Saturday, May 4, 2024
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‘जानबूझकर रखे ऐसे डायलॉग्स, ताकि कनेक्ट हो सके नई पीढ़ी’: ‘आदिपुरुष’ पर गलती मानने को तैयार नहीं मनोज मुंतशिर, कहा – ऐसे ही बोलते हैं बड़े-बड़े कथावाचक

उन्होंने कहा कि फिल्म में कई किरदार हैं और सभी एक तरह से बात नहीं कर सकते, अलग होना ज़रूरी है।

फिल्म ‘आदिपुरुष’ के संवाद को लेकर भी इसकी आलोचना हो रही है। रामायण पर आधारित इस फिल्म के हिंदी डायलॉग्स मनोज मुंतशिर ने लिखे हैं। फिल्म में हनुमान जी को ‘जलेगी भी तेरे बाप की…’ जैसे डायलॉग्स बोलते हुए दिखाया गया है। लोग इसे हिन्दू देवी-देवताओं का सही चित्रण नहीं मान रहे हैं। अब मनोज मुंतशिर ने विवादों पर सफाई देते हुए कहा है कि डायलॉग्स को जानबूझकर ऐसा रखा गया है, ताकि नई पीढ़ी इससे जुड़ सके।

मनोज मुंतशिर ने शिकायत की है कि फिल्म में भगवान श्रीराम और अन्य किरदारों द्वारा बोले गए संवाद का जिक्र नहीं किया जा रहा है। उन्होंने पूछा कि सिर्फ हनुमान जी की ही बात क्यों हो रही है? बकौल मनोज मुंतशिर, उस संवाद की बात भी होनी चाहिए जब अशोक वाटिका में बैठ कर माँ सीता रावण को चुनौती देते हुए कहती हैं कि तेरी लंका में इतना सोना नहीं है जो जानकी के प्रेम को खरीद सके। बकौल मनोज मुंतशिर, डायलॉग सिंपल रखे गए हैं।

‘तेरी मिट्टी’ जैसे गाने लिख चुके मनोज मुंतशिर का कहना है कि बजरंग बली के डायलॉग्स भी एक प्रक्रिया से गुजरे हैं। उन्होंने कहा कि फिल्म में कई किरदार हैं और सभी एक तरह से बात नहीं कर सकते, अलग होना ज़रूरी है। उन्होंने दावा किया कि दादी-नानियाँ इसी भाषा में रामायण की कथाएँ सुनाती थीं। उन्होंने कहा कि वो छोटे से गाँव से आते हैं जहाँ अखंड रामायण वाचन होता रहता है। मनोज मुंतशिर का दावा है कि पहले भी ऐसे डायलॉग्स लिखे गए हैं और देश के बड़े-बड़े कथावाचक भी ऐसे ही सुनाते हैं।

‘रिपब्लिक टीवी’ से बात करते हुए मनोज मुंतशिर ने कहा कि आम बोलचाल की भाषा ऐसी ही होती है। उन्होंने पूछा कि डायलॉग्स में क्या कमजोर है? मनोज मुंतशिर का कहना है कि बचपन से हम रामायण सुनते आ रहे हैं। बता दें कि खासकर के लंका दहन से पहले हनुमान जी के डायलॉग ‘कपड़ा तेरे बाप का, तेल तेरे बाप का, आग तेरे बाप की, जलेगी भी तेरे बाप की’ वाले डायलॉग पर विवाद हो रहा है। बता दें कि हनुमान जी वाक्चतुर और व्याकरण के विद्वान थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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