Saturday, April 20, 2024
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गरीब भी था और नेपोटिज्म तो था ही… हटाना पड़ा था ‘शुक्ला’ सरनेम: रवि किशन ने बॉलीवुड की खोली पोल

"मुंबई में लोग हमें भैया कह कर पुकारते हैं और उत्तर प्रदेश या फिर बाकी छोटे क्षेत्रों से जो लोग आते हैं, उन्हें नेपोटिज्म का शिकार बनने को मजबूत होना पड़ता है। अभी जो लड़ाई लड़ी जा रही है, ये केवल सुशांत सिंह राजपूत की ही नहीं बल्कि..."

गोरखपुर से सांसद रवि किशन ने बॉलीवुड में सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद नेपोटिज्म पर चल रही बहस को आगे बढ़ाते हुए एक बड़ा खुलासा किया है। एक दौर में भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार रहे और कई बॉलीवुड फिल्मों में अलग-अलग भूमिकाएँ निभा चुके रवि किशन ने कहा है कि मुंबई की फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज्म इतना ज्यादा हावी है कि उन्हें अपना सरनेम (शुक्ला) तक हटाना पड़ा था।

बता दें कि संसद में भी वो रवि किशन शुक्ला के रूप में पुकारे जाते हैं क्योंकि उनका आधिकारिक नाम यही है और चुनाव भी उन्होंने इसी नाम से लड़ा था लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में कभी भी उनके नाम के साथ ‘शुक्ला’ लगा हुआ नहीं देखा गया। भाजपा नेता ने बताया कि उन्होंने नेपोटिज्म के कारण बहुत कुछ खोया है। उन्होंने कहा कि वो इंडस्ट्री में रुपए कमाने और अपने माँ-बाप का नाम रौशन करने आए थे।

रवि किशन ने कहा कि इन सबके बावजूद वो एक गरीब परिवार से मुंबई आए थे, इसीलिए उन्हें यहाँ आकर अपना सरनेम हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा। ‘न्यूज़ 18’ की खबर के अनुसार, उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीबीआई जाँच के आदेश देने और मुंबई पुलिस को जाँच एजेंसी का सहयोग करने का आदेश देने वाले फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि ये एक ऐतिहासिक फैसला है।

ये बातें उन्होंने ‘न्यूज़ 18’ की प्रीति श्रीवास्तव से बातचीत में कही। रवि किशन शुक्ला ने कहा कि ये दिवंगत अभिनेता के परिवार ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए ख़ुशी का विषय है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि ये मामला आत्महत्या का नहीं लग रहा है और मुंबई पुलिस को इस बात पर सोच-विचार करना चाहिए कि आखिर उसने क्या खोया है? साथ ही उन्होंने बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय की भी तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने काफी अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा:

“मुंबई में लोग हमें भैया कह कर पुकारते हैं और उत्तर प्रदेश या फिर बाकी छोटे क्षेत्रों से जो लोग आते हैं, उन्हें नेपोटिज्म का शिकार बनने को मजबूत होना पड़ता है। अभी जो लड़ाई लड़ी जा रही है, ये केवल सुशांत सिंह राजपूत की ही नहीं बल्कि पूरे देश के नौजवानों की लड़ाई है। उत्तर प्रदेश और बिहार से या किसी भी राज्य से जब कोई कलाकार मुंबई काम करने के लिए जाए तो उसे हीन भावना से भैया ना बोला जाए। उन्हें नज़रअंदाज़ न किया जाए।”

साथ ही रवि किशन ने ये भी कहा कि आगे यूपी-बिहार से जाने वाले नए कलाकारों के खिलाफ किसी भी प्रकार की गुटबाजी भी नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जो कलाकार वहाँ काम करने जाते हैं, उनका सम्मान किया जाना चाहिए। रवि किशन द्वारा ‘शुक्ला’ सरनेम हटाने के खुलासे के बीच बता दें कि सिने इंडस्ट्री में कई ऐसे अभिनेता हैं, जो सिल्वर स्क्रीन के लिए अपना पूरा नाम या सरनेम बदल कर या हटा कर काम कर रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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