अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अन्य देशों से अमेरिका में आने वाले वस्तुओं पर अतिरिक्त शुल्क, यानी टैरिफ लगाते हुए दुनिया भर में ‘टैरिफ वॉर’ छेड़ दिया है। इससे दुनिया भर के शेयर मार्केट धड़ाम हो रहे हैं। डोनाल्ड ट्रम्प ने इसे ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ नाम दिया है, अर्थात जितने टैरिफ अमेरिका से निर्यातित वस्तुओं पर दूसरे देश लगाएँगे, अमेरिका भी उन देशों से आयातित वस्तुओं पर उतना ही कर लगाएगा। चीन ने भी अमेरिका से आने वाले सामानों पर 34% टैरिफ लगाया है, जिसपर ट्रम्प ने 50% और टैरिफ बढ़ाने की चेतावनी दी है।
सोमवार (7 अप्रैल, 2025) को चीन और भारत समेत कई बाजारों में इसका असर देखने को मिला। भारत में तो इस दिन का मार्केट क्रैश देश के इतिहास में मार्केट कैप के मामले में तीसरा सबसे बड़ा है। एक दिन में निवेशकों के 14.20 लाख करोड़ रुपए स्वाहा हो गए। वहीं प्रतिशत के मामले में ये एक दिन में छठा सबसे बड़ा क्रैश है। सेंसेक्स में एक दिन में 2227 पॉइंट्स की गिरावट दर्ज की गई। सबसे ज़्यादा क्षति यहाँ टाटा समूह को पहुँची, जिसे 2.40 लाख करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा।
रिलायंस को 1.30 लाख करोड़ रुपए और अडानी समूह को 61,000 करोड़ रुपए का घाटा हुआ। हालाँकि, इन आँकड़ों के बीच एक आँकड़ा यह भी है कि अप्रैल 2025 के पूरे पहले सप्ताह की बात करें तो बड़े वैश्विक बाजारों में सबसे कम असर भारत पर ही पड़ा। जैसा कि आप नीचे दिए गए टेबल में देख सकते हैं, भारत में निफ्टी एक सप्ताह में 4.33% घटा और सेंसेक्स 3.79%, जबकि अमेरिका, जापान, हॉन्गकॉन्ग, चीन, यूरोप, जापान, दक्षिण कोरिया और जर्मनी में इससे बड़ी गिरावट दर्ज की गई।
Index | Country/Region | Apr 1, 2025 | Apr 7, 2025 | Change (%) |
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Nifty 50 | भारत | 23,165.70 | 22,161.60 | -4.33% |
Sensex | भारत | 76,024.51 | 73,137.90 | -3.79% |
Dow Jones | अमेरिका | 41,989.96 | 37,879.65 | -9.78% |
Hang Seng | हॉन्गकॉन्ग (चीन) | 23,206.84 | 19,828.30 | -14.55% |
Shanghai Composite | चीन | 3,348.44 | 3,096.58 | -7.52% |
Euro Stoxx 50 | यूरोज़ोन | 5,320.30 | 4,662.45 | -12.36% |
Nikkei 225 | जापान | 35,624.48 | 31,136.58 | -12.59% |
KOSPI | दक्षिण कोरिया | 2,521.39 | 2,328.20 | -7.66% |
DAX | जर्मनी | 22,539.98 | 19,689.75 | -12.64% |
ऊपर दी गई तालिका में 1 अप्रैल एवं 7 अप्रैल 2025 के बीच के शेयर बाजारों के अंकों की तुलना की गई है और प्रतिशत के हिसाब से बताया गया है कि किस देश का बाजार कितना गिरा। सबसे अधिक मार हॉन्गकॉन्ग पर पड़ी है, जहाँ का बाजार 14.55% गिर गया, मात्र एक सप्ताह में। उसके बाद जर्मनी को 12.64% जापान को 12.59% और यूरोप को 12.36% की गिरावट झेलनी पड़ी। कई विपक्षी नेता भारत में शेयर मार्केट गिरने के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, उन्हें ये आँकड़े देखने चाहिए।