इंस्टा से सबकुछ डिलीट कर दिया!- जैसे ही ये खबर फैली, पूरे इंटरनेट में ऐसा कोहराम मचा, जैसे ‘कॉफी विद करण’ में कोई सलमान की शादी की तारीख बता दे।
‘द रिबेल किड’ यानी अपूर्वा, जिन्हें लोग इंस्टाग्राम की रंगीली विदूषी मानते थे, अचानक सबकुछ मिटा के गायब हो गईं। 21 दिनों तक उनकी कोई स्टोरी नहीं। कोई पोस्ट नहीं। एक बार को तो लगा कि शायद वो हिमालय चली गई हैं, फिल्टर के बिना ध्यान लगाने।
जब फॉलोअर्स हुए अनफॉलो
हमारे देश में दो चीज़ों का खास महत्व है- धार्मिक कर्मकांड और इंस्टाग्राम फॉलोअर्स। अपूर्वा ने एक झटके में दोनों की तरह अपने अकाउंट की पवित्रता का जलाभिषेक कर डाला। सभी को अनफॉलो किया और प्रोफाइल में ‘निंबू-मिर्ची’ टाँग दी। 2.9 मिलियन ‘रेबेलियंस’ को संपत्ति का दर्जा दिया।

जनता ने सोचा, “कहीं किसी ने कुछ कह दिया होगा”। कुछ लोगों ने उनके डिलीटेड पोस्ट्स पर थ्योरी बनाई जैसे NASA वाले एलियन्स पर बनाते हैं। एक ट्रेंडसेटर ने यहाँ तक कह दिया, “यार, ये तो डिजिटल रिडेम्प्शन है, मैं भी आज सबकुछ डिलीट कर रहा हूँ।”
पर जनाब! डिलीट करने के बाद उनकी रील्स पर सिर्फ 42 लाइक्स आए और वह दोबारा अपूर्वा को फॉलो करने लगे। बस फर्क इतना था कि अब उन्हें फॉलो-बैक नहीं मिला।
टैलेंट तो गया पर ट्रोल्स आ गए
अब इस किस्से का सबसे मसालेदार हिस्सा आता है- ‘इंडियाज़ गॉट लैटेंट’। नाम से तो लगा था कोई मज़ेदार टैलेंट शो है, लेकिन निकला ऐसा अखाड़ा, जहाँ कंटेंट क्रिएटरों को नाटक, ड्रामा और धमकियों की तीर-कमान से नवाज़ा गया।
शो में अपूर्वा मुखीजा को बुलाया गया। सबने सोचा अब उनके ह्यूमर का जादू चलेगा। लेकिन हो गया उल्टा। एक और पैनलिस्ट ने ऐसा बयान दे डाला कि विवाद का मिर्ची पाउडर पूरे शो में छिड़क गया।
और फिर शुरू हुई असली चटनी – धमकियों की बाढ़, चरित्र हनन, ट्रोलिंग, मीम्स, ट्विटर थ्रेड्स और कानून के झंडे। रिपोर्ट्स के अनुसार, अपूर्वा पर FIR दर्ज कर दी गई जैसे वो कोई गैंगस्टर हों और इंस्टाग्राम की गली में कोई रील की डकैती कर ली हो।
21 दिन बाद जब ‘दीवारों के भी कान होते हैं’
21 दिन बाद, अपूर्वा का ‘कमबैक’ हुआ। हाँ वही जिसकी उम्मीद हमे अपने जीवन से है। अपूर्वा का इंस्टा ब्रॉडकास्ट एक लाइन से वायरल हो गई “दीवारों के भी कान होते हैं।”

जनता ने इसे ऐसे पढ़ा जैसे कुरान की आयत हो या गुरुजी का संकेत। कोई बोला, “ये उन ट्रोल्स के लिए है।” दूसरा बोला, “नहीं रे! ये शो के प्रोड्यूसर के लिए है।” तीसरा चिल्लाया, “मैं तो इसे अपनी एक्स को भेजूंगा!”
फिर आया दूसरा पोस्ट, “इसलिए शुक्रिया।” अब जनता का दिमाग पूरी तरह फ्राई हो गया। शुक्रिया किसे? धमकी देने वालों को? FIR करने वालों को? या फिर भगवान को जिन्होंने 21 दिन तक वाईफाई बंद रखा?
डिजिटल शांति या सोशल मीडिया का सन्नाटा?
21 दिनों तक अपूर्वा ने सोशल मीडिया पर ‘ब्रह्मचारी’ जीवन बिताया। न रील, न ट्रेंडिंग ऑडियो, न फोटो डंप। उनके फैन क्लब वालों ने एक याचिका तक बना दी, “Bring Apoorva Back, or We Quit Instagram”।
इधर ट्रोल्स भी कंफ्यूज थे। एक ने कहा, “हमने तो मज़ाक उड़ाया पर वो चली गई, अब किसपे मीम बनाएँ?” इतने में दूसरे ने कहा, “चुप रहो! वो वापस आई है और उसके पास स्क्रीनशॉट्स हैं।”
जिन्हें कहानियाँ सुनानी आती हैं, उन्हें चुप कराना मुश्किल
अपूर्वा की कहानी महज एक इंटरनेट सेंसेशन की नहीं बल्कि उस डिजिटल समाज की है, जहाँ एक लड़की जब बोलती है, तो ट्रोल्स की तलवारें खिंच जाती हैं। अपूर्वा की स्टोरी टेलिंग की प्रतिभा का हर कोई फैन है। इसीलिए उसे चुप कराना मुश्किल है।
वो इंस्टाग्राम पर हँसी-मज़ाक करती, फनी रील बनाती, समाज पर तंज कसती थी। लेकिन जैसे ही उसने एक मंच पर कुछ ऐसा कहा जो ‘व्यवस्था’ को पसंद नहीं आया, उसके खिलाफ धमकियाँ शुरू हो गईं। FIR तक हुई। और सबसे बड़ी विडंबना तो यह थी कि एक शो जिसका नाम ‘India’s Got Latent’ था, उसने असली टैलेंट को ही चुप करवा दिया।
अपूर्वा लौट चुकी है
आज की डिजिटल दुनिया में कोई लड़की ज़्यादा बोलती है तो ‘Feminism’ की कैटेगरी में आती है। कभी उसे ‘Attention Seeker’ कहा जाता है। कभी ‘Over Sensitive’ और जब वो चुप हो जाती है तो वही लोग कहते हैं – “कहाँ गई? बड़ा याद आती है!”
पर अब अपूर्वा लौट चुकी हैं। उनके पास शब्द भी हैं, स्क्रीनशॉट भी। उनके पास व्यंग्य भी है, व्यथा भी। और सबसे बड़ी बात- उनके पास उनके फॉलोअर्स का वो भरोसा है, जो जानता है कि ‘दीवारों के भी कान होते हैं’। पर ‘रिबेल किड’ की आवाज़ अब गूँगी नहीं रही।